हरियाणा-पंजाब सीमा पर स्थित शंभू टोल के बंद होने से सभी बाजारों में व्यापार पर असर पड़ रहा है। सोने और चांदी के बाजारों में भी इससे काफी परेशानी हो रही है। व्यापारिक व्यक्तियों का कहना है कि व्यापार में पहले से ही कमी आ गई है और व्यापार 20 प्रतिशत तक घट गया है। नए आर्डर भी नहीं आ रहे हैं।
पंजाब की सीमाओं पर प्रतिबंधित यातायात से चंडीगढ़ मार्ग पर भी वाहनों की भीड़ बढ़ गई है। इसके परिणामस्वरूप, घंटों तक जाम लगा रहता है। ऐसे में, हिमाचल से आने वाले ग्राहक भी अंबाला आने से लेकर इनकार कर रहे हैं। साथ ही, पंजाब की ओर जाने वाले रेल मार्ग पर भी किसानों द्वारा जाम लगा दिया गया है। इसके कारण, जो व्यापारिक ग्राहक आते थे, उनकी आगंतुकता में भी कमी आ गई है। व्यापारिक वर्ग का कहना है कि कुछ कर्मचारी पंजाब से उनके पास नौकरी करने आते हैं, लेकिन अब तक सरकार ने इस समस्या का कोई स्पष्ट समाधान नहीं निकाला है।
खर्च तो वही है, लेकिन व्यापार पर असर पड़ रहा है
अंबाला के सर्राफा ट्रेडर्स एण्ड मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेंद्र परमार ने बताया कि पंजाब की सीमाएं बाधित होने के कारण 80 प्रतिशत तक व्यापार ठप हो गया है। उन्होंने कहा कि उनके पास कुछ कर्मचारी पंजाब से काम करने के लिए आते हैं, लेकिन सीमाओं के बाधित होने के कारण उन्हें लालडू के रास्ते से जाना पड़ता है, जिसमें तीन से चार घंटों का समय लगता है। उन्होंने यह भी कहा कि काम की कमी है, लेकिन कर्मचारियों को वेतन देना भी जरूरी है, जिससे उनपर अधिक बोझ न पड़े|
न के बराबर ग्राहक
अखिल हरियाणा स्वर्णकार संघ के प्रदेश अध्यक्ष बाबूराम वर्मा ने बताया कि अंबाला के सर्राफा बाजार से पंजाब के 500 से 600 गांव के ग्राहक जुड़े हुए हैं। 100 गांव ताे सिर्फ अंबाला सीमा से ही लगते हैं। मार्ग बाधित होने से ग्रामीण क्षेत्र के ग्राहक उतने ही रह गए हैं, जितने नहीं। व्यापारियों को सारा दिन खाली ही बैठना पड़ रहा है। लेकिन खर्च वहीं के वहीं बने हुए है।
Income जीरो पर खर्चा वही
अंबाला के सर्राफा ट्रेडर्स एंड मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेंद्र परमार ने बताया कि पंजाब की सीमाओं में बाधित होने के कारण 80 प्रतिशत तक व्यापार ठप हो गया है। उन्होंने बताया कि उनके पास कुछ कर्मचारी पंजाब क्षेत्र में काम करने के लिए आते हैं। लेकिन पंजाब की सीमाओं में बाधित होने के कारण उन्हें लालडू के रास्ते से आना पड़ रहा है। जिसमें तीन से चार घंटों का समय लग रहा है। उन्होंने कहा कि काम की कमी है लेकिन कर्मचारियों को वेतन भी देना जरूरी है। इससे उनपर अधिक बोझ बढ़ गया है।
रेल मार्ग के बंद होने से व्यापार रुका हुआ है
सर्राफ अमित परमार का कहना है कि किसान आंदोलन से पहले बाजार में लुधियाना तक के ग्राहक आते थे। अब मार्ग बाधित होने के कारण ग्रामीण स्तर के भी ग्राहकों ने अंबाला के बाजारों से किनारा कर लिया है। उनके पास सिर्फ राजपुरा से ही 80 प्रतिशत ग्राहक आते थे। अब रेल मार्ग भी बंद है। इस वजह से काम पूरी तरह से ठप हो गया है।
टैक्स भरने के बाद भी सुनवाई नहीं हो रही है