Gaganyaan Mission: भारत के ये 4 अंतरिक्ष यात्री जाएंगे स्पेस, PM ने दिए ‘Astronaut Wings’

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भारत के ये 4 अंतरिक्ष यात्री जाएंगे स्पेस:

भारत के ये 4 अंतरिक्ष यात्री जाएंगे स्पेस: भारत एक बार फिर से अंतरिक्ष में इतिहास बनाने के लिए तैयारी कर रहा है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) अपने गगनयान मिशन पर तेजी से काम कर रहा है। यह मिशन इसरो को नए उच्चतम स्तर पर पहुंचाएगा।

गगनयान मिशन, भारत का पहला मानव अंतरिक्ष मिशन, जल्द ही लॉन्च होने वाला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2018 में इस मिशन की घोषणा की थी। तब से इसके बारे में उनके नाम पर सस्पेंस है। आज प्रधानमंत्री मोदी विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर पहुंचे हैं, जहां वे गगनयान मिशन के अंतरिक्ष यात्रियों से मिले।

स्पेस: 4 गगनयान यात्रियों से परिचित हुआ देश

स्पेस

पीएम मोदी ने बताया कि भारत जल, थल, नभ और अंतरिक्ष में अपने ऐतिहासिक काम को जारी रख रहा है। भारत चाँद के साउथ पोल पर पहुंचने वाला पहला देश होगा। आज दुनिया भर में भारत की शक्ति की पहचान है। देश अब अपने चार गगनयान यात्रियों से परिचित हो रहा है। ये चार यात्री 140 करोड़ भारतीयों की आकांक्षाओं से भरे हैं। अब स्पेस तक भारतीयों की आकांक्षाएं पहुंचेंगी।

ये 4 यात्री आज के भारत का विश्वास
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बताया कि ये चार यात्री आज के भारत का विश्वास हैं। भारत का गौरव बढ़ाने का प्रयास लगातार जारी रहेगा। हेल्दी माइंड और हेल्दी बॉडी का संगम आवश्यक है। पीएम मोदी ने कहा कि देश का आशीर्वाद और शुभकामनाएं आपके साथ हैं। आप गगनयान यात्री डटे रहें, जुड़े रहें।
चारों यात्रियों को PM ने दिए ‘Astronaut Wings’
प्रधानमंत्री मोदी ने आज उन चारों अंतरिक्ष यात्रियों के नामों की घोषणा की, जो देश के पहले मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन, गगनयान के लिए जाएंगे। इन चारों अंतरिक्ष यात्रियों के नाम हैं – प्रशांत बालकृष्णन नायर, अंगद प्रताप, अजीत कृष्णन और शुभांशु शुक्ला। उन्होंने चारों को ‘एस्ट्रोनॉट विंग्स’ प्रदान किए।
3 प्रमुख स्पेस इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन
आज प्रधानमंत्री मोदी ने थुंबा में विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (VSSC) की अपनी यात्रा के दौरान इसरो के 3 प्रमुख स्पेस इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट का उद्घाटन भी किया। ये तीन प्रोजेक्ट्स अंतरिक्ष क्षेत्र के लिए विश्व स्तरीय तकनीकी सुविधाएं प्रदान करेंगे। इन्हें लगभग 1,800 करोड़ रुपए की लागत के साथ विकसित किया गया है। इसरो का प्रमुख केंद्र, VSSC लॉन्च व्हीकल टेक्नोलॉजी के डिजाइन और विकास के लिए जिम्मेदार है। इन सुविधाओं का उद्घाटन भारत की स्पेस एक्सप्लोरेशन क्षमताओं में महत्वपूर्ण प्रगति का प्रतीक है।
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