अरविंद केजरीवाल को ईडी का नोटिस
दिल्ली जल बोर्ड मामला: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) दिल्ली जल बोर्ड में अवैध टेंडरिंग और पैसे की लॉन्ड्रिंग की जाँच कर रहा है। यह जल बोर्ड दिल्ली सरकार के अंतर्गत आता है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार (18 मार्च) को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को समन किया है। केजरीवाल को दिल्ली जल बोर्ड मामले में ‘प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट’ (पीएमएलए) की धारा 50 के तहत नोटिस भेजा गया है। हालांकि, केजरीवाल आज जांच एजेंसी के दफ्तर नहीं जाएंगे। ईडी के नोटिस में आम आदमी पार्टी (आप) के मुखिया से कहा गया है कि वह जांच एजेंसी के दफ्तर आकर पूछताछ में शामिल हों।
आम आदमी पार्टी ने एक बार फिर से ईडी के नोटिस को गैरकानूनी बताया है। AAP ने कहा है कि बीजेपी ईडी के पीछे छुपकर क्यों चुनाव लड़ना चाहती है। दिल्ली शराब नीति मामले में रविवार (17 मार्च) को ईडी की तरफ से केजरीवाल को नौवीं बार समन भेजा गया। इसके कुछ ही घंटों बाद ईडी ने दिल्ली जल बोर्ड में अवैध टेंडरिंग और अनियमितताओं से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली सीएम को नया समन भेजा। उनसे सोमवार को ईडी दफ्तर आकर बयान दर्ज करवाने को कहा गया।
अरविंद केजरीवाल को ईडी का नोटिसमामला क्या है?
ईडी दिल्ली जल बोर्ड के दो कॉन्ट्रैक्टों के नियमों की उल्लंघन और अनियमितताओं की जांच कर रहा है। 1998 में स्थापित दिल्ली जल बोर्ड राष्ट्रीय राजधानी में पानी की आपूर्ति करता है। यह नई दिल्ली नगर पालिका परिषद और दिल्ली कैंट के क्षेत्रों से सीवेज को इकट्ठा और निपटान का काम भी करता है। जुलाई 2022 में सीबीआई द्वारा दर्ज किए गए भ्रष्टाचार मामलों के बाद, ईडी को इस केस की नेतृत्व का अधिकार मिला।
जगदीश कुमार अरोड़ा ने इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फ्लो मीटर की सप्लाई, इंस्टॉलेशन, टेस्टिंग, और कमीशनिंग के लिए एक कंपनी को कॉन्ट्रैक्ट दिया। इस कंपनी का नाम एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड है, जिसे 38 करोड़ रुपये का कॉन्ट्रैक्ट मिला था। कंपनी को कॉन्ट्रैक्ट देने के दौरान इस बात पर ध्यान नहीं दिया गया कि वह टेक्निकल एलिजिबिलिटी क्राइटिरिया को पूरा नहीं करती है।
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इस बात का दावा किया गया कि अधिकारियों ने रिश्वत के लिए एनबीसीसी (इंडिया) लिमिटेड के अधिकारियों के साथ मिलकर एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को कॉन्ट्रैक्ट दिलवाया। इसके बाद ईडी ने इस मामले में अरोड़ा और अनिल कुमार अग्रवाल नाम के एक ठेकेदार को गिरफ्तार किया।
केस में AAP का कैसे शामिल होने का मामला क्या है?
ईडी ने अपनी शिकायत में दावा किया कि एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को कॉन्ट्रैक्ट देने के बाद पूर्व इंजीनियर जगदीश कुमार अरोड़ा को रिश्वत के तौर पर कैश में पैसा दिया गया। उसके अकाउंट्स में भी रिश्वत के पैसे ट्रांसफर किए गए। इसके बाद अरोड़ा ने पैसे को जल बोर्ड के विभिन्न अधिकारियों को दिया, जिनमें से कुछ आम आदमी पार्टी से जुड़े हुए थे।
एजेंसी ने बताया कि जल बोर्ड ने कॉन्ट्रैक्ट बढ़ी हुई कीमतों पर दिया, ताकि ठेकेदारों से रिश्वत के पैसे वसूले जा सकें। एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को 38 करोड़ रुपये का कॉन्ट्रैक्ट दिया गया था, लेकिन सिर्फ 17 करोड़ रुपये ही खर्च हुए। बाकी के पैसों को फर्जी खर्चों की आड़ में रिश्वत के तौर पर वसूल लिया गया। ईडी ने यह भी दावा किया कि चुनावों में प्रचार के लिए रिश्वत के पैसे को चुनावी फंड के रूप में इस्तेमाल किया गया।