इन कंपनियों ने चुनावी चंदा देने में सबसे अधिक योगदान दिया है, जानिए ये कंपनियाँ क्या करती हैं

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चुनाव आयोग ने वेबसाइट पर चुनावी बॉन्ड खरीदने वाली शीर्ष कंपनियों की विवरण अपलोड की है। इसमें विभिन्न कंपनियों ने चंदा दिया है, जिसमें सबसे अधिक चंदा देने वाली कंपनी फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सेवाएँ है। भारतीय स्टेट बैंक द्वारा 2018 में शुरू हुई इस योजना के बाद से अब तक 30 किस्तों में 16,518 करोड़ रुपये के इलेक्टोरल बॉन्ड की जानकारी सार्वजनिक की गई है।

हाइलाइट्स

  • चुनावी बॉन्ड खरीदने वाली टॉप कंपनियों की डिटेल आ गई है
  • चुनाव आयोग ने सभी डिटेल को वेबसाइट पर अपलोड किया
  • इसमें वेदांता से लेकर एयरटेल तक कई कंपनियां शामिल हैं

चुनाव आयोग ने वेबसाइट पर चुनावी बॉन्ड खरीदने वाली शीर्ष कंपनियों की विवरण अपलोड किया है। इस डेटा को दो पार्टों में विभाजित किया गया है। पहले पार्ट में 337 पेज हैं, जिसमें चुनावी बॉन्ड खरीदने वाली कंपनियों और संस्थानों के नाम, खरीद की तारीख, और खर्च की जानकारी शामिल है। चुनाव आयोग ने भारतीय स्टेट बैंक की ओर से सुप्रीम कोर्ट को सौंपा गया है और इसका पूरा डेटा अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है। इस योजना के शुरू होने के बाद से अब तक 30 किस्तों में 16,518 करोड़ रुपये के इलेक्टोरल बॉन्ड की जानकारी सार्वजनिक की गई है। भारत निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर अपलोड किए गए आंकड़ों के मुताबिक, राजनीतिक पार्टियों को फंड देने वालों में गेमिंग, इंफ्रा और माइनिंग से लेकर कई कंपनियां शामिल हैं। आइए आपको बताते हैं राजनीतिक पार्टियों को फंड देने वाली ये कंपनियां आखिर क्या काम करती हैं और इन्होंने राजनीतिक पार्टियों को कितना चंदा दिया है।

 चुनावी चंदा

ये कंपनियां दे रही हैं सबसे ज्यादा चंदा

भारत निर्वाचन आयोग द्वारा वेबसाइट पर अपलोड किए गए आंकड़ों के अनुसार, सबसे अधिक चंदा देने वाली कंपनियों में पहले स्थान पर फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज का नाम शामिल है। कंपनी ने 1368 करोड़ रुपये का फंड दिया है। फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज अप्रैल 2019 से जनवरी 2024 तक इस लिस्ट में टॉप पर है। दूसरे स्थान पर मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने 966 करोड़ रुपये का फंड दिया है। इसके बाद क्विक सप्लाई चेन प्राइवेट लिमिटेड 410 करोड़ रुपये, हल्दिया एनर्जी लिमिटेड 377 करोड़ रुपये, वेदांता लिमिटेड 376 करोड़, एस्सेल माइनिंग एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड 225 करोड़, वेस्टर्न यूपी पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड 220 करोड़, भारती एयरटेल 198 करोड़, केवेंटर फूड पार्क इंफ्रा लिमिटेड 195 करोड़, एमके एंटरप्राइजेज लिमिटेड 192 करोड़ रुपये का चंदा दिया है।

ये कंपनियां किस काम में लगी होती हैं?

फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड लॉटरी व्यवसाय में निवेश करती है। इस कंपनी का मुख्यालय कोयंबटूर में स्थित है और इसकी स्थापना 1991 में हुई थी। मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड डैम और पावर प्रोजेक्ट्स में काम करती है। क्विक सप्लाई चेन प्राइवेट लिमिटेड लॉजिस्टिक्स और सप्लाई चेन के क्षेत्र में है। हल्दिया एनर्जी लिमिटेड का एक वेस्ट बंगाल में थर्मल पावर प्लांट है। वेदांता लिमिटेड देश की सबसे बड़ी माइनिंग कंपनी है और इसकी स्थापना 25 जून 1965 को हुई थी, जिसका मुख्यालय मुंबई में स्थित है। एस्सेल माइनिंग एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड (ईएमआईएल) भारत की सबसे बड़ी लौह अयस्क खनन कंपनियों में से एक है, जिसकी स्थापना 1950 में हुई थी। वेस्टर्न यूपी पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड बिजली के प्रोडक्शन और डिस्ट्रीब्यूशन का काम करती है। भारती एयरटेल दूरसंचार कंपनी है जो ब्रांडबैंड सेवाएं भी प्रदान करती है। केवेंटर फूड पार्क इंफ्रा लिमिटेड डेयरी प्रोडक्ट्स के बिजनेस में है और इसकी स्थापना 17 जून 2010 को हुई थी, जिसका मुख्यालय कोलकाता में स्थित है।

 

 

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