कठुआ: जिला मुख्यालय समेत हीरानगर, बिलावर, बसोहली, महानपुर, रामकोट इलाकों में तीन दर्जन से अधिक कोचिंग और ट्यूशन सेंटर अवैध रूप से संचालित हो रहे हैं। न तो इन सेंटरों के पास संचालन की अनुमति है और न ही ये किसी नियमों का पालन कर रहे हैं। शिक्षा विभाग की टीम द्वारा की गई जांच में इस बात का खुलासा हुआ है। इन अवैध संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है, ताकि विद्यार्थियों की शिक्षा गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सके और शिक्षा प्रणाली में सुधार लाया जा सके। स्थानीय प्रशासन और शिक्षा विभाग अब इन अवैध सेंटरों पर नजर रख रहे हैं और उचित कदम उठाने की तैयारी कर रहे हैं।
मुख्य शिक्षा अधिकारी कठुआ के नेतृत्व में अब तक जिले में संचालित लगभग दो दर्जन कोचिंग और ट्यूशन सेंटरों की जांच की जा चुकी है। विभाग का कहना है कि इनमें से केवल एक या दो सेंटरों के पास ही वैध अनुमति है और ये नियमों का पालन कर रहे हैं। जांच में यह भी सामने आया है कि आठ केंद्रों ने अनुमति के लिए आवेदन किया था, लेकिन इनकी जांच के दौरान भी नियमों की अनदेखी पाई गई। शिक्षा विभाग का यह दावा गंभीर चिंताओं को उजागर करता है, क्योंकि इन अवैध केंद्रों में बच्चों की शिक्षा और सुरक्षा पर सवाल उठते हैं। इस स्थिति से निपटने के लिए विभाग ने सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है और यह सुनिश्चित करने की दिशा में काम कर रहा है कि सभी शैक्षिक संस्थान कानूनी रूप से संचालित हों और उच्च मानकों का पालन करें।
कठुआ: अवैध चल रहे कोचिंग Centres पर कानून का शिकंजा
सोमवार को शिक्षा विभाग की टीम ने कठुआ शहर की परिधि में चल रहे आठ कोचिंग और ट्यूशन सेंटरों का औचक निरीक्षण किया। इनमें से एक कोचिंग सेंटर पहले ही बंद हो चुका था, जबकि शेष में विद्यार्थियों की उपस्थिति पाई गई। मुख्य शिक्षा अधिकारी मंगत राम शर्मा ने बताया कि इन कोचिंग सेंटरों में निर्धारित नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है। दिल्ली हादसे के बाद नियमों को लेकर बढ़ी सख्ती के बावजूद, इन केंद्रों में से ज्यादातर में केवल एक ही इंट्री और एग्जिट प्वाइंट पाया गया। जिले में चल रहे कई ट्यूशन और कोचिंग सेंटरों में विद्यार्थियों की संख्या कमरे की क्षमता और उपलब्ध जगह से अधिक थी। इसके अलावा, सीसीटीवी निगरानी से लेकर बिजली और पानी की सुविधाओं को भी जांचा गया।
मुख्य शिक्षा अधिकारी ने बताया कि इन कोचिंग और ट्यूशन सेंटरों की व्यापक जांच की जा रही है। इसके लिए जिले भर में विशेष कमेटियां गठित की गई हैं, जो सक्रिय रूप से काम कर रही हैं। इन सेंटरों को निर्देश दिया गया है कि वे जल्द से जल्द अपनी खामियों को दूर करें और पंजीकरण प्राप्त करें। इसके अलावा, इस संबंध में एक विस्तृत रिपोर्ट जिला प्रशासन को भी सौंपी जा रही है। इस कदम का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी शैक्षिक संस्थान नियमानुसार और सुरक्षित तरीके से संचालित हों।
शिक्षा विभाग का यह प्रयास न केवल शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने के लिए है, बल्कि विद्यार्थियों की सुरक्षा और सुविधा को भी ध्यान में रखता है। कमेटियों द्वारा की जा रही जांच में यह भी सुनिश्चित किया जा रहा है कि प्रत्येक केंद्र में आवश्यक बुनियादी सुविधाएं, जैसे सीसीटीवी निगरानी, पर्याप्त बिजली और पानी की आपूर्ति, और आपातकालीन निकासी के उचित उपाय हों। इन नियमों का पालन न करने वाले केंद्रों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि शिक्षा का वातावरण सुरक्षित और अनुकूल हो। इस पहल से उम्मीद है कि कठुआ जिले में शैक्षिक संस्थानों की स्थिति में सुधार होगा और छात्रों को एक बेहतर और सुरक्षित शिक्षा का अनुभव मिलेगा।