कैप्टन अंशुमान सिंह को मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया था, जिसे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से उनकी पत्नी स्मृति और मां ने ग्रहण किया।
कीर्ति चक्र विजेता कैप्टन अंशुमान सिंह की विधवा, स्मृति सिंह के बारे में एक व्यक्ति ने सोशल मीडिया पर अपमानजनक टिप्पणी की, जिससे लोगों में भारी आक्रोश फैल गया है। सोशल मीडिया यूजर्स उस व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने भी इस अभद्र टिप्पणी का संज्ञान लेते हुए दिल्ली पुलिस को पत्र लिखकर उस व्यक्ति के खिलाफ तुरंत कार्रवाई करने की मांग की है।
यह टिप्पणी राष्ट्रपति भवन में स्मृति सिंह की उस तस्वीर पर की गई है जिसमें वे अपने पति का मरणोपरांत कीर्ति चक्र सम्मान ग्रहण कर रही हैं। कैप्टन अंशुमान सिंह सियाचिन ग्लेशियर में भारतीय सेना के शिविर में अपने सहयोगियों को बचाने की कोशिश करते हुए शहीद हो गए थे।
कैप्टन सिंह 26 पंजाब रेजिमेंट में मेडिकल ऑफिसर के पद पर तैनात थे। मरणोपरांत उन्हें दिया गया यह कीर्ति चक्र सम्मान उनकी पत्नी स्मृति और मां ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से ग्रहण किया था।
सोशल मीडिया पर की अभद्र टिप्पणी
सोशल मीडिया पर जहां कई उपयोगकर्ताओं ने शहीद सैन्यकर्मी को भावनात्मक श्रद्धांजलि अर्पित की, वहीं एक उपयोगकर्ता ने अपमानजनक टिप्पणी की। राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने दिल्ली के पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा को लिखे पत्र में इस टिप्पणी को “अश्लील” करार दिया है।
आयोग ने यह भी बताया है कि यह टिप्पणी दिल्ली निवासी अहमद नामक व्यक्ति ने की थी। इस टिप्पणी में भारतीय दंड संहिता-2023 की धारा 79 और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 67 का उल्लंघन किया गया है। महिला आयोग ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “एनसीडब्ल्यू इस व्यवहार की कड़ी निंदा करता है और तुरंत पुलिस कार्रवाई का आग्रह करता है।”
एनसीडब्लू ने पुलिस से रिपोर्ट मांगी
एनसीडब्ल्यू ने पुलिस से उस व्यक्ति को गिरफ्तार करने और तीन दिन के भीतर एक विस्तृत रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा है।
कई लोगों ने एनसीडब्ल्यू को टैग करते हुए उस व्यक्ति की टिप्पणी के स्क्रीनशॉट साझा करने वाले अन्य लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। एनडीटीवी ने इस टिप्पणी को प्रकाशित नहीं करने का निर्णय लिया है।
साथियों को बचाते हुए शहीद हुए थे कैप्टन अंशुमान
कैप्टन अंशुमान सिंह 19 जुलाई, 2023 की रात को जिस कैंप में थे, वहां भारतीय सेना के गोला-बारूद के भंडार में शॉर्ट सर्किट के कारण भीषण आग लग गई थी। कैप्टन सिंह ने देखा कि एक फाइबरग्लास हट आग की लपटों में घिरा हुआ है और तुरंत अंदर फंसे लोगों को बचाने के लिए वहां पहुंच गए। उन्होंने अपनी जान की परवाह किए बिना चार से पांच लोगों को सफलतापूर्वक बाहर निकाल लिया। हालांकि, आग तेजी से पास के मेडिकल जांच कक्ष में भी फैल गई।
कैप्टन सिंह ने बिना हिचकिचाहट फिर से कैंप के धधकते हुए हिस्से में प्रवेश किया। अपनी तमाम कोशिशों के बावजूद, वे आग की चपेट में आ गए और शहीद हो गए। उनके इस अदम्य साहस और बलिदान को याद करते हुए, बिहार के भागलपुर में 22 जुलाई, 2023 को पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। उनके इस वीरतापूर्ण कृत्य ने पूरे देश को गर्वित कर दिया और उनकी यादें हमेशा भारतीय सेना और देशवासियों के दिलों में जीवित रहेंगी।