ट्रेन में बाप-बेटे से मारपीट और लूट का मामला सामने आया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, जगराओं के रहने वाले बाप-बेटे के साथ गत रात्रि यात्रा के दौरान कुछ अज्ञात लोगों ने मारपीट कर नकदी छीन ली। पीड़ितों ने तुरंत हैल्पलाइन नंबर 100 पर कॉल की, लेकिन उन्हें रेलवे का मामला बताते हुए 139 हैल्पलाइन नंबर पर कॉल करने के लिए कहा गया। जब 139 पर कॉल की गई तो उन्हें पठानकोट स्टेशन पर उतरने के लिए कहा गया।
इसके बाद जी.आर.पी. ने पीड़ितों के बयान दर्ज किए और उन्हें इलाज के लिए सिविल अस्पताल पठानकोट में भर्ती करवाया। पीड़ित राजन सिंगला ने बताया कि उनके पिता विपन सिंगला जगराओं गांव में देसी घी का व्यवसाय करते हैं। वे दिल्ली सामान खरीदने के लिए जा रहे थे। दुर्भाग्यवश, उनकी आंख लग गई और जब वे जागे तो खुद को मथुरा स्टेशन पर पाया। रात वहीं गुजारने के बाद, उन्होंने वापस दिल्ली जाने की बजाय जगराओं की ओर लौटने के लिए ट्रेन पकड़ी।
इस घटना से यात्रियों में डर का माहौल पैदा हो गया है और सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े हो गए हैं। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और दोषियों की पहचान करने के प्रयास किए जा रहे हैं। पीड़ित परिवार ने सुरक्षा की मांग की है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
जन ने बताया कि जैसे ही वे लुधियाना स्टेशन के पास पहुंचे, ट्रेन में बैठे कुछ अज्ञात व्यक्तियों ने उनके पिता पर हमला कर उन्हें गंभीर रूप से घायल कर दिया और नकदी छीन ली। जब उन्होंने इस घटना की सूचना ट्रेन स्टाफ और पुलिस कर्मियों को दी, तो उन्होंने मदद करने की बजाय उल्टा उनके साथ दुर्व्यवहार किया और मारपीट भी की। इस स्थिति से भयभीत होकर राजन ने हैल्पलाइन नंबर पर कॉल की। इसके बाद, वे पठानकोट कैंट स्टेशन पर रुके और जी.आर.पी. को सूचित किया गया।
कैंट स्टेशन के थाना प्रभारी पलविंदर सिंह ने बताया कि हैल्पलाइन नंबर पर शिकायत मिलने के बाद दोनों बाप-बेटे को अस्पताल में भर्ती करवाया गया और उनके बयान दर्ज कर लुधियाना स्थित जी.आर.पी. थाने को भेज दिए गए हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि लुधियाना जी.आर.पी. द्वारा मामले की पूरी जांच की जाएगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस घटना ने यात्रियों के बीच सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंताएँ पैदा कर दी हैं।
राजन और उनके पिता विपन सिंगला, जो जगराओं में देसी घी के व्यवसायी हैं, दिल्ली सामान खरीदने के लिए जा रहे थे। मथुरा स्टेशन पर आंख लग जाने के कारण वे वहीं रात बिताने को मजबूर हुए और फिर जगराओं लौटने के लिए ट्रेन पकड़ी। लुधियाना स्टेशन के पास हुए इस हमले ने उनकी यात्रा को एक भयानक अनुभव में बदल दिया। राजन ने बताया कि इस हादसे के बाद उनका परिवार बेहद सहमा हुआ है और उन्होंने रेलवे प्रशासन से ट्रेन यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है। यात्रियों ने भी इस घटना के बाद ट्रेन में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर अपनी चिंता जताई है।