इस साल की चारधाम यात्रा आज से आरंभ होजाएगी। प्रसिद्ध केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धामों के कपाट, जो शीतकाल के दौरान छह माह बंद रहेंगे, श्रद्धालुओं के लिए शुक्रवार को अक्षय तृतीया के पर्व पर खोले जाएंगे। केदारनाथ और यमुनोत्री के कपाट सुबह सात बजे खुलेंगे, जबकि गंगोत्री के कपाट दोपहर बारह बजकर बीस मिनट पर खुलेंगे|
उत्तराखंड के उच्च गढ़वाल क्षेत्र में स्थित प्रसिद्ध केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धामों के कपाट शीतकाल के दौरान छह माह तक बंद रहने के बाद शुक्रवार को अक्षय तृतीया के पर्व पर श्रद्धालुओं के लिए खोले जाएंगे और इसके साथ ही इस साल की चारधाम यात्रा का आरंभ हो जाएगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि वह भगवान से यात्रा के सकुशल संपन्न होने की प्रार्थना करते हैं।
चारधाम यात्रा, उत्तराखंड की सबसे प्रमुख धार्मिक यात्रा में से एक है, जो साल के विभिन्न समयों में लाखों श्रद्धालुओं को अपनी शुद्धि की खोज में लेकर जाती है। यह यात्रा धार्मिकता के साथ-साथ प्राकृतिक सौंदर्य को भी दर्शाती है, जो उत्तराखंड को भारतीय पर्यटन का मुख्य केंद्र बनाता है। इस साल के चारधाम यात्रा के आरंभ के साथ, प्रत्येक श्रद्धालु की आशा है कि वह न केवल अपने धार्मिक उद्देश्यों को पूरा करेंगे, बल्कि प्राकृतिक ब्रह्मांड के साथ अपना एक निकटतम संबंध भी महसूस करेंगे।
मंदिर समितियों ने घोषित किया कि केदारनाथ और यमुनोत्री के कपाट सुबह सात बजे खुलेंगे, जबकि गंगोत्री के कपाट दोपहर बाद 12 बजकर 20 मिनट पर खुलेंगे। उनके अनुसार, चारधाम के नाम से प्रसिद्ध धामों में शामिल एक अन्य धाम बदरीनाथ के कपाट 12 मई को सुबह छह बजे खुलेंगे। बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी हरीश गौड़ ने बताया कि केदारनाथ मंदिर के कपाट उद्घाटन के लिए मंदिर को फूलों से सजाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि दानदाताओं के सहयोग से मंदिर को विभिन्न प्रजातियों के करीब 20 क्विंटल फूलों से सजाया जा रहा है, जो हेलीकॉप्टर के माध्यम से पहुंचाए गए है|
हेलीकॉप्टर के जरिए पुष्पवर्षा कराने का ऐलान
अधिकारियों के अनुसार, यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं में जबरदस्त उत्साह दिखाई दे रहा है और गुरुवार शाम तक चार धामों के लिए 22 लाख से अधिक श्रद्धालु अपना पंजीकरण करवा चुके हैं। चारधाम यात्रा पंजीकरण बुलेटिन के अनुसार, वेब पोर्टल, मोबाइल एप और व्हाटसएप के माध्यम से अब तक पंजीकरण की संख्या 22,28,928 पहुंच चुकी है। इस बार भी सरकार ने चारों धामों के कपाट खुलने के अवसर पर हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा कराने की घोषणा की है।
मुख्यमंत्री ने यहां जारी एक बयान में श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं दीं और कहा कि सरकार सुरक्षित चारधाम यात्रा के लिए प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का प्रयास है कि यात्रा खत्म कर घर लौटने वाले श्रद्धालु अपने साथ सुनहरी यादें लेकर जाएं। चारधाम यात्रा को राज्य के लिए एक उत्सव बताते हुए उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इस वर्ष की चारधाम यात्रा अपने सभी पुराने रिकॉर्ड तोड़ेगी।
135 वाहन ऋषिकेश से चारधामों के लिए रवाना
इस बीच, 4050 श्रद्धालुओं को लेकर 135 वाहन ऋषिकेश से चारधामों के लिए रवाना हुए। वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना करते हुए उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि इस वर्ष चारधामों के दर्शन के लिए रिकॉर्ड संख्या में श्रद्धालु पहुंचेंगे। हर साल गर्मियों में होने वाली चारधाम यात्रा के शुरू होने का स्थानीय जनता को भी इंतजार रहता है। छह माह तक चलने वाली इस यात्रा के दौरान देश-विदेश से आने वाले लाखों श्रद्धालु और पर्यटक जनता के रोजगार और आजीविका का साधन हैं तथा इसीलिए चारधाम यात्रा को गढ़वाल हिमालय की आर्थिकी की रीढ़ माना जाता है। यह यात्रा न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि इससे स्थानीय आर्थिक विकास और पर्यटन को भी प्रोत्साहन मिलता है। चारधाम यात्रा के दौरान स्थानीय लोगों को अच्छा मुनाफा होता है और यह उनकी आर्थिक स्थिति को सुधारने में मदद करता है। इसीलिए चारधाम यात्रा को प्राकृतिक सौंदर्य के साथ-साथ समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।