RG Kar डॉक्टर मर्डर मिस्ट्री : कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में लेडी डॉक्टर के साथ हुए रेप और हत्या का मामला पूरे देश में जोर पकड़ता जा रहा है। पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने इस भयानक अपराध को अंजाम देने वालों के लिए फांसी की सजा की मांग की है और इसके विरोध में आज राज्य के हर जिले में धरना देने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस मामले की तह तक पहुंचने के लिए सीबीआई को रविवार तक का समय दिया था। शाम 4 बजे, कोलकाता में टीवी और फिल्म जगत के कलाकार भी इस विरोध प्रदर्शन में शामिल होंगे।
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में महिला डॉक्टर के साथ हुए रेप और हत्या के मामले में राज्यपाल सी. वी. आनंद बोस ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर कड़ा प्रहार किया है। बातचीत में राज्यपाल ने कहा कि चूंकि पुलिस और स्वास्थ्य विभाग मुख्यमंत्री के अंतर्गत आते हैं, इसलिए यह घटना स्पष्ट रूप से उनकी नाकामी को दर्शाती है। इस बीच, सीबीआई ने आरजी कर अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष से लगातार दूसरे दिन पूछताछ की। सीबीआई द्वारा पूछे जा रहे उन 20 सवालों की पूरी जानकारी है, जिनके आधार पर उनसे पूछताछ की जा रही है। इस मामले ने राज्य में सियासी सरगर्मी को और बढ़ा दिया है, और लोग न्याय की उम्मीद में सरकार की ओर देख रहे हैं।
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में महिला डॉक्टर के साथ हुए रेप और हत्या के मामले में राज्यपाल सी. वी. आनंद बोस ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि चूंकि पुलिस और स्वास्थ्य विभाग मुख्यमंत्री के नियंत्रण में हैं, इसलिए इस जघन्य अपराध को रोकने में उनकी विफलता साफ नजर आती है। इस मामले की जांच में तेजी लाते हुए, सीबीआई ने आरजी कर अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष से लगातार दूसरे दिन पूछताछ की। इस घटना ने पूरे राज्य में हड़कंप मचा दिया है, और जनता में आक्रोश बढ़ता जा रहा है।
इधर, सीबीआई ने घोषणा की है कि इस मामले के पहले संदिग्ध आरोपी संजय रॉय का साइकोलॉजिकल टेस्ट कराया जाएगा। इसके साथ ही, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कोलकाता के सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एक पोस्ट ग्रेजुएट ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ हुए रेप और हत्या के खिलाफ जारी डॉक्टरों, नर्सिंग स्टाफ, और अन्य लोगों के विरोध प्रदर्शनों को देखते हुए सभी राज्यों की पुलिस को निर्देश दिया है कि वे हर दो घंटे में स्थिति की रिपोर्ट प्रस्तुत करें। यह कदम देशभर में बढ़ते आक्रोश और विरोध प्रदर्शनों को नियंत्रण में रखने के लिए उठाया गया है। इस घटना ने न केवल पश्चिम बंगाल बल्कि पूरे देश को हिला कर रख दिया है, और इसके खिलाफ आवाजें लगातार बुलंद हो रही हैं।
गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों की पुलिस को भेजे गए संदेश में स्पष्ट किया है कि मौजूदा प्रदर्शनों के मद्देनजर कानून-व्यवस्था की स्थिति पर कड़ी नजर रखी जानी चाहिए। देशभर के विभिन्न हिस्सों में डॉक्टर और अन्य चिकित्सा कर्मचारी प्रदर्शन कर रहे हैं, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं पर गंभीर असर पड़ रहा है। प्रदर्शनकारी स्वास्थ्यकर्मियों के खिलाफ हो रही हिंसा की जांच के लिए एक केंद्रीय कानून बनाने की मांग कर रहे हैं। इसके अलावा, वे अस्पतालों को सुरक्षित क्षेत्र घोषित करने और अनिवार्य सुरक्षा अधिकारों को सुनिश्चित करने पर भी जोर दे रहे हैं। इन प्रदर्शनों ने स्वास्थ्य व्यवस्था में सुरक्षा और अधिकारों को लेकर एक राष्ट्रीय बहस को जन्म दे दिया है, जिससे सरकार पर दबाव बढ़ता जा रहा है|