क्या है लेप्टोस्पायरोसिस जिसने घेर लिया पंजाब के CM मान को ?

0
0

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को बैक्टीरियल संक्रमण लेप्टोस्पायरोसिस हो गया है, जिसके चलते उन्हें मोहाली के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अस्पताल द्वारा जारी किए गए स्वास्थ्य बुलेटिन के मुताबिक, मुख्यमंत्री की स्थिति इस समय स्थिर है और उन्हें एंटीबायोटिक्स के जरिए इलाज किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री को तेज बुखार की शिकायत के बाद अस्पताल लाया गया था, जहां डॉक्टरों ने उनके लक्षणों को ध्यान में रखते हुए खून की जांच की। जांच रिपोर्ट में उनके लेप्टोस्पायरोसिस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। इसके साथ ही डॉक्टरों ने यह भी बताया कि मुख्यमंत्री को पल्मोनरी आर्टरी प्रेशर और ब्लड प्रेशर में उतार-चढ़ाव जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ा। हालांकि, फिलहाल उनकी हालत नियंत्रण में है और वे उपचार के प्रति सकारात्मक प्रतिक्रिया दे रहे हैं।

लेप्टोस्पायरोसिस एक संक्रामक बीमारी है, जो लेप्टोस्पाइरा नामक बैक्टीरिया के कारण होती है। यह संक्रमण मुख्य रूप से चूहों के माध्यम से इंसानों तक पहुंचता है। संक्रमित जानवरों के मूत्र से दूषित भोजन, पानी या मिट्टी के संपर्क में आने से, जब यह नाक, मुंह, आंखों या किसी घाव वाली त्वचा से संपर्क करता है, तो यह बीमारी फैल सकती है।

एक अनुमान के मुताबिक हर साल एक मिलियन (10 लाख) से अधिक लोग इस संक्रमण की चपेट में आते हैं। आइए इस संक्रामक रोग के बारे में जानते हैं।
 लेप्टोस्पायरोसिस

लेप्टोस्पायरोसिस के बारे में जानिए

आप लेप्टोस्पाइरा बैक्टीरिया से संक्रमित हो सकते हैं यदि आपकी त्वचा पर कोई खरोंच या कट हो, या फिर यह बैक्टीरिया आंखों, नाक या मुंह के संपर्क में आ जाए। लेप्टोस्पायरोसिस एक जूनोटिक बीमारी है, जिसका मतलब है कि यह जानवरों से इंसानों में फैल सकती है। बारिश के मौसम में जलभराव वाली जगहों पर इस बैक्टीरिया का प्रसार अधिक होता है।

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) की केरल इकाई के डॉ. राजीव जयदेवन बताते हैं कि लेप्टोस्पायरोसिस से संक्रमित होने वाले 10 प्रतिशत लोगों की मौत हो जाती है। इसलिए यदि किसी व्यक्ति में इस संक्रमण के लक्षण दिखाई दें, तो उन्हें तुरंत डॉक्टर से संपर्क कर उचित इलाज कराना चाहिए। यदि समय पर इस बीमारी की पहचान और उपचार न हो, तो यह गंभीर और जानलेवा रूप ले सकती है।

लेप्टोस्पायरोसिस संक्रमण की क्या पहचान है?

लेप्टोस्पायरोसिस संक्रमण की शुरुआती अवस्था में रोगियों में आमतौर पर फ्लू जैसे लक्षण दिखाई देते हैं, लेकिन गंभीर मामलों में यह आंतरिक रक्तस्राव और अंगों को नुकसान पहुंचा सकता है। प्रारंभिक लक्षणों में तेज बुखार, आंखों में संक्रमण या लालिमा, सिरदर्द, ठंड लगना, मांसपेशियों में दर्द, दस्त और पीलिया शामिल हो सकते हैं। जबकि गंभीर स्थिति में खांसी के साथ खून आना (हेमोप्टाइसिस), छाती में दर्द, सांस लेने में कठिनाई और पेशाब में खून आने जैसे आंतरिक रक्तस्राव के लक्षण प्रकट हो सकते हैं।

किडनी और लिवर फेलियर का भी खतरा

लेप्टोस्पायरोसिस संक्रमण कुछ मामलों में अत्यधिक गंभीर और जानलेवा हो सकता है। यदि समय पर उचित इलाज न मिले या संक्रमण बहुत बढ़ जाए, तो मरीजों को सांस लेने में कठिनाई और मेनिन्जाइटिस जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। मेनिन्जाइटिस में मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी की सुरक्षा करने वाली झिल्लियों में सूजन हो जाती है, जो काफी खतरनाक स्थिति मानी जाती है।

इसके अलावा, संक्रमण के गंभीर मामलों में किडनी और लिवर फेलियर का जोखिम भी बढ़ जाता है, जो प्रायः घातक साबित हो सकता है। ऐसे में यह बेहद जरूरी है कि लेप्टोस्पायरोसिस के लक्षण नजर आते ही मरीज तुरंत चिकित्सा सलाह लें, ताकि संक्रमण को गंभीर होने से रोका जा सके और जीवन को खतरे से बचाया जा सके।

लेप्टोस्पायरोसिस

संक्रमण से कैसे करें बचाव?

लेप्टोस्पायरोसिस एक बैक्टीरियल संक्रमण है, इसलिए कुछ एंटीबायोटिक दवाओं से इसके लक्षणों को कम किया जा सकता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि सभी को संक्रामक रोगों से बचाव के लिए लगातार सावधानी बरतनी चाहिए।

संक्रमण के जोखिम से बचने के लिए सबसे महत्वपूर्ण है कि आप दूषित पानी के संपर्क से दूर रहें और जानवरों के सीधे संपर्क से बचें। पीने के लिए हमेशा साफ पानी का इस्तेमाल करें या पानी को उबालकर ठंडा करके पिएं। अगर आपके शरीर पर कहीं चोट या घाव है, तो उसकी उचित देखभाल और सफाई जरूर करें ताकि संक्रमण से बचा जा सके।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here
Captcha verification failed!
CAPTCHA user score failed. Please contact us!