चैत्र नवरात्रि के पहले दिन, अयोध्या के राम मंदिर में भक्तों की भीड़ देखने को मिली। इस धार्मिक उत्सव के अवसर पर भक्तों ने अपनी श्रद्धा और भक्ति का प्रदर्शन किया। उन्होंने भगवान राम की पूजा-अर्चना की और उनसे आशीर्वाद मांगा। चैत्र नवरात्रि के इस महान उत्सव में अयोध्या में भक्तों का आगमन उमड़ी भीड़ के साथ हुआ, जो धार्मिक और आध्यात्मिक सुन्दरता का प्रतीक है |
इस वर्ष के चैत्र नवरात्रि के दौरान अयोध्या में धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियों का आयोजन किया जायेगा । नवरात्रि के नौ दिनों तक भगवान राम के मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना होगी , जिसमें भक्तों ने भगवान की कृपा और आशीर्वाद का अनुभव होगा ।
धार्मिक महत्व:
चैत्र नवरात्रि का पर्व धार्मिक और सामाजिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है। यह पर्व नौ दिनों तक चलता है और नौ देवियों की पूजा की जाती है। यह अवसर भगवान राम के भक्तों के लिए अत्यंत पवित्र माना जाता है। इस वर्ष, अयोध्या में चैत्र नवरात्रि का आयोजन सामाजिक और धार्मिक दृष्टि से अत्यधिक महत्वपूर्ण होगा। चैत्र नवरात्रि के अवसर पर भगवान श्रीराम के भक्तों का आगमन न केवल अयोध्या में होगा, बल्कि पूरे देश में धार्मिक उत्सव की धूम होगी। इस समय पर अयोध्या में भगवान राम के मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी रहेगी और भक्तिभाव से धर्म की आराधना की जाएगी।
राम मंदिर में भक्तों का आगमन:
चैत्र नवरात्रि के पहले दिन, अयोध्या के राम मंदिर में भक्तों की भीड़ देखने को मिलीरही है। भक्तों का सैलाब राम मंदिर की शोभा को बढ़ा रहा है । भक्त अपनी श्रद्धा और विश्वास के साथ राम मंदिर में प्रवेश कर रहे हैं और भगवान राम की पूजा-अर्चना से आशीर्वाद ले रहे हैं। भक्तों के चेहरों पर दिव्य प्रकाश देखने को मिल रहा है जो केवल राम मंदिर में पहले नवरात्रे मनाने का है।
चैत्र नवरात्रि के इस महान पर्व पर, भक्त नौ दिनों तक व्रत और पूजा का अनुष्ठान करेंगे । वे मां दुर्गा की पूजा और आराधना में लगे रहेंगे और उन्हें अपनी मनोकामना की पूर्ति की प्रार्थना करेंगे। ये अवसर भक्तों को सीधा दिव्य शक्ति के साथ जोड़ता है जिसमें पुरे नौ दिन माँ की पूजा अर्चना की जाती है|
माँ का पहला रूप : माँ शैलपुत्री
चैत्र नवरात्रि के पावन अवसर पर हम माँ शैलपुत्री का ध्यान करते हैं। इस नवरात्रि के पहले दिन, हम शुरू करते हैं इस दिव्य यात्रा को, जिसमें हम माँ शैलपुत्री की पूजा और आराधना करते हैं। उनके पहले रूप में, माँ शैलपुत्री को भगवान शिव की पत्नी के रूप में जाना जाता है। वे सफेद वस्त्र धारण करती हैं और त्रिशूल के साथ अपने द्वार स्थित हैं। चैत्र नवरात्रि में माँ शैलपुत्री की पूजा से हमें शक्ति, सौभाग्य, और संतान की प्राप्ति का आशीर्वाद प्राप्त होता है।