जम्मू-कश्मीर में ड्यूटी के दौरान शहीद हुआ पंजाब का जवान, आज होगा अंतिम संस्कार
कल गुरप्रीत सिंह सेना की टुकड़ी के साथ गुलमर्ग के पहाड़ी इलाके में गश्त कर रहे थे. लेकिन इसी दौरान पैर फिसलने से वह गहरी खाई में गिर गया। इस हादसे के दौरान उनकी मौत हो गई.
गुरदासपुर
गुरदासपुर जिले के कादियां हलके के बेट इलाके के गांव भैणी खादर के एक फौजी जवान की गश्त के दौरान मौत हो गई है. इस संबंध में जानकारी देते हुए जवान के पिता नरिंदर सिंह और चेयरमैन कुलवंत सिंह भैणी खादर ने बताया कि उनका बेटा गुरप्रीत सिंह (24) फील्ड 73 रेजिमेंट 18 आरआर में पिछले 6 साल से सेवा कर रहा था। जो केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के जिला बारामूला में तैनात थे।
पंजाब का एक जवान ड्यूटी के दौरान शहीद हो गया
कल गुरप्रीत सिंह सेना की टुकड़ी के साथ गुलमर्ग के पहाड़ी इलाके में गश्त कर रहे थे. लेकिन इसी दौरान पैर फिसलने से वह गहरी खाई में गिर गया। इस हादसे के दौरान उनकी मौत हो गई. कल शाम उन्हें सेना के शीर्ष अधिकारियों ने फोन पर इसकी जानकारी दी.
आज पैतृक गांव में अंतिम संस्कार किया जाएगा
बता दें कि 13 जनवरी को गुलमर्ग से भैणी खादर पहुंचने पर उनके पार्थिव शरीर का सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा. इस मौके पर ग्रामीणों ने मांग की कि पीड़ित परिवार के एक सदस्य को अनुकंपा के आधार पर भारतीय सेना में सेवा का मौका दिया जाये.
सीएम मान ने जवान की शहादत पर दुख जताया
उधर, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने अपनी ड्यूटी निभाते हुए शहीद हुए 24 वर्षीय सेना के जवान गुरप्रीत सिंह की शहादत पर गहरा दुख जताया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरप्रीत सिंह गुरदासपुर के भैणी खादर गांव के रहने वाले थे. सीएम भगवंत मान ने कहा कि इस वीर जवान ने जम्मू-कश्मीर में ड्यूटी करते हुए अपनी जान कुर्बान कर दी. उन्होंने कहा कि यह देश और परिवार के लिए अपूरणीय क्षति है.
सरकारी सम्मान के साथ किया जाएगा अंतिम संस्कार – सीएम माननीय
मुख्यमंत्री ने बहादुर जवान के परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की और कहा कि इस कठिन समय में पंजाब सरकार परिवार के साथ है. उन्होंने कहा कि शहीद ने बहादुरी से अपना कर्तव्य निभाने के लिए पूर्ण समर्पण दिखाया है और शहीद का महान बलिदान हमेशा युवाओं को प्रेरित करता रहेगा। भगवंत मान ने कहा कि राज्य सरकार की नीति के मुताबिक परिवार को आर्थिक सहायता दी जाएगी और शहीद का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव में सरकारी सम्मान के साथ किया जाएगा.