पार्टी को मेरी सेवाओं की जरूरत नहीं… मायावती को चिट्ठी लिख सांसद रितेश पांडेय ने छोड़ दी बसपा, भाजपा में होंगे शामिल!

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रितेश पांडेय

रितेश पांडेय ने छोड़ दी बसपा

बहुजन समाज पार्टी के सांसद रितेश पांडेय ने अंबेडकर नगर से इस्तीफा दे दिया है। कई अनुमान लगाए जा रहे हैं कि वे आज भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो सकते हैं। उनके पिता और पूर्व सांसद राकेश पांडेय ने भी 2022 के यूपी चुनाव से पहले बसपा को छोड़ दिया था, लेकिन उन्होंने बाद में समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए थे।

अंबेडकर नगर के बीएसपी सांसद रितेश पांडेय ने इस्तीफा दे दिया है। उन्हें आज बीजेपी में शामिल होने का मौका मिल सकता है। यह अफवाहें लंबे समय से चल रही थीं कि वे बसपा को छोड़ सकते हैं। इसकी पुष्टि रविवार को हो गई है। अनुमान लगाया जा रहा है कि वे दोपहर 12 बजे तक बीजेपी में शामिल हो सकते हैं। रितेश पांडेय ने मायावती को संबोधित पत्र लिखकर अपना इस्तीफा दिया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि उन्हें पार्टी की बैठकों में बुलाया नहीं जा रहा था और न ही उनसे किसी तरह का संवाद किया जा रहा था। साथ ही, उन्हें पार्टी के पदाधिकारियों से मिलने के अनगिनत प्रयासों में भी सफलता नहीं मिल रही थी।

पत्र में पांडेय ने लिखा कि मुझे ऐसा अनुभव हो रहा है कि पार्टी को मेरी सेवाओं की कोई आवश्यकता नहीं है। इस प्रकार, मेरे पास इस्तीफा देने के अतिरिक्त कोई विकल्प नहीं है। उन्होंने मायावती को मार्गदर्शन और राजनीतिक सलाह के लिए धन्यवाद भी व्यक्त किया। दी गई मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, रितेश पांडेय इस रविवार को ही बीजेपी में शामिल हो सकते हैं। वे लंबे समय से बसपा से अलग होने की चर्चा कर रहे थे। उन्होंने अपने इलाके में एक यात्रा की थी, जिसमें बसपा के किसी नेता को स्थान नहीं दिया गया था। यहां तक कि, तब भी ऐसा माना जा रहा था कि वह सपा नेताओं से संपर्क में हैं और अखिलेश के साथ भी हो सकते हैं। इससे पहले, साल 2022 के यूपी चुनाव से पहले राकेश पांडेय ने भी बीएसपी का साथ छोड़ दिया था, लेकिन उन्होंने सपा में शामिल हो गए थे।

रितेश पांडेय

रितेश पांडेय: क्या लिखा चिट्ठी में?

‘आदरणीय बहन कुमारी मायावती जी, राष्ट्रीय अध्यक्ष, बहुजन समाज पार्टी… सार्वजनिक जीवन में बसपा के माध्यम से जबसे मैंने प्रवेश किया, आपका मार्गदर्शन मिला। पार्टी पदाधिकारियों का सहयोग मिला तथा पार्टी के ज़मीनी स्तर के कार्यकर्ताओं ने मुझे हर कदम पर अंगुली पकड़कर राजनीति और समाज के गलियारे में चलना सिखाया। पार्टी ने मुझे उत्तर प्रदेश विधानसभा और लोकसभा में प्रतिनिधित्व करने का अवसर प्रदान किया। पार्टी ने मुझे लोकसभा में संसदीय दल के नेता रूप में कार्य का अवसर भी दिया। इस विश्वास के लिए मैं आपके, पार्टी के, पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों के प्रति हृदय की गहराइयों से आभार व्यक्त करता हूं। धन्यवाद ज्ञापन करता हूं।’
उन्होंने आगे लिखा, ‘लंबे समय से मुझे न तो पार्टी की बैठकों में बुलाया जा रहा है और न ही नेतृत्व के स्तर पर संवाद किया जा रहा है। मैंने आपसे तथा शीर्ष पदाधिकारियों से संपर्क के लिए, भेंट के लिए अनगिनत प्रयास किए, लेकिन उनका कोई परिणाम नहीं निकला। इस अंतराल में मैं अपने क्षेत्र में और अन्यत्र पार्टी के कार्यकर्ताओं और समर्थकों से निरंतर मिलता-जुलता रहा तथा क्षेत्र के कार्यों में जुटा रहा। ऐसे में मैं इस निष्कर्ष पर पहुंचा हूं कि पार्टी को मेरी सेवा और उपस्थिति की अब आवश्यकता नहीं रही, इसलिए पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र देने के अलावा मेरे समक्ष कोई विकल्प नहीं है। पार्टी से नाता तोड़ने का यह निर्णय भावनात्मक रूप से एक कठिन निर्णय है।’
अंत में उन्होंने लिखा, ‘मैं इस पत्र के माध्यम से बहुजन समाज पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र देता हूं। आपसे आग्रह है कि मेरे इस त्यागपत्र को अविलंब स्वीकार किया जाए। मैं आपके और पार्टी के प्रति पुनः आभार व्यक्त करता हूं तथा शुभकामनाएँ प्रेषित करता हूं।’
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