पेट्रोल और डीजल के दामों में देशभर में कटौती हुई है, जानिए – आपके शहर में क्या रेट है।

0
8

पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती की ताज़ा खबर: देश के विभिन्न राज्यों में स्थानीय करों के प्रभाव के आधार पर पेट्रोल और डीजल की दरें अलग-अलग होती हैं। स्थानीय बिक्री कर (वैट) मुंबई में सबसे अधिक होती है, जबकि दिल्ली में सबसे कम है।

पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती: केंद्र सरकार ने लोकसभा चुनाव 2024 के करीब आते हुए आम लोगों को बड़ी राहत दी है। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म ‘एक्स’ के माध्यम से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती की घोषणा की है। उन्होंने बताया कि पेट्रोल और डीजल की खुदरा कीमतों में संशोधन का फैसला किया गया है। इन पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतें करीब दो साल से स्थिर रही हुई थीं।

पेट्रोल और डीजल

पेट्रोल और डीजल की कीमतों में प्रति लीटर दो-दो रुपये की कटौती हुई है।

सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम विपणन कंपनियों ने बताया कि बृहस्पतिवार शाम को पेट्रोल और डीजल की कीमतों में प्रति लीटर दो-दो रुपये की कटौती की जाएगी। ये नई दरें आज, अर्थात् शुक्रवार को सुबह छह बजे से लागू की गई हैं। बताया जा रहा है कि लगभग एक दशक पहले सरकार ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों को अपने नियंत्रण से मुक्त कर दिया था। अब पेट्रोलियम कंपनियां ही तेल की कीमतों को निर्धारित करती हैं।

पेट्रोलियम मंत्रालय ने घोषित किया है, “पेट्रोलियम विपणन कंपनियों (ओएमसी) ने सूचित किया है कि वे देशभर में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में संशोधन किया है। नई कीमतें 15 मार्च 2024 को सुबह छह बजे से प्रभावी होंगी।”

इस कटौती के परिणामस्वरूप, राष्ट्रीय राजधानी में पेट्रोल की कीमत (Petrol Price Today in Delhi) अब 94.72 रुपये प्रति लीटर है, जो पहले 96.72 रुपये प्रति लीटर थी। उसी तरह, डीजल (Diesel Price In Delhi) 87.62 रुपये प्रति लीटर है, जो पहले 89.62 रुपये प्रति लीटर थी। आज मुंबई में पेट्रोल 104.21 रुपये, कोलकाता में 103.94 रुपये और चेन्नई में 100.75 रुपये प्रति लीटर हो गया है। उसी तरह, मुंबई में डीजल का भाव 92.15 रुपये, कोलकाता में 90.76 रुपये और चेन्नई में 92.34 रुपये प्रति लीटर हो गया है।

पेट्रोल-डीजल की खुदरा कीमतों में दो सालों से कोई परिवर्तन नहीं हुआ है

पिछले कुछ वर्षों में अंतरराष्ट्रीय तेल कीमतों में उतार-चढ़ाव देखा गया है। दो साल पहले, यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद, कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतें 140 डॉलर प्रति बैरल तक उछल गई थीं। हालांकि, बाद में तेल कीमतें नीचे आईं, लेकिन पेट्रोल-डीजल की खुदरा कीमतों में दो साल से कोई बदलाव नहीं किया गया था।

पेट्रोलियम मंत्रालय ने इस बारे में कहा है कि पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी से नागरिकों को अधिक खर्च-योग्य आय, पर्यटन और यात्रा उद्योगों को बढ़ावा, मुद्रास्फीति पर नियंत्रण, और परिवहन पर निर्भर व्यवसायों के खर्च में कमी आएगी। इसके अलावा, किसानों के लिए ट्रैक्टर संचालन और पंप सेट पर व्यय भी कम हो गया है।

 

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here
Captcha verification failed!
CAPTCHA user score failed. Please contact us!