पोर्शे काण्ड वाले नवाब को बचाने के लिए डाक्टरों ने 3 लाख में किया सौदा,

0
0

पुणे के कल्याणी नगर में एक पोर्शे कार चला रहे नाबालिग चालक ने मोटरसाइकिल पर सवार दो सॉफ्टवेयर इंजीनियरों को कुचल दिया, जिससे दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। पुलिस के अनुसार, आरोपी नशे की हालत में कार चला रहा था। यह नाबालिग विशाल अग्रवाल (50), जो एक प्रमुख रियल एस्टेट डेवलपर हैं, का बेटा है। इस हादसे ने स्थानीय समुदाय में गहरा आक्रोश और शोक पैदा किया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है और आरोपों की पुष्टि के लिए नाबालिग के रक्त परीक्षण की रिपोर्ट का इंतजार कर रही है। इस घटना ने नाबालिगों द्वारा वाहनों के उपयोग और सड़कों पर सुरक्षा के मुद्दों पर भी एक नई बहस छेड़ दी है।

पोर्शे

पुणे में हुई पोर्शे दुर्घटना मामले में, एक 17 वर्षीय आरोपी गिरफ्तार किया गया था, जिसे डॉक्टरों की रक्त परीक्षण रिपोर्ट में हेरफेर करने का आरोप लगाया गया था। सूत्रों के मुताबिक, चपरासी ने डॉक्टरों तक 3 लाख रुपये की रिश्वत पहुंचाई थी। चपरासी अतुल घाटकांबले नामक व्यक्ति बिचौलिए के रूप में काम करता था, जो एक डॉक्टर के परिवार से दो डॉक्टरों के लिए 3 लाख रुपये की रिश्वत एकत्र कर लाए थे। पुलिस ने बताया कि डॉक्टर के पिता ने दुर्घटना के दिन फोन पर चपरासी को बुलाया था और उन्हें रक्त के नमूने बदलने के लिए कहा था।

डॉ. तावरे ने डॉक्टर के रक्त नमूनों को अपने रक्त नमूनों से बदलने का संकेत दिया है। अधिकारियों के अनुसार, शराब के अंश हटाने के लिए नमूनों की अदला-बदली की गई। उन्होंने जांच के दौरान कहा, “मैं चुप नहीं बैठूंगा… मैं सभी का नाम उठाऊंगा।”

नौबतालब आरोपी को 19 मई की सुबह एफआईआर रजिस्टर होने के बाद फिजिकल चेकअप के लिए अस्पताल ले जाया गया था। इस चेकअप में डॉक्टरों ने आरोपी को स्पष्ट चिट दे दी थी कि ना वह शराब के नशे में था, ना ही उसके शरीर पर एक्सीडेंट से हुई किसी चोट के निशान थे। डॉक्टरों की रिपोर्ट ने सभी को हैरान कर दिया था।

नौबतालब आरोपी को 19 मई की सुबह एफआईआर रजिस्टर होने के बाद फिजिकल चेकअप के लिए अस्पताल ले जाया गया था। इस चेकअप में डॉक्टरों ने आरोपी को स्पष्ट चिट दे दी थी कि ना वह शराब के नशे में था, ना ही उसके शरीर पर एक्सीडेंट से हुई किसी चोट के निशान थे। डॉक्टरों की रिपोर्ट ने सभी को हैरान कर दिया था।

30 मई तक हिरासत में आरोपी

पुलिस ने सरकारी अस्पताल के फॉरेंसिक मेडिसीन विभाग के अध्यक्ष डॉ. अजय तावड़े और मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. श्रीहरि हलनोर को खून के नमूने में बदलाव करने और सबूत को नष्ट करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। पुलिस ने तीनों आरोपियों को न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी (छोटे मामलों) ए.ए.पांडे की अदालत में पेशकर 10 दिन तक पुलिस हिरासत में भेजने का अनुरोध किया था। पुलिस ने अदालत को बताया कि खून के नमूनों को बदलने के एवज में पैसों की लेनदेन हुई है और उसे इस मामले में आरोपियों के घरों की तलाशी लेनी है। इसके बाद अदालत ने तीनों आरोपियों को 30 मई तक के लिए पुलिस की हिरासत में भेज दिया।

दो लोगों की ली थी जान

पुलिस के मुताबिक 19 मई को एक तेज रफ्तार लग्जरी पोर्श कार ने मोटरसाइकिल सवार दो आईटी पेशेवरों अनीश अवधिया और अश्विनी कोस्टा को टक्कर मार दी थी। इस हादसे में दोनों की मौके पर ही मौत हो गई थी। पुलिस के मुताबिक कार कथित तौर पर बिल्डर विशाल अग्रवाल का 17 वर्षीय बेटा चला रहा था और उसने हादसे के समय शराब पी रखी थी।

पुलिस के अनुसार, हादसे के समय कार डिवाइडर पर टकरा गई और इससे आईटी पेशेवरों की मोटरसाइकिल अनियंत्रित हो गई। इस हादसे के बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू की और आरोपी को गिरफ्तार किया। आरोपी को पुलिस हिरासत में लिया गया है और कार को भी सीज कर लिया गया है। अब पुलिस जांच के दौरान मामले की पूरी सच्चाई को सामने लाने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है। इस हादसे के बाद लोगों में चिंता और गुस्सा छाया है और उन्होंने चाहा कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here
Captcha verification failed!
CAPTCHA user score failed. Please contact us!