Patanjli Case: हमें कानूनी ज्ञान कम है, सार्वजनिक माफ़ी मांगने को त्यार हैं : बाबा रामदेव

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बाबा रामदेव

बाबा रामदेव case

बाबा रामदेव: सुप्रीम कोर्ट के दौरान सुनवाई में कहा गया कि बाबा रामदेव अच्छे काम कर रहे हैं। इसके साथ ही, सवाल पूछा गया कि उन्होंने कोर्ट की अवमानना क्यों की?

पतंजलि भ्रामक विज्ञापन प्रसारित मामले की सुप्रीम कोर्ट में आज (16 अप्रैल) सुनवाई हुई। जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अमानुल्लाह की बेंच ने सुनवाई के दौरान बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को सराहा कि आपकी बहुत गरिमा है और आपने काफी कुछ किया है।

उनके वकील, मुकुल रोहतगी, ने कहा कि हम सार्वजनिक माफी के लिए तैयार हैं, ताकि लोगों को यह पता चले कि हम सुप्रीम कोर्ट के आदेश को गंभीरता से लेते हैं। जस्टिस अमानुल्लाह ने उन्हें इसके लिए सलाह दी कि यह आवश्यक नहीं है।

जस्टिस कोहली ने बाबा रामदेव से पूछा कि उनका कोर्ट के खिलाफ किया गया क्या सही है? बाबा रामदेव ने उत्तर दिया कि हमने जो कुछ भी किया है, हम उसके लिए बिना किसी शर्त के माफी मांग ली है।

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बाबा रामदेव: सुप्रीम कोर्ट ने बाबा रामदेव से पूछा- कोर्ट की अवमानना क्यों की?

जस्टिस कोहली ने कहा कि यह तो आपके वकील ने कहा है। हम जानना चाहते हैं कि आपने अंडरटेकिंग के अगले दिन प्रेस कांफ्रेंस क्या सोच कर की। हमारे देश में आयुर्वेद की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है। महर्षि चरक के समय से हमारे देश में इसकी प्रचलन है। दादी नानी भी घरेलू इलाज करने के लिए आयुर्वेद का उपयोग करती हैं। आप दूसरी पद्धतियों को बुरा क्यों कहते हैं? क्या सच में एक ही पद्धति होनी चाहिए? इस पर बाबा रामदेव ने कहा कि हमने आयुर्वेद पर विशेष रूप से अनुसंधान किया है। तो जस्टिस ने कहा कि यह सही है। आप अपने अनुसंधान के आधार पर कानूनी आधार पर आगे बढ़ सकते हैं, लेकिन हम जानना चाहते हैं कि आपने कोर्ट को अवहेलना क्यों की?

बाबा रामदेव ने कहा- हमें कानून की जानकारी कम है

इस पर बाबा रामेदव ने कहा कि हमें कानून का ज्ञान कम है। हम सिर्फ अपने रिसर्च की जानकारी लोगों को दे रहे थे। कोर्ट की अवहेलना का उद्देश्य नहीं था। फिर जस्टिस ने कहा कि आप लाइलाज बीमारियों की दवा का दावा करते हैं। कानूनन ऐसी बीमारियों की दवा का प्रचार नहीं होता। अगर आपने दवा बनाई तो कानूनी प्रक्रिया के मुताबिक उसे सरकार को बताते, उस पर आगे काम होता। इस पर बाबा रामदेव ने कहा कि हम उत्साह में अपनी दवा की लोगों को जानकारी दे रहे थे। यहां कोर्ट में इस तरह खड़ा होना मेरे लिए भी अशोभनीय है। हम भविष्य में पालन करेंगे।

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‘आप अच्छा काम कर रहे हैं, करते रहिए लेकिन..’

जस्टिस अमानुल्लाह ने कहा कि आपको एलोपैथी को बुरा कहने की ज़रूरत नहीं थी। आप अच्छा काम कर रहे हैं। उसे करिए। दूसरों पर क्यों कुछ कहना। इस पर बबा रामदेव ने कहा कि एलोपैथी और आयुर्वेद का संघर्ष लंबा है। हम भविष्य में ऐसी गलती नहीं करेंगे।

जस्टिस कोहली ने कहा कि हम यह नहीं मान सकते कि आपके वकीलों के कोर्ट में अंडरटेकिंग दाखिल करने के बाद भी आपको कानून का पता नहीं चल पाया। इसलिए हम यह देखेंगे कि आपके माफीनामे को हम स्वीकार करें या नहीं। इस पर बालकृष्ण ने कहा कि श्रद्धेय स्वामीजी का पतंजलि के काम से संबंध नहीं है। तो जस्टिस अमानुल्लाह ने कहा कि यह आप बहस कर रहे हैं। माफी मांगने के बाद बहस स्वीकार नहीं। वहीं, बाबा रामदेव ने कहा कि मैं यही कहना चाहता हूं कि हम अपनी गलती के लिए क्षमा चाहते हैं।

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अगली सुनवाई 23 अप्रैल को

बाबा रामदेव और बालकृष्ण के वकील रोहतगी ने कहा कि 1 सप्ताह का समय दीजिए। इस अवधि में हम ज़रूरी कदम उठाएंगे। इस पर जस्टिस कोहली ने कहा कि ठीक है। हम 23 अप्रैल को सुनवाई करेंगे, अवमानना के आरोपियों ने खुद कुछ कदम उठाने की बात कही है। हम इसका अवसर दे रहे हैं।

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