सूत्रों के अनुसार, गिरफ्तारी के बाद शिव कुमार गौतम उर्फ शिवा ने एसटीएफ को बताया कि उसने अपने साथियों के साथ मिलकर बाबा सिद्दीकी की तीन दिनों तक रेकी की। दशहरे के दिन, उचित मौका पाते ही उन्होंने बाबा सिद्दीकी की हत्या कर दी। इस हत्या के लिए लारेंस बिश्नोई के भाई अनमोल बिश्नोई ने उन्हें दस लाख रुपये का इनाम देने का वादा किया था। यह योजना काफी सोच-समझकर और रणनीति के साथ बनाई गई थी, ताकि सिद्दीकी की गतिविधियों पर नजर रखी जा सके और सही समय पर हमला किया जा सके।
महाराष्ट्र सरकार के पूर्व मंत्री और फिल्म अभिनेता सलमान के करीबी जियाउद्दीन उर्फ बाबा सिद्दीकी की हत्या के मुख्य आरोपी शिव कुमार गौतम उर्फ शिवा को उत्तर प्रदेश एसटीएफ और मुंबई क्राइम ब्रांच की टीम ने बहराइच से गिरफ्तार कर लिया। इसके अलावा, नेपाल भागने में शिवा की मदद करने के आरोप में चार अन्य व्यक्तियों को भी हिरासत में लिया गया।
सूत्रों के अनुसार, गिरफ्तारी के बाद शिव कुमार गौतम उर्फ शिवा ने एसटीएफ को बताया कि उसने अपने साथियों के साथ मिलकर बाबा सिद्दीकी की तीन दिनों तक रेकी की और दशहरे के दिन मौका मिलते ही उनकी हत्या कर दी। घटना के दौरान दो हत्यारोपी मौके पर ही लोगों के हत्थे चढ़ गए, जबकि शिवा अपना फोन फेंककर वहां से भाग निकला और पुणे पहुंच गया। पुणे से होते हुए वह झांसी और लखनऊ के रास्ते बहराइच आ गया। यात्रा के दौरान उसने किसी यात्री के फोन से अनुराग कश्यप से संपर्क किया, जिसने उसे बताया कि अखिलेन्द्र, ज्ञान प्रकाश और आकाश ने उसके नेपाल में छिपने की व्यवस्था कर दी है।
दशहरे वाले दिन हुई थी हत्या
दशहरे के दिन, 12 अक्टूबर को तीन शूटरों ने गोलियां चलाकर बाबा सिद्दीकी की हत्या कर दी थी। इस वारदात में ऑस्ट्रेलिया में निर्मित पिस्टल का उपयोग किया गया था। इसके बाद, मुंबई पुलिस ने दो आरोपियों, धर्मराज कश्यप और गुरमेल सिंह को गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन शिवा फरार होकर बहराइच पहुंच गया था। गिरफ्तार किए गए आरोपियों ने पुलिस को बताया कि उन्होंने बाबा सिद्दीकी की हत्या लारेंस बिश्नोई के निर्देश पर की थी।
महाराष्ट्र निवासी शुभम लोनकर और पंजाब के जालंधर निवासी मोहम्मद यासीन अख्तर शूटरों के हैंडलर थे। इन्हीं दोनों ने शूटरों को बाबा सिद्दीकी की लोकेशन और हत्या के लिए हथियार मुहैया कराए थे। गिरफ्तार किए गए दोनों शूटरों ने पुलिस को शिवा के बारे में जानकारी दी थी, जिसके बाद मुंबई पुलिस ने शिवा की गिरफ्तारी में सहयोग के लिए एसटीएफ से संपर्क किया। मुंबई क्राइम ब्रांच की एक टीम लखनऊ आई और एसटीएफ के साथ मिलकर शिवा की लोकेशन का पता लगाया। शिवा की लोकेशन बहराइच के नानपारा क्षेत्र में पाई गई, और जानकारी मिली कि वह नेपाल भागने की कोशिश में है। इसके बाद एसटीएफ की टीम ने नानपारा से शिवा को गिरफ्तार कर लिया।
हत्या के बदले मिलने वाले थे 10 लाख
शिवा ने बताया कि वह और दूसरा शूटर धर्मराज एक ही गांव के रहने वाले हैं। मुंबई में वह कबाड़ का कारोबार करता था, और उसकी तथा शुभम लोनकर की दुकानें पास-पास थीं। शुभम ने उसे स्नैपचैट के जरिए लारेंस बिश्नोई के भाई अनमोल बिश्नोई से मिलवाया था। हत्या के लिए दस लाख रुपये देने का वादा किया गया था, और यह भी कहा गया था कि हत्या के बाद हर महीने कुछ न कुछ राशि मिलती रहेगी। शिवा ने बताया कि हत्या के लिए शुभम और यासीन ने उसे हथियार, मोबाइल फोन और सिम कार्ड उपलब्ध कराए थे। हत्या के बाद संपर्क के लिए भी उसे अलग मोबाइल फोन और सिम दिए गए थे।