भाजपा की पहली सूची: भाजपा का पिछड़ा कार्ड… बाहरी उम्मीदवारों को मौका, हारे लोगों को भी टिकट; इस समाज को सबसे अधिक टिकट

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भाजपा की पहली सूची

भाजपा की पहली सूची

भाजपा की पहली सूची: शनिवार की रात को भाजपा ने 195 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा की। उत्तर प्रदेश की 51 लोकसभा सीटों के लिए भी उम्मीदवारों का ऐलान किया गया है। भाजपा ने पहली सूची में पिछड़ा वर्ग को ध्यान में रखा। दलित समुदाय में पासी समाज को सबसे ज्यादा टिकट दिए गए। इसमें 10 ब्राह्मण, सात ठाकुर और एक पारसी भी शामिल हैं।

लोकसभा चुनाव में भाजपा ने पहली सूची में यूपी में 51 प्रत्याशी घोषित किए हैं। इसमें वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लखनऊ से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, और अमेठी से केंद्रीय महिला एवं बाल कल्याण मंत्री स्मृति जूबिन इरानी लगातार तीसरी बार चुनाव लड़ेंगी। पार्टी ने 2019 में हारी हुई 14 सीटों में से सात पर प्रत्याशी उतारे हैं। इनमें से चार पर नए चेहरों को मौका दिया गया है। भाजपा ने इस बार प्रत्याशियों का चयन सावधानी से किया है ताकि यूपी में चुनाव में विजयी हो सकें।

मोदी सरकार 2.0 में यूपी से प्रधानमंत्री और भाजपा के 10 मंत्रियों सहित 44 मौजूदा सांसदों को फिर मैदान में उतारा गया है। यूपी से मोदी सरकार 2.0 में कुल 15 मंत्रियों की ताकत है। इनमें से मोदी, राजनाथ, स्मृति इरानी, महेंद्रनाथ पांडेय, पंकज चौधरी, एसपी सिंह बघेल, कौशल किशोर, साध्वी निरंजन ज्योति, भानु प्रताप वर्मा, अजय मिश्रा टेनी, और संजीव बालियान को फिर मौका दिया गया है। उन्हें दोबारा चुनावी लड़ाई में शामिल होने का मौका मिला है।

केंद्रीय राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह की सीट गाजियाबाद पर और अपना दल एस की अनुप्रिया पटेल की मिर्जापुर सीट पर फिलहाल निर्णय नहीं हुआ है। इस अवस्था में, केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी और बीएल वर्मा यूपी से ही राज्यसभा सदस्य हैं, लेकिन उनके उपचुनाव के लिए अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है। इस मुद्दे पर निर्णय लेने की संभावना है कि उपचुनाव की तारीख़ों का निर्धारण और उम्मीदवारों का चयन जल्दी ही किया जाएगा।

अभी तक केंद्रीय राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह की सीट गाजियाबाद पर और उनके दल की अनुप्रिया पटेल की मिर्जापुर सीट पर उपचुनाव के लिए कोई निर्णय नहीं लिया गया है। इसके अलावा, केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी और बीएल वर्मा भी यूपी से ही राज्यसभा सदस्य हैं।

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भाजपा : बाहरियों को भी मौका

भाजपा ने हाल ही में बसपा से आए अंबेडकरनगर के सांसद रितेश पांडेय को इसी सीट से प्रत्याशी बना दिया है, जिससे बाहरियों को भी मौका मिला। महाराष्ट्र में कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे कृपाशंकर सिंह को जौनपुर से टिकट दिया गया है।

भाजपा: 5 महिलाओं को मौका

भाजपा ने पहली सूची में पांच महिलाओं को टिकट दिया है। इनमें स्मृति, साध्वी निरंजन ज्योति, हेमा मालिनी, रेखा वर्मा और नीलम सोनकर शामिल हैं।

हारे मोहरों पर भी दांव

भाजपा ने 2019 में हारी हुई 14 सीटों में से 7 सीट पर प्रत्याशी घोषित किए हैं। कुंवर सिंह तंवर को अमरोहा, परमेश्वर लाल सैनी को संभल, और नीलम सोनकर को लालगंज में फिर से भरोसा जताया गया है। ओमकुमार को नगीना, साकेत को श्रावस्ती, रितेश को अंबेडकरनगर, और कृपाशंकर को जौनपुर से नए चेहरे के रूप में उतारा गया है।

नृपेंद्र के बेटे साकेत श्रावस्ती से लड़ेंगे

राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र के बेटे साकेत मिश्रा को 2019 में हारी हुई सीट श्रावस्ती से टिकट दिया गया है। साकेत विधान परिषद सदस्य हैं।

भाजपा ने लोकसभा चुनाव को लेकर उत्तर प्रदेश में एक बार फिर से पिछड़ा कार्ड चला दिया है। 51 में से 21 सीटों पर पिछड़े वर्ग के उम्मीदवारों को उतारा गया है। पिछड़े वर्ग में लोधी, कुर्मी, जाट, और गुर्जर सहित सभी प्रमुख बिरादरियों को प्रतिनिधित्व दिया गया है।

वहीं अपने परंपरागत अगड़े वोट बैंक को साधने के लिए 10 ब्राह्मण, 7 ठाकुर और एक पारसी को भी टिकट दिया है। भाजपा ने पिछड़े समाज में चार लोधी, चार कुर्मी, तीन जाट, दो गुर्जर, एक यादव, एक कश्यप, एक कुशवाहा, दो निषाद, एक गुप्ता, एक सैनी और एक तेली प्रत्याशी उतारा है।

अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित 12 सीटों में से पांच पर पासी समाज के प्रत्याशी उतारे गए हैं। इसमें एक पाल-गड़रिया, एक कोरी, एक धानुक, दो जाटव, और दो खटिक प्रत्याशी शामिल हैं। पार्टी ने पहली लिस्ट में पश्चिमी यूपी में आगरा, सहारनपुर, और मेरठ कमिश्नरी के किसी भी लोकसभा क्षेत्र में जाटव उम्मीदवार को नहीं उतारा है।

वहीं पश्चिम और ब्रज में किसी ठाकुर को भी प्रत्याशी घोषित नहीं किया है। मुरादाबाद से प्रत्याशी रहे सर्वेश सिंह और गाजियाबाद से केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह को भी फिलहाल टिकट नहीं दिया गया है।

75 पार की बाधा हुई दूर

भाजपा ने मथुरा से फिल्म अभिनेत्री एवं मौजूदा सांसद हेमा मालिनी को मैदान में उतारकर 75 वर्ष की बाधा को तोड़ दिया है। प्रत्याशी चयन से पहले माना जा रहा था कि 75 वर्ष से अधिक आयु के मौजूदा सांसदों को पार्टी टिकट नहीं देगी। लेकिन पार्टी ने 75 वर्ष से अधिक आयु की हेमा मालिनी को टिकट दिया है।
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