दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की शराब नीति घोटाले में रिमांड लेने की कोशिश कर रही सीबीआई ने राउज एवेन्यू कोर्ट में कई दलीलें पेश की हैं। सीबीआई का दावा है कि अरविंद केजरीवाल ने इस मामले में सारी जिम्मेदारी मनीष सिसोदिया पर डाल दी है और कहा है कि निजीकरण का विचार मनीष सिसोदिया का ही था।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, जो दिल्ली आबकारी नीति घोटाले में फंसे हुए हैं, ने राउज एवेन्यू कोर्ट में सीबीआई केस के दौरान चल रही जिरह के दौरान जांच एजेंसी की एक दलील का स्वयं विरोध किया है। केजरीवाल ने सीबीआई की जांच और आरोपों को बेबुनियाद और राजनीति से प्रेरित बताते हुए अपनी स्थिति को स्पष्ट किया। उन्होंने अदालत में जोर देकर कहा कि उनके खिलाफ लगाए गए सभी आरोप निराधार हैं और उनका उद्देश्य केवल उनकी और उनकी सरकार की छवि को धूमिल करना है। उन्होंने न्याय के लिए अदालत पर भरोसा जताते हुए अपने निर्दोष होने का दावा किया।
बुधवार को सीबीआई ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को कोर्ट में ही गिरफ्तार कर लिया। इस दौरान, सीबीआई ने केजरीवाल की पांच दिन की रिमांड की मांग करते हुए दावा किया कि अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली शराब घोटाले में सारी जिम्मेदारी मनीष सिसोदिया पर डाल दी है। सीबीआई ने अदालत को बताया कि केजरीवाल ने अपने बयान में कहा है कि शराब नीति से संबंधित सभी निर्णय और निजीकरण का विचार सिसोदिया का ही था।
सीबीआई का यह भी कहना है कि मामले की गहन जांच के लिए केजरीवाल को रिमांड पर लेना आवश्यक है ताकि सच्चाई का पता लगाया जा सके और दोषियों को कानून के कठघरे में खड़ा किया जा सके। केजरीवाल की गिरफ्तारी ने दिल्ली की राजनीति में भूचाल ला दिया है, और उनके समर्थक इसे राजनीतिक साजिश करार दे रहे हैं। वहीं, विरोधी दल इस कदम का स्वागत कर रहे हैं और निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं।
‘वह सारा दारोमदार सिसोदिया पर डाल रहे हैं’
सीबीआई के वकील ने कोर्ट में कहा कि हमें अरविंद केजरीवाल से हिरासत में पूछताछ की जरूरत है। उन्होंने आरोप लगाया कि केजरीवाल यह भी नहीं पहचान रहे हैं कि विजय नायर उनके अधीन काम कर रहे थे। केजरीवाल का दावा है कि नायर आतिशी और सौरभ भारद्वाज के अधीन काम कर रहे थे और वह पूरी जिम्मेदारी मनीष सिसोदिया पर डाल रहे हैं।
सीबीआई ने यह भी तर्क दिया कि केजरीवाल को दस्तावेजों का सामना करना होगा और जांच में सहयोग करना होगा। वकील ने कहा कि मामले की सच्चाई का पता लगाने के लिए केजरीवाल से हिरासत में गहन पूछताछ करना आवश्यक है, जिससे सभी पहलुओं की विस्तृत जांच हो सके। सीबीआई का मानना है कि केजरीवाल से सीधे पूछताछ करके ही वे इस घोटाले के मूल कारणों और दोषियों का पता लगा सकते हैं। इस बीच, केजरीवाल की गिरफ्तारी और सीबीआई की रिमांड की मांग ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है, और विभिन्न दलों के बीच तीखी बयानबाजी हो रही है।
केजरीवाल ने कोर्ट में दी ये सफाई
सीबीआई के इस दावे को लेकर अरविंद केजरीवाल ने खुद कोर्ट में अपना पक्ष रखा। केजरीवाल ने कहा कि सीबीआई सूत्रों के माध्यम से मीडिया में यह खबर फैलाई जा रही है कि उन्होंने सारा दोष मनीष सिसोदिया पर मढ़ दिया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि उन्होंने ऐसा कोई बयान नहीं दिया है जिसमें कहा गया हो कि मनीष सिसोदिया दोषी हैं या इस मामले का कोई अन्य व्यक्ति दोषी है।
केजरीवाल ने कहा कि उन्हें गलत तरीके से फंसाया जा रहा है और यह पूरी कार्रवाई राजनीति से प्रेरित है। उन्होंने कोर्ट में जोर देकर कहा कि उनकी और उनकी सरकार की छवि को धूमिल करने के लिए इस तरह की झूठी बातें फैलाई जा रही हैं। केजरीवाल ने अदालत से निष्पक्ष जांच की मांग की और भरोसा जताया कि सच्चाई जल्द ही सामने आएगी। उनके इस बयान के बाद मामले की गंभीरता और भी बढ़ गई है और राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का दौर जारी है।
मैंने पहले ही कहा था कि मनीष सिसोदिया निर्दोष हैं, और आप भी निर्दोष हैं, मैं निर्देश हूं। हमारा पूरा प्लान यह है कि हमें मीडिया में बदनाम किया जाए। हमें यह डॉक्यूमेंट करना चाहिए कि सीबीआइ सूत्रों से इन सभी बातों को मीडिया में नहीं फैलाया जाए।
केजरीवाल ने आगे कहा कि उनका आइडिया है कि अखबारों की पहली पेज पर हेडलाइन हो कि केजरीवाल ने मनीष सिसोदिया को अपने गलत फैसले का शिकार बनाया।