युगांडा और तंजानिया की 6 महिलाओं ने पंजाबी व्यवसायी से की लूटपाट
एक व्यापारी के साथ चाकू लेकर धमकी देकर लूटने और छेड़छाड़ के मामले में शामिल होने का आरोप लगाया जा रहा है, और इस मामले में फगवाड़ा के एक गांव से युगांडा और तंजानिया की छह महिलाओं को गिरफ्तार किया गया है।
पंजाब में एक व्यवसायी को चाकू का भय दिखाकर लूटने और उसे छेड़छाड़ के मामले में फंसाने की धमकी देने के आरोप में फगवाड़ा के एक गांव से युगांडा और तंजानिया की छह महिलाओं को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने शनिवार को इस घटना की सूचना दी।
पुलिस ने बताया कि उन्हें भारतीय दंड संहिता की धाराओं 341 (गलत तरीके से रोकना), 384 (जबरन वसूली) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत शुक्रवार और शनिवार की मध्यरात्रि को महेरू गांव के लॉगेट क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया था। सतनामपुरा पुलिस थाने के प्रभारी गौरव धीर ने बताया कि आरोपी महिलाएं वर्तमान में महेरू और चहेरू गांवों में रह रही थीं।
उन्होंने कहा कि उन्हें राजस्थान के हनुमानगढ़ के एक निवासी की शिकायत पर गिरफ्तार किया गया, जो वर्तमान में महेरू में व्यवसाय कर रहे हैं। शिकायतकर्ता ने पुलिस को बताया कि वह 26 फरवरी की रात एक ढाबे से लौट रहा था, तभी चाहवाला चौक के निकट एक महिला ने उसे रुकने का इशारा किया और मदद की गुहार लगाई।
युगांडा और तंजानिया
उन्होंने अपनी शिकायत में कहा, ‘‘वह मुझे एक तरफ ले गईं जहां पांच अन्य महिलाएं खड़ी थीं।’’ उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘मुझे दीवार पर धकेलते हुए, मदद मांगने वाली महिला ने अपने पर्स से चाकू निकाल लिया और सभी ने मुझे धमकी दी कि मेरी जेब में जो कुछ भी है, उन्हें दे दूं।’’ इस घटना के बाद, पुलिस ने महिलाओं को हिरासत में ले लिया और उनकी गवाही ली।
उन्होंने शिकायत में कहा, ‘‘विदेशी नागरिकों ने मुझे धमकी भी दी कि अगर मैंने ऐसा नहीं किया तो वे यह कहते हुए शोर मचा देंगी कि मैंने उनके साथ छेड़छाड़ करने का प्रयास किया है।’’ धीर ने बताया कि इस व्यक्ति ने उन्हें 2,000 रुपये दिए और बाद में पुलिस को मामले की सूचना दी।
थाना प्रभारी ने बताया कि सभी छह विदेशी नागरिकों को शनिवार को एक अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि गिरफ्तार महिलाओं के बारे में दोनों देशों के दूतावासों को भी सूचित किया जा रहा है। इसके अलावा, उन्होंने यह भी जानकारी दी कि विदेशी नागरिकों को न्यायिक हिरासत में भेजने का निर्णय अदालती प्रक्रिया के द्वारा लिया गया था।
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