रियासी में हुए आतंकी हमले (Reasi Terror Attack) ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है। इस बर्बर हमले में 10 लोगों की जान चली गई है, जबकि 41 अन्य लोग घायल हो गए हैं। हमले के समय बस ड्राइवर को गोली लग गई, जिससे बस का नियंत्रण खो गया और वह गहरी खाई में गिर गई। आतंकी बस के खाई में गिरने के बाद भी गोलियां बरसाते रहे, जिससे स्थिति और भी भयावह हो गई। इस हमले ने सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं और देशभर में आक्रोश और शोक का माहौल है। अधिकारियों ने तुरंत राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया है, और घायल यात्रियों को निकटतम अस्पताल में भर्ती कराया गया है। सुरक्षा बलों ने पूरे इलाके को घेर लिया है और आतंकियों की तलाश तेज कर दी गई है।
HIGHLIGHTS
- आइएसआइ की शह पर आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा ने रचा था षड्यंत्र
- बस खाई में न गिरी होती तो आशंका थी कि आतंकी किसी भी श्रद्धालु को नहीं छोड़ते
- ग्रामीणों के अनुसार आतंकियों ने सेना जैसी पोशाक पहनी थी
रियासी में शिवखोड़ी से लौट रही श्रद्धालुओं की बस पर हुए आतंकी हमले (Reasi Terror Attack) ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है। इस हमले में 10 निर्दोष लोगों की जान चली गई, जबकि 41 अन्य श्रद्धालु गंभीर रूप से घायल हो गए। घटना के बाद से ही देशभर के प्रमुख राजनीतिक नेताओं, समाजसेवियों और अभिनेताओं ने इस हमले की कड़ी निंदा की है। सूत्रों के अनुसार, इस हमले का षड्यंत्र पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई की शह पर आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा ने रचा था। इस हमले ने देश की सुरक्षा व्यवस्था पर गहन चिंता जताई है और सरकार ने इस पर कड़ा रुख अपनाते हुए आतंकियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का वादा किया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमले पर गहरा शोक व्यक्त किया है और मृतकों के परिवारों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया है। इसके साथ ही, उन्होंने सुरक्षा बलों को निर्देश दिया है कि आतंकियों को जल्द से जल्द पकड़ने और न्याय दिलाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएं। इस घटना ने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता की जरूरत को और भी मजबूती से उजागर किया है।
रियासी में शिवखोड़ी से लौट रही श्रद्धालुओं की बस पर हुए आतंकी हमले (Reasi Terror Attack) ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है। इस हमले में 10 निर्दोष लोगों की जान चली गई, जबकि 41 अन्य श्रद्धालु गंभीर रूप से घायल हो गए। घटना के बाद से ही देशभर के प्रमुख राजनीतिक नेताओं, समाजसेवियों और अभिनेताओं ने इस हमले की कड़ी निंदा की है। सूत्रों के अनुसार, इस हमले का षड्यंत्र पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई की शह पर आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा ने रचा था। इस हमले ने देश की सुरक्षा व्यवस्था पर गहन चिंता जताई है और सरकार ने इस पर कड़ा रुख अपनाते हुए आतंकियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का वादा किया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमले पर गहरा शोक व्यक्त किया है और मृतकों के परिवारों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया है। इसके साथ ही, उन्होंने सुरक्षा बलों को निर्देश दिया है कि आतंकियों को जल्द से जल्द पकड़ने और न्याय दिलाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएं। इस घटना ने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता की जरूरत को और भी मजबूती से उजागर किया है।
बस के खाई में गिरने से बची श्रद्धालुओं की जान
जब आतंकियों ने बस पर हमला किया, उस समय बस ड्राइवर को गोली लगी, जिससे बस अनियंत्रित होकर खाई में जा गिरी। इसके बाद भी आतंकी बस पर गोलियां बरसाते रहे। यदि बस खाई में न गिरी होती तो संभावना थी कि आतंकी किसी भी श्रद्धालु को नहीं छोड़ते।
चालक की दिलेरी से बची श्रद्धालुओं की जान
ग्रामीणों के अनुसार, आतंकियों ने सेना जैसी पोशाक पहन रखी थी और उन्होंने दूर से बस को रोकने का संकेत दिया। पास आते ही चालक समझ गया कि ये सेना के जवान नहीं हैं और उसने बस को तेजी से निकालने की कोशिश की। उसी समय आतंकियों ने चालक को गोली मार दी, जिससे बस खाई में गिर गई।
श्रद्धालुओं ने बताया कि आतंकियों की मंशा बस में सवार सभी लोगों की हत्या करने की थी। बस खाई में गिरने के बाद भी आतंकी गोलियां बरसाते रहे।
जम्मू समेत प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में लोगों ने आतंकी हमले पर गहरा रोष जताते हुए पाकिस्तान के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किए। शिवसेना और बजरंग दल ने विरोध जुलूस निकाले, जबकि ऑल पार्टी हुर्रियत कान्फ्रेंस ने भी इस हमले की कड़ी निंदा की। कई सामाजिक संगठनों और राजनेताओं ने इस हमले को कायराना कृत्य करार देते हुए आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने की अपील की।