विराट और रोहित शर्मा: भारतीय टीम के लिए महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में खेलने वाले बंगाल के क्रिकेटर मनोज तिवारी ने क्रिकेट को अलविदा कह दिया है. रणजी ट्रॉफी के इस सीजन के बाद अब बंगाल के कप्तान का जलवा देखने को नहीं मिलेगा. बिहार के खिलाफ टीम के लिए पारी और 204 रन की बड़ी जीत के साथ ही मनोज तिवारी ने सभी फॉर्मेट से संन्यास की घोषणा की. क्रिकेट को अलविदा कहने के बाद ही उन्होंने अपने इंटरव्यू से बवाल मचा दिया है.
विराट और रोहित शर्मा: इंटरनेशनल करियर को लेकर सवाल किए जाने पर मनोज तिवारी जवाब दिया. उनका कहना था कि वह तात्कालिक कप्तान महेंद्र सिंह धोनी से सवाल करना चाहेंगे कि उनको शतक जमाने के बाद भी आखिर टीम से क्यों निकाला गया था. चेन्नई में उन्होंने वेस्टइंडीज के खिलाफ नाबाद 104 रन की पारी खेली थी. मनोज तिवारी को इस मुकाबले में प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया था. 6 मैच के बाद ही जिम्बाब्वे के खिलाफ तीन मैचों की सीरीज से उनको बाहर कर दिया गया था.
बात करते हुए मनोज ने कहा, “मुझे जब कभी भी मौका मिलेगा तो महेंद्र सिंह धोनी से इस बात को जरूर सुनना चाहूंगा. मैं उनसे यह सवाल जरूर ही पूछना चाहूंगा, वैसे यह बात उनको यूं ही मिलकर पूछना चाहता हूं.”
उनका कहना था, “महेंद्र सिंह धोनी से यह बात भी पूछना है कि मुझे रन बाने के बाद वो शतक जड़ने के बाद आखिरी टीम से बाहर क्यों कर दिया गया. खासकर ऑस्ट्रेलिया का वो दौरा जिसपर किसी भी खिलाड़ी ने रन नहीं बनाए थे. विराट कोहली, रोहित शर्मा या फिर सुरेश रैना ही क्यों ना हों किसी के बल्ले से भी रन नहीं आए थे. अब तो मेरे पास खोने के लिए कुछ भी नहीं है.”
मनोज तिवारी ने इससे पहले भी संन्यास लिया था। उन्होंने पिछले साल अगस्त में क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास की घोषणा की थी। हालांकि कुछ दिनों बाद ही उन्होंने अपना ये फैसला वापस ले लिया था और बंगाल के लिए एक साल और रणजी ट्रॉफी में खेलने का फैसला किया। उन्होंने रणजी ट्रॉफी के इस सीजन बंगाल की कप्तानी की और अपने आखिरी मुकाबले में बिहार के खिलाफ टीम को जीत भी दिलाई।
सोशल मीडिया पर शेयर की इमोशनल पोस्ट
तिवारी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर कर अपने संन्यास के बारे में बताया है, तिवारी ने अपने पोस्ट में उन सभी का धन्यवाद किया है जिन्होंने उनका पूरा सहयोग किया था. तिवारी ने अपने पोस्ट में लिखा, “क्रिकेट के खेल को अलविदा. इस खेल ने मुझे सब कुछ दिया है, मेरा मतलब है कि हर एक चीज़ जिसके बारे में मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था, उस समय से लेकर जब मेरे जीवन को विभिन्न प्रकार की कठिनाइयों से चुनौती मिली थी.. मैं इस खेल और भगवान का हमेशा आभारी रहूंगा, जो हमेशा मेरे पक्ष में रहे.. ”
क्रिकेटर तिवारी ने आगे लिखा, “इस अवसर पर मैं उन लोगों के प्रति अपनी हार्दिक कृतज्ञता व्यक्त करता हूं जिन्होंने मेरी क्रिकेट यात्रा में भूमिका निभाई है.. मेरे बचपन से लेकर पिछले साल तक मेरे सभी कोचों को धन्यवाद, जिन्होंने मेरी क्रिकेट उपलब्धियों में भूमिका निभाई. मेरे पिता तुल्य कोच मानवेंद्र घोष क्रिकेट यात्रा में स्तंभ रहे हैं. अगर वह नहीं होते तो मैं क्रिकेट जगत में कहीं नहीं पहुंच पाता… धन्यवाद सर. और आपके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं, क्योंकि आपका स्वास्थ्य ठीक नहीं चल रहा है. ”
इसके अलावा उन्होंने आगे लिखा, “मेरे पिताजी और माँ को धन्यवाद, उन्होंने कभी मुझ पर पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करने का दबाव नहीं डाला बल्कि उन्होंने मुझे क्रिकेट में बने रहने के लिए प्रोत्साहित किया.. मेरी पत्नी को बहुत-बहुत धन्यवाद, जो मेरे जीवन में आने के बाद से हमेशा मेरे साथ रही हैं.. उनके निरंतर समर्थन के बिना, मैं जीवन में उस मुकाम तक नहीं पहुंच पाता जहां मैं आज हूं. और मेरे सभी साथियों, पूर्व और वर्तमान, और बंगाल क्रिकेट एसोसिएशन और एसोसिएशन के सभी सदस्यों को, जिन्होंने मेरी यात्रा में भूमिका निभाई है.”
विराट और रोहित शर्मा: बंगाल के लिए रणजी ट्रॉफी नहीं जीत पाने का मलाल रहेगा
मनोज तिवारी ने अपने संन्यास को लेकर बड़ी प्रतिक्रिया दी और साथ ही एक खास चीज के लिए अफसोस भी जताया। उन्होंने कहा,
मुझे काफी खुशी हो रही है कि मैं अपने फेवरिट ग्राउंड में रिटायर हो रहा हूं। मुझे बस एक ही चीज का पछतावा रहेगा कि मैं बंगाल के लिए रणजी ट्रॉफी नहीं जीत पाया।
आपको बता दें कि मनोज तिवारी ने टीम इंडिया के लिए भी कई मुकाबले खेले थे। उन्होंने अपने वनडे करियर में 12 मैच खेले थे जिसमें 287 रन बनाए। इस दौरान उन्होंने एक शतक और एक अर्धशतक लगाया। वहीं तीन टी20 इंटरनेशनल मुकाबलों में उन्होंने 15 रन बनाए थे।
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