साउथ अफ्रीका के प्लेयर क्विटंन डीकॉक को उदास देखकर नहीं रह पाए पंत, इस तरह किया मूड सेट

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क्विटंन डीकॉक

दक्षिण अफ्रीका को एक बेहद रोमांचक मुकाबले में सात रन से हराकर, सितारों से सजी भारतीय टीम ने टी20 विश्व कप का खिताब जीत लिया। इसके साथ ही, आईसीसी खिताब के लिए भारत का 11 साल का लंबा इंतजार समाप्त हो गया। विराट कोहली की शानदार बल्लेबाजी और रोहित शर्मा की ‘कूल’ कप्तानी के बदौलत भारतीय टीम ने पिछले साल का अधूरा सपना पूरा किया। इस जीत के बाद भारतीय क्रिकेट प्रेमियों की आंखें खुशी से छलक उठीं। हार्दिक पंड्या, रोहित शर्मा, विराट कोहली समेत भारतीय टीम के कई खिलाड़ी भावुक हो गए। रोहित शर्मा की पत्नी रितिका भी रो पड़ीं।

क्विटंन डीकॉक
Cricket – South Africa v Australia – Second T20 – St George’s Park, Port Elizabeth, South Africa – February 23, 2020 South Africa’s Quinton de Kock leaves the field after losing his wicket Action Images via Reuters/Rogan Ward/File Photo

दूसरी ओर, दक्षिण अफ्रीका के ड्रेसिंग रूम में माहौल गमगीन था। उसी समय, भारतीय टीम के एक स्टार क्रिकेटर ने ऐसा काम किया कि आपका दिल भी भर आएगा।

दरअसल, हार से दुखी दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाज क्विंटन डीकॉक अपनी बेटी के साथ स्टेडियम के मैदान में बैठे थे। उसी समय भारतीय टीम के विकेटकीपर ऋषभ पंत धीरे से उनके पास पहुंचे। पंत ने क्विंटन को गले लगाया और उन्हें सांत्वना दी। पंत का यह अंदाज क्रिकेट फैंस को काफी पसंद आया और सोशल मीडिया पर उनकी तारीफ की जाने लगी।

क्विटंन डीकॉक

फाइनल में, भले ही ऋषभ पंत बल्ले से कोई खास प्रदर्शन नहीं कर सके, लेकिन मैच के बाद उन्होंने अपने इस मानवीय व्यवहार से सबका दिल जीत लिया। जब पूरी भारतीय टीम जीत का जश्न मना रही थी, तब पंत ने क्विंटन डीकॉक को सांत्वना देने का समय निकाला। यह भी माना जा रहा है कि यह क्विंटन डीकॉक का अंतिम विश्व कप था, और उनकी भावनाओं का सम्मान करते हुए पंत का यह कदम सचमुच सराहनीय था।

पंत की इस भावना ने यह दिखाया कि खेल में प्रतिस्पर्धा के साथ-साथ मानवीयता और सम्मान भी उतने ही महत्वपूर्ण हैं। उनके इस कदम ने खेल की वास्तविक भावना को जीवित रखा और दर्शाया कि असली विजेता वही होता है जो न केवल खेल को, बल्कि खेल भावना को भी सम्मान देता है। भारतीय क्रिकेट फैंस के लिए यह लम्हा बेहद भावुक और यादगार बन गया।

क्विटंन डीकॉक ने बनाए थे 39 रन

क्विंटन डीकॉक ने 31 गेंदों पर 39 रन बनाए थे, जिसमें उन्होंने 4 चौके और 1 छक्का भी जड़ा। अर्शदीप सिंह की गेंद पर डीकॉक कुलदीप यादव के हाथों कैच आउट हुए। मैच के दौरान एक समय ऐसा भी आया जब दक्षिण अफ्रीका जीत की ओर बढ़ती नजर आ रही थी, लेकिन हार्दिक पंड्या की शानदार गेंदबाजी और सूर्यकुमार यादव के अविश्वसनीय कैच ने खेल का रुख बदल दिया।

हार्दिक पंड्या की धारदार गेंदबाजी ने दक्षिण अफ्रीका के बल्लेबाजों को दबाव में ला दिया, जबकि सूर्यकुमार यादव के द्वारा लपका गया कैच मैच का निर्णायक मोड़ साबित हुआ। भारतीय टीम ने नाटकीय ढंग से मैच में वापसी की और अंततः इस रोमांचक मुकाबले में जीत दर्ज की।

क्विटंन डीकॉक

इस जीत ने भारतीय क्रिकेट प्रेमियों के लिए एक यादगार पल बना दिया, जबकि दक्षिण अफ्रीका के ड्रेसिंग रूम में निराशा का माहौल था। भारतीय टीम की इस जीत में जहां खिलाड़ियों के प्रदर्शन का अहम योगदान था, वहीं ऋषभ पंत द्वारा क्विंटन डीकॉक को सांत्वना देने का मानवीय पहलू भी क्रिकेट प्रेमियों के दिलों को छू गया।

यह मैच न केवल खेल के रोमांच को दर्शाता है, बल्कि खेल भावना और खिलाड़ियों के बीच के मानवीय संबंधों को भी उजागर करता है। भारतीय टीम की इस जीत ने देशभर में खुशी की लहर दौड़ा दी और खिलाड़ियों की टीम भावना और संघर्ष की प्रशंसा की गई।

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