हरियाणा में गठबंधन को लेकर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (AAP) के बीच बातचीत जारी थी, जिसमें कांग्रेस की ओर से दीपक बाबरिया और AAP की ओर से राघव चड्ढा प्रमुख रूप से चर्चा कर रहे थे। पार्टी के सूत्रों के अनुसार, आम आदमी पार्टी 10 से अधिक सीटों की मांग कर रही थी, लेकिन कांग्रेस इस पर सहमत नहीं थी और तीन से अधिक सीटें देने को तैयार नहीं थी। इस खींचतान के चलते दोनों दलों के बीच बातचीत में गतिरोध बना हुआ था, जो गठबंधन की संभावनाओं पर प्रश्नचिन्ह खड़ा कर रहा था।
हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) के बीच गठबंधन की चर्चा आखिरी समय तक होते-होते रुक गई। दोनों दलों के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर सहमति नहीं बन सकी, जिसके कारण गठबंधन की संभावनाओं पर पूर्ण विराम लग गया। आखिरकार, आम आदमी पार्टी ने सोमवार को अपने 20 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी। हैरानी की बात यह है कि इनमें से 11 सीटों पर कांग्रेस पहले ही अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर चुकी थी। आप द्वारा सूची जारी किए जाने के बाद कांग्रेस की ओर से गठबंधन पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। इस बीच, आप नेताओं का दावा है कि वे जल्द ही अपनी दूसरी सूची भी जारी करेंगे, जिससे यह साफ होता है कि आप अब अपने दम पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है। इस घटनाक्रम से हरियाणा की राजनीति में नई उठापटक शुरू हो गई है, और दोनों दलों के बीच संभावित गठबंधन के टूटने से चुनावी समीकरणों में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है।
कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) के बीच पिछले पांच दिनों से हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर गठबंधन की बातचीत जारी थी। कांग्रेस की ओर से दीपक बाबरिया और आप के राघव चड्ढा के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर लगातार चर्चा हो रही थी। पार्टी सूत्रों के अनुसार, आप 10 से अधिक सीटों की मांग कर रही थी, जबकि कांग्रेस तीन से ज्यादा सीटें देने पर राजी नहीं थी। आप पिहोवा, कलायत, गुहला चीका, पानीपत ग्रामीण, जींद के अलावा गुड़गांव और फरीदाबाद जैसी प्रमुख सीटों पर चुनाव लड़ने की इच्छुक थी। हालांकि, कांग्रेस इन सीटों को आप को देने के लिए तैयार नहीं थी, क्योंकि इनमें से कई सीटें ऐसी थीं जहां कांग्रेस पिछले चुनाव में दूसरे स्थान पर रही थी और उसे उम्मीद थी कि इस बार वह वहां से जीत दर्ज कर सकती है।
कांग्रेस का मानना था कि यदि ये महत्वपूर्ण सीटें आप के पास चली जातीं तो पार्टी को नुकसान उठाना पड़ सकता था, जिससे उसकी चुनावी संभावनाएं प्रभावित होतीं। सीटों के बंटवारे पर मतभेद के कारण गठबंधन पर सहमति नहीं बन पाई, और इस मामले में दोनों दलों के बीच कोई ठोस नतीजा नहीं निकल सका। यह गतिरोध अब यह संकेत देता है कि दोनों पार्टियां अपने-अपने दम पर चुनावी मैदान में उतर सकती हैं, जिससे हरियाणा की राजनीतिक स्थिति और भी दिलचस्प हो गई है।
हरियाणा कांग्रेस के नेताओं की गठबंधन में रुचि नहीं थी
हालांकि राहुल गांधी ने राष्ट्रीय राजनीति को ध्यान में रखते हुए गठबंधन के संकेत दिए थे, लेकिन हरियाणा कांग्रेस के नेता शुरुआत से ही इस गठबंधन के विरोध में थे। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बाद कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला और अजय यादव ने भी आप के साथ गठबंधन नहीं करने का समर्थन किया था। कांग्रेस नेताओं का मानना था कि अगर आप को पांच से छह सीटें भी दी जातीं, तो इसका नुकसान सीधे तौर पर कांग्रेस को ही उठाना पड़ता। राज्य में इस समय माहौल कांग्रेस के पक्ष में है, इसलिए गठबंधन की जरूरत महसूस नहीं की गई।
आप द्वारा जारी प्रत्याशिओं की सूची
आप के प्रदेशाध्यक्ष सुशील गुप्ता ने सोमवार सुबह कांग्रेस को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि गठबंधन पर आलाकमान से कोई स्पष्ट सूचना नहीं मिली, तो पार्टी शाम तक अपने प्रत्याशियों की सूची जारी कर देगी। आप नेताओं का मानना है कि वे पिछले कई महीनों से हरियाणा में चुनाव की तैयारी कर रहे हैं और कई नेताओं को विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए तैयार भी कर चुके हैं। हालांकि, कांग्रेस गठबंधन के प्रति गंभीर नहीं दिखाई दे रही थी, जिससे आप के उम्मीदवारों में असमंजस और बेचैनी थी, क्योंकि नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि नजदीक आ रही थी। उम्मीदवार लगातार पार्टी पर दबाव बना रहे थे।
सूची जारी होने के बाद, आप सांसद संजय सिंह ने कहा कि गठबंधन की संभावना अब कम होती दिख रही है। उन्होंने जोर देकर कहा कि आम आदमी पार्टी एक राष्ट्रीय दल है और हरियाणा में उसका जनाधार मजबूत है। सभी सीटों पर आप की तैयारी पूरी हो चुकी है, जिससे साफ संकेत मिलता है कि पार्टी अकेले चुनाव लड़ने के लिए पूरी तरह तैयार है।
20 सीटों पर घोषित किये उमीदवार
आम आदमी पार्टी ने हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए अपने 20 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है, जिसमें विभिन्न सीटों से प्रमुख उम्मीदवारों का ऐलान किया गया है। कलायत से अनुराग ढांडा, नारायणगढ़ से गुरपाल सिंह, पूंडरी से नरेंद्र शर्मा, घरौंडा से जयपाल शर्मा, असंध से अमनदीप जुंडला, समालखा से बिट्टू पहलवान, उचाना कलां से पवन फौजी, डबवाली से कुलदीप गदराना, रानिया से हैप्पी रानिया, भिवानी से इंदु शर्मा, महम से विकास नेहरा, रोहतक से बिजेंद्र हुड्डा, बहादुरगढ़ से कुलदीप छिक्कारा, बादली से रणबीर गुलिया, बेरी से सोनू अहलावत शेरिया, महेंद्रगढ़ से डॉ. मनीष यादव, नारनौल से रविंद्र मटरू, बादशाहपुर से वीर सिंह सरपंच, सोहना से धर्मेंद्र खटाना और बल्लभगढ़ से रविंद्र फौजदार को चुनावी मैदान में उतारा गया है।
आप ने इन उम्मीदवारों के जरिए हरियाणा में अपनी चुनावी रणनीति को मजबूती देने की कोशिश की है। उम्मीदवारों का चयन क्षेत्रीय जनाधार और स्थानीय मुद्दों को ध्यान में रखकर किया गया है, जिससे पार्टी को विभिन्न क्षेत्रों में बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है। आप नेताओं का कहना है कि इन उम्मीदवारों की मदद से पार्टी राज्य में एक मजबूत विकल्प के रूप में उभरने का प्रयास कर रही है, और हरियाणा के मतदाताओं के बीच अपनी जगह बनाने की तैयारी कर चुकी है।