‘I was not a servant of the Congress Party’, what did Acharya Pramod Krishnam say on his meeting with PM Modi and his penance of 40 years?
कांग्रेस पार्टी से निष्कासित किए जाने के बाद आचार्य कृष्णम ने कहा कि कांग्रेस की मुख्य विचारधारा सर्वधर्म समभाव है। महात्मा गांधी की सभा की शुरुआत रघुपति राघव राजा राम पतित पावन सीता राम गीत से होती थी। मैं कांग्रेस पार्टी का नौकर नहीं था। उन्होंने कांग्रेस के दिग्गज नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि उनसे पूछिए कि क्या श्री राम मंदिर उद्घाटन में जाना इतना बड़ा गुनाह है।
I was not a servant of the Congress Party एएनआई,नई दिल्ली। Acharya Pramod Krishnam। कांग्रेस से निष्कासित किए गए आचार्य प्रमोद कृष्णम लगातार कांग्रेस के दिग्गज नेताओं पर निशाना साध रहे हैं। कांग्रेस ने उन्हें पार्टी से छह सालों के लिए निष्कासित कर दिया है।
निष्कासन के बाद उन्होंने कहा,” कांग्रेस की मुख्य विचारधारा सर्वधर्म समभाव है। महात्मा गांधी की सभा की शुरुआत ‘रघुपति राघव राजा राम पतित पावन सीता राम’ गीत से होती थी। मैं कांग्रेस पार्टी का नौकर नहीं था, और मैंने नौकरी भी नहीं मांगी थी।”
सनातन मिटाना चाहती है कांग्रेस पार्टी: आचार्य प्रमोद कृष्णम
उन्होंने आगे पीएम मोदी की तारीफ करते हुए कहा,”रामराज्य का सपना देखने वाले पहले व्यक्ति महात्मा गांधी थे और पीएम मोदी उनके सपनों को पूरा कर रहे हैं। अगर पीएम मोदी देश के कल्याण के लिए फैसले ले रहे हैं तो इसकी सराहना की जानी चाहिए लेकिन कांग्रेस पार्टी पीएम मोदी से इतनी नफरत करती है कि अब उन्हें पूरे देश से नफरत होने लगी है। अब वे ‘सनातन’ को मिटाना चाहते हैं।”
पीएम मोदी की मुलाकात को लेकर क्या बोले आचार्य कृष्णम
I was not a servant of the Congress Party आचार्य प्रमोद कृष्णम ने आगे कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा,”वे पीएम मोदी से इतनी नफरत करते हैं कि वे उनसे मिलने वाले किसी भी व्यक्ति से नफरत करने लगते हैं। मैं कांग्रेस के उन नेताओं को धन्यवाद देना चाहता हूं जिन्होंने मुझे पार्टी से निकालने में अहम भूमिका निभाई।”
आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कांग्रेस के दिग्गज नेताओं पर निशाना साधा
उन्होंने आगे कांग्रेस के दिग्गज नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि उनसे पूछिए कि क्या श्री राम मंदिर उद्घाटन में जाना इतना बड़ा गुनाह है। श्री कल्कि धाम के शिलान्यास में भारत के प्रधानमंत्री, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को न्योता भेजना इतना बड़ा गुनाह है कि हमारे 40 सालों की तमाम तपस्या को आप खत्म कर दें।
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