CJI चंद्रचूड़ ने बैलेट बॉक्स मंगवाया, अपने सामने गिनवाए वोट और पलट दिया नतीजा; किस पावर का किया इस्तेमाल?

0
5
CJI चंद्रचूड़

Table of Contents

उच्चतम न्यायालय के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ, जब बैलेट बॉक्स मंगवाए गए. सीजेआई के सामने वोटों की गिनती हुई और नतीजे घोषित हुए. आखिर सुप्रीम कोर्ट ने किस पावर का इस्तेमाल करते हुए ऐसा किया?

CJI चंद्रचूड़: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ जब अदालत में बैलेट बॉक्स मंगवाए गए. CJI ने अपने सामने वोटों की गिनती करवाई और नतीजे घोषित किये. चंडीगढ़ मेयर चुनाव को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud) की अगुवाई वाली बेंच ने बैलट पेपर्स का परीक्षण किया और आम आदमी पार्टी (AAP) के कुलदीप कुमार को विजेता घोषित कर दिया.

सुप्रीम कोर्ट ने कौन सी शक्ति इस्तेमाल की?
चीफ जस्टिस की बेंच ने कहा कि अदालत यह सुनिश्चित करने के लिए बाध्य है कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया इस तरह के हथकंडों से नष्ट न होने पाए. CJI ने कहा कि अदालत की जिम्मेदारी बनती है कि कोर्ट लोकतांत्रिक मूल्यों और सिद्धांतों की रक्षा करे और उसे बहाल करे. कोर्ट ने चंडीगढ़ मेयर चुनाव के 30 जनवरी के नतीजों को पलटते हुए संविधान में दिए गए आर्टिकल 142 के अधिकारों का इस्तेमाल किया.

सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने कहा कि हमारी राय है कि इस तरह के मामलों में हम अपने अधिकार क्षेत्र में संविधान के अनुच्छेद 142 का इस्तेमाल यह सुनिश्चित करने के लिए बाध्य हैं कि चुनावी लोकतंत्र की प्रक्रिया असफल न होने पाए.

क्या है संविधान का अनुच्छेद 142?
संविधान के अनुच्छेद 142 में सुप्रीम कोर्ट को ‘कंप्लीट जस्टिस’ (Complete Justice) यानी ‘संपूर्ण न्याय’ का अधिकार दिया गया है. अनुच्छेद 142 (Article 142 of Indian Constitution) में कहा गया है कि ऐसे वाद, जिनमें कभी-कभी कानूनी तौर पर कोई हल नहीं दिखाई देता है, या कोई और रास्ता अख्तियार नहीं किया जा सकता है, उसमें सुप्रीम कोर्ट विवाद को हल करने या निपटारे के लिए अपने अधिकार क्षेत्र में उचित निर्णय ले सकती है.

सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट अनिरुद्ध शर्मा  कहते हैं कि संविधान के आर्टिकल 142 में सुप्रीम कोर्ट को कंप्लीट जस्टिस का अधिकार दिया गया है. ऐसे मामले जहां नागरिकों के मूलभूत अधिकारों का हन

CJI चंद्रचूड़न हो रहा हो या किसी कानून में खामी मिले, वहां अदालत, न्याय करने के लिए इस आर्टिकल का इस्तेमाल करती है.

कब-कब किया है आर्टिकल 142 का यूज?
सुप्रीम कोर्ट पहले भी कई मामलों में अनुच्छेद 142 का इस्तेमाल कर चुकी है. सबसे चर्चित मामला अयोध्या जमीन विवाद का है. उस वक्त उच्चतम न्यायालय ने जमीन विवाद का फैसला हिंदू पक्ष के हक में दिया था, लेकिन आर्टिकल 142 का इस्तेमाल करते हुए मुस्लिम पक्ष को 5 एकड़ जमीन देने का आदेश दिया था. इसी तरह, 6 से 14 साल के बच्चों को अनिवार्य मुफ्त शिक्षा, अंडर ट्रायल कैदियों की आधी सजा पूरी होने के बाद रिहाई का आदेश भी सेक्शन 142 के तहत दिया था.

महिला सैनिकों को दिया अधिकार
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कुछ वक्त पहले भारतीय सेना में महिलाओं को परमानेंट कमीशन देने का आदेश भी सेक्शन 142 में दी गई पावर का इस्तेमाल करते हुए ही पारित किया था.

CJI ने रिटर्निंग अफसर से भी की पूछताछ
सुप्रीम कोर्ट ने बैलट पेपर से छेड़छाड़ के आरोपी रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह को भी कोर्ट में तलब किया. CJI ने खुद उनसे सवाल-जवाब किया. चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि यह बहुत गंभीर मामला है. मैं आपसे सवाल पूछ रहा हूं, अगर आपने सही जवाब नहीं दिया तो आपके खिलाफ कार्यवाही होगी. आप कैमरे की तरफ देखते हुए बैलेट पेपर पर क्या निशान लगा रहे थे?

क्या है, धारा 340 जिसके तहत की कार्यवाही?
CJI चंद्रचूड़ अनिल मसीह के जवाब से संतुष्ट नहीं हुए और कहा कि साफ है कि इन्होंने चुनाव प्रक्रिया से छेड़छाड़ की. अपने अधिकारों से परे जाकर काम किया, इसलिए इनके खिलाफ कार्यवाही होनी चाहिए. अनिल मसीह के खिलाफ सीआरपीसी की धारा 340 के तहत कार्यवाही शुरू कर दी गई है. धारा 340 में अदालत में झूठी गवाही देने, गुमराह करने, गलत तथ्य पेश करने, गलत दस्तावेज दिखाने और न्यायालय की अवमानना के आरोपियों के खिलाफ कार्यवाही का प्रावधान है.

Read More

दादा साहब फाल्के अवॉर्ड में शाहिद कपूर का हुआ मोए-मोए? करीना कपूर ने किया एक्टर को नजरअंदाज तो वीडियो वायरल

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here
Captcha verification failed!
CAPTCHA user score failed. Please contact us!