आईपीएल मैचों में, यदि कोई टीम पहले बल्लेबाज़ी करते हुए केवल 167 रन बना पाती है, तो सामान्यत: 90 फीसदी मैचों का नतीजा लक्ष्य की पीछे जाने वाली विरोधी टीम के हाथ में होता है।
हालांकि, दिल्ली कैपिटल्स को यह अनुभव था कि अगर वे 160 रनों का लक्ष्य भी चाहे तो उनकी टीम मैच नहीं हारती है, और यह क्षमता लखनऊ सुपर जाएंट्स की टीम के पास है।
इसलिए, दिल्ली ने गेंदबाजी और बल्लेबाज़ी से दिखाया कि वे मेज़बान को सिर्फ 6 विकेटों से हरा सकते हैं, जो अश्वमेघ रथ की टीम थी और 160 से ज्यादा रन बनाने के बाद भी पारी नहीं खो सकती थी।
दिल्ली कैपिटल्स की इस जीत के मुख्य किरदार कुलदीप यादव रहे, जो पिछले तीन मैचों में खेलने के बावजूद अनफिट थे। लेकिन, उन्होंने मिडिल ओवर्स में लखनऊ के खिलाफ बड़ा ज़ोरदार प्रदर्शन किया, जिससे उन्हें मैच का ‘मैन ऑफ द मैच’ भी चुना गया।
कुलदीप ने 4 ओवरों में मात्र 20 रनों का भुगतान करते हुए कसी हुई गेंदबाज़ी की और मार्कस स्टोयनिस, निकोलस पूरन, और विरोधी कप्तान केएल राहुल के मूल्यवान विकेट लिए।
लखनऊ की टीम जो मैच में वापसी का सपना देख रही है
कुलदीप ने स्टोयनिस के खिलाफ पहला विकेट उठाया जब लखनऊ की टीम 2 विकेट पर 66 रन पर थी।
अगली गेंद पर, कानपुर के इस स्पिनर ने पूरन को बिना खाता खोले वापस भेजा, जो कि एक बड़े खिलाड़ी माने जाते थे।
कुलदीप ने हैट्रिक नहीं लिया, लेकिन अपने अगले ओवर में, उन्होंने राहुल को आउट किया और लखनऊ की टीम का स्कोर 77 रन पर 5 विकेट बना दिया।
मात्र 7 गेंदों के अंतराल में, कुलदीप के तीन झटकों ने लखनऊ को जबरदस्त दबाव में डाल दिया। यह इस बात को साबित करता है कि कुलदीप का खेल दोनों टीमों के बीच का असली फर्क है।
जब 13 ओवर के बाद, लखनऊ की टीम 7 विकेट पर 94 रन पर थी, तो लगा कि उनके लिए 20 ओवरों में खेलना मुश्किल होगा, और 120-125 रन का स्कोर ही सम्मानजनक होगा।
लेकिन, यहां से युवा आयुष बदोनी ने 31 गेंदों पर अर्धशतक जमाया, और अरशद ख़ान के साथ मिलकर रिकॉर्ड 73 रनों की साझेदारी की। इसके चलते, लखनऊ को मैच में वापसी के बारे में सोचने का ख्वाब भी देखने को मिला।
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पंत की बल्लेबाज़ी
मैकगर्क के साथ, पृथ्वी शॉ ने भी एक आक्रामक पारी (22 गेंदों में 32 रन) खेली और कप्तान ऋषभ पंत ने भी 24 गेंदों पर 2 छक्कों और 4 चौकों की मदद से 41 रन बनाए।
20 दिसंबर 2022 को कार दुर्घटना के बाद इसी आईपीएल के ज़रिए पंत ने सक्रिय क्रिकेट में वापसी की है और अपनी टीम के लिए ना सिर्फ सबसे अधिक रन और अर्धशतक बनाए हैं बल्कि उनके 194 रन 157.72 की स्ट्राइक रेट के साथ आए हैं।
जून में होने वाले टी-20 वर्ल्ड कप के लिए भारतीय चयनकर्ताओं के लिए उनकी दावेदारी को नज़रअंदाज़ करना मुश्किल होगा।
बहरहाल, लग रहा था कि कैपिटल्स के लिए मैच में जीत आसान होगी, लेकिन 5 गेंदों में नवीन उल हक और रवि बिश्नोई ने मैकगर्क-पंत की जोड़ी को पवेलियन भेज दिया।
तब भी, दिल्ली के लिए लक्ष्य 27 गेंदों पर 20 रन का था, जिसे हासिल करने में शेहोप और त्रिस्टन स्ट्रॉब्स को कोई परेशानी नहीं आई।
जीत के बावजूद, पंत की टीम के लिए गंभीर सवाल अब भी बना हुआ है कि क्या वे वाकई में इस टूर्नामेंट में वापसी कर पाएंगे?
अगर लखनऊ के बाद अगले मैच में अहमदाबाद में यह टीम भी शुभमन गिल की टीम को हराती है, तो शायद वापसी की उम्मीद जग सकती है।
कुलदीप और मैकगर्क की जोड़ी ने पंत को यह विश्वास दिया है कि उनके जजबे के साथ तालमेल मिलाकर चलने वाले दो और मैच-विनर भी कैपिटल्स की टीम में हैं।
फिलहाल, अंक-तालिका में 10वें पायदान से एक स्थान ऊपर आकर पंत और उनके साथियों ने थोड़ी सी राहत की सांस ली है क्योंकि अब सबसे नीचे विराट कोहली की रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु की टीम है।
मैक्गर्क की जादूगरी
हालांकि, दिल्ली ने विद्वान डेविड वॉर्नर का विकेट सस्ते में खोने के बावजूद दबाव का सामना नहीं किया। इसके लिए जिम्मेदार थे तीसरे नंबर पर एक और नये खिलाड़ी का इस सीज़न बल्लेबाज़ी के लिए इस अहम नंबर पर उतरना।
जैक फ्रेज़र मैक्गर्क की तुलना आस्ट्रेलिया में पहले से ही वॉर्नर जैसी प्रतिभा के तौर पर हो रही है और उनकी टीम के कोच रिकी पोटिंग ने कुछ ही महीने पहले इस बात की भविष्यवाणी की थी कि इस युवा खिलाड़ी में आने वाले समय में क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में अपनी पहचान बनाने का पोटेंशियल है।
इत्तेफाक से मैक्गर्क को इस सीज़न दिल्ली की टीम में आने का मौका मिला क्योंकि साउथ अफ्रीका के तेज़ गेंदबाज़ लुंगी एंगीडी के चोटिल होने के कारण आईपीएल 2024 से बाहर हो गए थे।
महज़ 17 साल की उम्र में विक्टोरिया जैसी टीम के लिए फर्स्ट क्लास क्रिकेट खेल चुके मैक्गर्क ने अपनी पहली 5 गेंदों पर 2 छक्के लगाकर दिखाया कि इस आईपीएल में ना सिर्फ भारत के गुमनाम खिलाड़ी अपनी पहचान बना रहे हैं बल्कि अनजाने विदेशी नाम भी पीछे नहीं रह रहे हैं।
35 गेंदों पर अपने पहले आईपीएल मैच में 22 साल के इस युवा ऑस्ट्रेलियाई ने 5 छक्के भी लगाए। अपने पहले आईपीएल मैच में सिर्फ ब्रैंडन मैक्कलम (13), माइकल हसी (9) और काइल मेयर्स (7) ने उनसे ज़्यादा छक्के लगाए हैं। इस पारी के दौरान मैक्गर्क ने क्रुणाल पंड्या के खिलाफ़ लगातार तीन छक्के भी जड़े।