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‘हमारे बारह’ की रिलीज़ पर हाईकोर्ट की रोक, 10 जून को सुनवाई

अन्नू कपूर की आगामी फिल्म ‘हमारे बारह’ की रिलीज पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने 14 जून तक रोक लगा दी है। यह फिल्म 7 जून को सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली थी।

हाल ही में पुणे के एक निवासी ने इस फिल्म के खिलाफ याचिका दायर की थी, जिसके बाद बॉम्बे हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद यह फैसला सुनाया है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 10 जून को होगी।

फिल्म ‘हमारे बारह’ का इंतजार कर रहे दर्शकों के लिए यह खबर निराशाजनक हो सकती है, लेकिन न्यायालय के आदेश का पालन करना आवश्यक है। याचिका दायर करने वाले व्यक्ति ने फिल्म से संबंधित कुछ मुद्दों को उठाया था, जिन पर अदालत ने विचार करते हुए यह अस्थायी रोक लगाई है।

फिल्म निर्माता और टीम को अब अगली सुनवाई का इंतजार करना होगा, जिससे आगे की प्रक्रिया स्पष्ट हो सके। उम्मीद की जा रही है कि 10 जून की सुनवाई के बाद फिल्म की रिलीज की नई तारीख पर फैसला लिया जाएगा। इस मामले पर सभी की निगाहें टिकी हैं और फिल्म से जुड़े सभी लोग न्यायालय के निर्णय का सम्मान करते हुए आगे की कार्यवाही का इंतजार कर रहे हैं।

'हमारे बारह'

फिल्म को कैसे मिला U/A सर्टिफिकेट: याचिकाकर्ता

कोर्ट में याचिकाकर्ता अजहर तंबोली ने कहा कि फिल्म ‘हमारे बारह’ मुस्लिम समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली है और इसमें कुरान को भी गलत ढंग से प्रस्तुत किया गया है। इसके अलावा, कुछ डायलॉग्स भी विवादास्पद हैं। अजहर ने कोर्ट में फिल्म को U/A सर्टिफिकेट दिए जाने पर भी सवाल उठाया है। अजहर तंबोली द्वारा कहा गया कि ‘हमारे बारह’ नामक फिल्म में मुस्लिम समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का अंदाजा लगाया जा रहा है, जिससे समाज में दोगलापन बढ़ सकता है। इसके अलावा, फिल्म में कुरान को भी गलत ढंग से प्रस्तुत किया गया है, जो समाज में अस्थिरता और विवाद उत्पन्न कर सकता है। अजहर ने कोर्ट में फिल्म को U/A सर्टिफिकेट दिए जाने पर भी सवाल उठाया है, क्योंकि उनका मानना है कि यह फिल्म युवा दर्शकों के लिए अनुचित हो सकती है। उन्होंने कहा कि कुछ फिल्म के डायलॉग्स भी आपत्तिजनक हैं और इसे संशोधित करने की आवश्यकता है।

'हमारे बारह'

सेंसर बोर्ड से कट्स लगाने के लिए कहा गया

मीडिया से बात करते हुए वकील अद्वैत सेठना ने बताया कि अब फिल्म ‘हमारे बारह’ के सेंसर बोर्ड से कुछ कट्स करवाने की मांग की गई है। कुछ सीन्स और डायलॉग हटाए जाने के बाद ही इस फिल्म की रिलीज़ हो सकेगी।

अन्नू कपूर ने की थी सुरक्षा की मांग

फिल्म ‘हमारे बारह’ के ट्रेलर और टीजर रिलीज होने के बाद से ही विवादों में घिरी है। फिल्म के कलाकारों को जान से मारने और रेप की धमकियां भी मिल रही हैं।

इसी बीच, एक वीडियो जारी करते हुए अन्नू कपूर ने महाराष्ट्र पुलिस और गृह मंत्रालय से सुरक्षा मांगी थी। उन्होंने इसी संदर्भ में सोमवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से भी मुलाकात की।

'हमारे बारह'

क्या है फिल्म की कहानी

फिल्म के ट्रेलर में दिखाया गया है कि एक विशेष धर्म की महिलाओं पर धर्म की आड़ में अत्याचार हो रहे हैं। उनके साथ जोर-जबरदस्ती की जा रही है और उनसे बच्चे पैदा करने का दबाव बनाया जा रहा है।

फिल्म में अन्नू कपूर ने एक मुस्लिम शख्स मंसूर अली खान का रोल निभाया है, जिसकी पहली पत्नी बच्चा पैदा करते हुए मर जाती है और उसकी दूसरी पत्नी छठी बार प्रेग्नेंट है।

डॉक्टर्स का कहना है कि प्रेग्नेंसी में उसकी जान भी जा सकती है, पर खान अबॉर्शन करवाने के लिए मना कर देता है। ऐसे में खान की बड़ी बेटी अपनी सौतेली मां को बचाने के लिए पिता को कोर्ट में घसीटकर मां के अबॉर्शन की मांग करती है।

 

Mahindra Bolero की रफ़ एंड टफ फीचर्स के साथ मार्केट में एंट्री

यदि आप भी एक मजबूत और भरोसेमंद SUV गाड़ी की तलाश में हैं जो भारतीय सड़कों के लिए एकदम उपयुक्त हो, तो आपकी खोज समाप्त होती है महिंद्रा बोलेरो पर। महिंद्रा बोलेरो न केवल अपने मजबूत निर्माण के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि इसमें नए जमाने के अत्याधुनिक फीचर्स भी शामिल हैं। यह गाड़ी रफ एंड टफ फीचर्स के साथ मार्केट में प्रवेश कर रही है और अपनी धांसू माइलेज के साथ लोगों का दिल जीतने के लिए तैयार है।

महिंद्रा बोलेरो की डिज़ाइन को विशेष रूप से भारतीय सड़कों के लिए तैयार किया गया है, जो इसे शहर की भीड़-भाड़ से लेकर ग्रामीण इलाकों की कठिनाइयों तक हर परिस्थिति में बेहतरीन प्रदर्शन करने योग्य बनाती है। इसमें सुरक्षा के आधुनिक उपकरणों के साथ-साथ आरामदायक इंटीरियर्स भी दिए गए हैं, जो लम्बी यात्राओं को भी सुखद बनाते हैं।

Mahindra Bolero

महिंद्रा ने इस SUV में न केवल पावरफुल इंजन दिया है, बल्कि इसे ईंधन दक्षता के मामले में भी उत्कृष्ट बनाया है। इसके अलावा, बोलेरो में नवीनतम टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया है, जो ड्राइविंग अनुभव को और भी बेहतर बनाता है। यह गाड़ी अपने भरोसेमंद परफॉर्मेंस और कम रखरखाव के लिए भी जानी जाती है, जिससे यह एक आदर्श विकल्प बन जाती है उन लोगों के लिए जो अपने वाहन से अधिकतम प्रदर्शन की उम्मीद रखते हैं।

महिंद्रा बोलेरो का नया संस्करण निश्चित रूप से उन सभी उपभोक्ताओं को आकर्षित करेगा जो एक मजबूत, टिकाऊ और फीचर्स से भरपूर SUV की तलाश में हैं। यह गाड़ी भारतीय बाजार में अपनी पहचान को और मजबूत करेगी और SUV सेगमेंट में एक नया मानदंड स्थापित करेगी।

Mahindra Boelro powerful performance

आने वाली महिंद्रा बोलेरो को और भी अधिक पावरफुल इंजन के साथ पेश किया जाएगा। उम्मीद है कि इस नए मॉडल में आपको 1.5 लीटर या 2.2 लीटर का बेहतरीन डीजल इंजन मिलेगा, जो इस गाड़ी को और भी शक्तिशाली बनाएगा।

नए इंजन विकल्पों के साथ, बोलेरो का प्रदर्शन और भी शानदार होगा, जिससे यह गाड़ी हर तरह की सड़क और मौसम में बेहतरीन अनुभव प्रदान करेगी। महिंद्रा का लक्ष्य इस अपडेट के साथ न केवल बोलेरो की परफॉर्मेंस को बेहतर बनाना है, बल्कि इसके माइलेज को भी उन्नत करना है, जिससे उपभोक्ताओं को ईंधन की बचत के साथ-साथ दमदार पावर भी मिल सके। इसके अलावा, नई बोलेरो में कई आधुनिक फीचर्स और तकनीक शामिल किए जाएंगे जो ड्राइविंग को और भी सुविधाजनक और सुरक्षित बनाएंगे। उन्नत इंफोटेनमेंट सिस्टम, लेटेस्ट सेफ्टी फीचर्स, और बेहतर इंटीरियर डिजाइन इस गाड़ी को और भी आकर्षक बनाएंगे। महिंद्रा ने इस नई बोलेरो में न केवल पावर और परफॉर्मेंस पर ध्यान दिया है, बल्कि इसे हर पहलू में प्रीमियम बनाने की कोशिश की है।

Mahindra Bolero

इस तरह, महिंद्रा बोलेरो का नया अवतार उन सभी के लिए एक आदर्श विकल्प बनेगा जो एक मजबूत, विश्वसनीय और आधुनिक SUV की तलाश में हैं। यह गाड़ी भारतीय सड़कों पर अपनी धाक जमाने के लिए पूरी तरह तैयार है और आने वाले समय में SUV सेगमेंट में एक नया बेंचमार्क स्थापित करेगी।

Mahindra Bolero Features

नई बोलेरो न केवल मजबूत होगी बल्कि अत्याधुनिक फीचर्स से भी भरपूर होगी। इस गाड़ी में आपको टचस्क्रीन इंफोटेनमेंट सिस्टम, मल्टी-फंक्शन स्टीयरिंग व्हील, एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम (ABS) और एयरबैग्स जैसे महत्वपूर्ण फीचर्स मिलेंगे।

नई बोलेरो का डिज़ाइन और तकनीक इसे और भी आकर्षक और उपयोगी बनाएंगे। टचस्क्रीन इंफोटेनमेंट सिस्टम आपको मनोरंजन और नेविगेशन के बेहतरीन विकल्प प्रदान करेगा, जबकि मल्टी-फंक्शन स्टीयरिंग व्हील ड्राइविंग को और भी सुविधाजनक बनाएगा। एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम (ABS) और एयरबैग्स जैसी सेफ्टी फीचर्स से आपकी और आपके परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित होगी।

Mahindra Bolero

महिंद्रा ने इस नई बोलेरो में कंफर्ट का भी पूरा ध्यान रखा है। इसके अंदरूनी हिस्सों को और भी आरामदायक और स्टाइलिश बनाया गया है, जिससे हर यात्रा एक सुखद अनुभव बनेगी। इसके अलावा, इस गाड़ी में एडवांस्ड सस्पेंशन सिस्टम भी शामिल किया गया है, जो उबड़-खाबड़ सड़कों पर भी स्मूथ राइड सुनिश्चित करेगा।

नई बोलेरो की इन खूबियों के साथ, यह गाड़ी उन लोगों के लिए एक बेहतरीन विकल्प होगी जो एक मजबूत, विश्वसनीय और फीचर्स से लैस SUV की तलाश में हैं। महिंद्रा बोलेरो का यह नया अवतार निश्चित रूप से भारतीय सड़कों पर अपनी छाप छोड़ेगा और SUV सेगमेंट में एक नया मानक स्थापित करेगा।

Mahindra Bolero Launch and price

महिंद्रा बोलेरो को नवंबर 2024 में लॉन्च किए जाने की पूरी उम्मीद है। इसकी शुरुआती कीमत लगभग 10 लाख रुपये होने की संभावना है। बोलेरो अपने रफ एंड टफ फीचर्स के साथ मार्केट में धमाकेदार एंट्री करने वाली है और इसमें बेहतरीन माइलेज भी मिलेगा।

इस नई बोलेरो में पावरफुल इंजन के साथ-साथ कई आधुनिक और सुविधाजनक फीचर्स भी शामिल होंगे। टचस्क्रीन इंफोटेनमेंट सिस्टम, मल्टी-फंक्शन स्टीयरिंग व्हील, एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम (ABS) और एयरबैग्स जैसे सुरक्षा उपकरण इसे एक सम्पूर्ण पैकेज बनाएंगे। इसके अलावा, एडवांस्ड सस्पेंशन सिस्टम और आरामदायक इंटीरियर्स इसे लंबी यात्राओं के लिए भी उपयुक्त बनाएंगे। नई बोलेरो का डिज़ाइन और तकनीकी उन्नति इसे न केवल शहर की सड़कों बल्कि ग्रामीण इलाकों की कठिनाइयों में भी श्रेष्ठ बनाएंगे। महिंद्रा ने इस गाड़ी को विशेष रूप से भारतीय उपभोक्ताओं की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया है, जिससे यह हर स्थिति में बेहतरीन प्रदर्शन कर सके। बोलेरो की यह नई पेशकश निश्चित रूप से उन लोगों के लिए आकर्षक होगी जो एक मजबूत, विश्वसनीय और आधुनिक SUV की तलाश में हैं। अपनी दमदार परफॉर्मेंस, शानदार फीचर्स और उचित कीमत के साथ, महिंद्रा बोलेरो भारतीय SUV बाजार में एक नया मानक स्थापित करने के लिए पूरी तरह तैयार है। यह गाड़ी न केवल अपने स्टाइल और प्रदर्शन से बल्कि अपनी दक्षता और विश्वसनीयता से भी लोगों का दिल जीतने में सफल होगी।

PM नरेंद्र मोदी की शपथ ग्रहण में विदेश से ये लोग होंगे शामिल, देखें लिस्ट

लोकसभा चुनाव 2024 के परिणाम के बाद, एनडीए की सरकार का गठन सुनिश्चित हो गया है। जानकारी के अनुसार, इसी सप्ताह के अंत में 8 जून को नरेंद्र मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे। बुधवार को दिल्ली में हुई सहयोगी दलों की बैठक में नरेंद्र मोदी को एनडीए का नेता चुना गया था। अब यह जानकारी भी सामने आई है कि किन-किन देशों के नेता प्रधानमंत्री मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने वाले हैं। आइए जानते हैं उन देशों के बारे में।

नरेंद्र मोदी

किन-किन देशों के प्रमुख को न्योता?

अब तक मिली जानकारी के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में भारत के कई पड़ोसी देशों के शीर्ष नेताओं को आमंत्रित करने की योजना है। सूत्रों के मुताबिक, इस भव्य आयोजन में बांग्लादेश, श्रीलंका, भूटान, नेपाल और मॉरीशस के प्रमुख नेताओं को आमंत्रित किए जाने की प्रबल संभावना है। इन देशों के नेताओं की उपस्थिति से समारोह की गरिमा और प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। इसके साथ ही, यह भी संभावना जताई जा रही है कि अन्य महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय हस्तियों को भी इस विशेष अवसर पर आमंत्रित किया जा सकता है, जिससे भारत की कूटनीतिक संबंधों को और सुदृढ़ता मिलेगी। इस प्रकार के आयोजनों से भारत न केवल अपने पड़ोसी देशों के साथ संबंधों को मजबूत करता है, बल्कि वैश्विक मंच पर अपनी महत्वपूर्ण भूमिका को भी दर्शाता है।

यह समारोह भारत की विदेश नीति और कूटनीति के दृष्टिकोण को भी उजागर करेगा, जो मित्रवत संबंधों और सहयोग को प्राथमिकता देता है। ऐसे अवसरों पर अंतरराष्ट्रीय नेताओं की उपस्थिति न केवल भारत की वैश्विक स्थिति को मजबूत करती है, बल्कि विभिन्न देशों के बीच आपसी समझ और सहयोग को भी बढ़ावा देती है। इससे भारत के अंतर्राष्ट्रीय संबंधों को एक नई दिशा और मजबूती मिलेगी, जिससे क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर शांति और समृद्धि को प्रोत्साहन मिलेगा।

नरेंद्र मोदी

इन नेताओं ने स्वीकारा निमंत्रण

श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे के कार्यालय ने जानकारी दी है कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने का निमंत्रण स्वीकार कर लिया है। इसके अलावा, मोदी ने बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना से भी फोन पर बातचीत की और उन्हें इस विशेष अवसर के लिए आमंत्रित किया। प्राप्त जानकारी के अनुसार, शेख हसीना ने भी निमंत्रण को सहर्ष स्वीकार कर लिया है। इन दोनों नेताओं की उपस्थिति से शपथ ग्रहण समारोह की शोभा और बढ़ जाएगी। इसके साथ ही, यह आयोजन भारत के पड़ोसी देशों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंधों को और मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। समारोह में अन्य पड़ोसी देशों के नेताओं के भी शामिल होने की संभावना है, जिससे भारत की अंतर्राष्ट्रीय प्रतिष्ठा को एक नई ऊंचाई मिलेगी।

पहले और दूसरे शपथ ग्रहण में भी आए थे विदेशी मेहमान

नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में विदेशी नेताओं का शामिल होना पहले भी देखा गया है। 2014 में प्रधानमंत्री मोदी के पहले शपथ ग्रहण समारोह में दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) के नेताओं ने भाग लिया था। इस आयोजन ने भारत के पड़ोसी देशों के साथ संबंधों को नया आयाम दिया। 2019 में, जब नरेंद्र मोदी ने लगातार दूसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली, तो बिम्सटेक (बंगाल की खाड़ी बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग पहल) देशों के नेता इस समारोह में शामिल हुए। यह कदम भारत के पड़ोसी और क्षेत्रीय देशों के साथ सहयोग और संबंधों को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास था।

नरेंद्र मोदी

इस बार भी, प्रधानमंत्री मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में विभिन्न देशों के नेताओं को आमंत्रित किया गया है, जिसमें श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने निमंत्रण स्वीकार कर लिया है। इन नेताओं की उपस्थिति से समारोह की गरिमा और बढ़ जाएगी और यह भारत के विदेश नीति के दृष्टिकोण को और सुदृढ़ करेगा। इस आयोजन से भारत के कूटनीतिक प्रयासों को बल मिलेगा और पड़ोसी देशों के साथ आपसी सहयोग और सद्भावना को बढ़ावा मिलेगा। समारोह में अन्य पड़ोसी देशों के नेताओं की भागीदारी भी अपेक्षित है, जिससे यह आयोजन और भी महत्वपूर्ण बन जाएगा।

 

इंडिया में मन्नत और लंदन में जन्नत, जानें कीमत

शाहरुख खान की फैन फॉलोइंग सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में फैली हुई है। उनकी एक झलक पाने के लिए लोग बेकरार रहते हैं। शाहरुख ने अपने करियर में कई सुपरहिट फिल्में दी हैं, जिनमें ‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे’, ‘कुछ कुछ होता है’, ‘चक दे! इंडिया’ और ‘माई नेम इज़ खान’ जैसी फिल्में शामिल हैं। उनकी अभिनय क्षमता और करिश्माई व्यक्तित्व ने उन्हें वैश्विक स्तर पर एक आइकन बना दिया है। उनके प्रशंसक हर उम्र और हर पृष्ठभूमि से हैं, जो उनकी हर फिल्म का बेसब्री से इंतजार करते हैं। शाहरुख का आकर्षण और स्टारडम आज भी उतना ही जीवंत है जितना उनके करियर के शुरुआती दिनों में था।

बॉलीवुड के किंग खान, शाहरुख खान, इंडस्ट्री के सबसे अधिक पारिश्रमिक पाने वाले अभिनेताओं में से एक हैं। शाहरुख ने कई सालों की मेहनत और संघर्ष से इंडस्ट्री में अपनी यह प्रतिष्ठित जगह बनाई है। टीवी से अपने करियर की शुरुआत करने वाला यह लड़का अब पूरी दुनिया पर राज करता है। शाहरुख की फैन फॉलोइंग सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व में फैली हुई है। उनकी एक झलक पाने के लिए लोग बेकरार रहते हैं।

अपने करियर में शाहरुख ने कई सुपरहिट फिल्में दी हैं, जिनमें ‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे’, ‘कुछ कुछ होता है’, ‘चक दे! इंडिया’, ‘माई नेम इज़ खान’, ‘डॉन’, और ‘पठान’ जैसी फिल्में शामिल हैं। उनकी अभिनय क्षमता और करिश्माई व्यक्तित्व ने उन्हें वैश्विक स्तर पर एक आइकन बना दिया है।

इतनी सफलता और कमाई के बाद शाहरुख ने मुंबई में ‘मन्नत’ नाम का एक शानदार बंगला खरीदा था, जो किसी महल से कम नहीं है। जब भी लोग मुंबई आते हैं, वे शाहरुख के घर ‘मन्नत’ के बाहर जरूर जाते हैं। यह स्थान अब एक पर्यटन स्थल जैसा बन गया है। लेकिन क्या आपको पता है कि शाहरुख का लंदन में भी एक भव्य घर है? यह लैविश संपत्ति उनकी सफलता और ग्लोबल स्टारडम का प्रतीक है। शाहरुख खान का करियर और जीवनयात्रा प्रेरणादायक है, जो हर किसी को सपने देखने और उन्हें पूरा करने की प्रेरणा देता है।

मन्नत

कीमत जानकर चौंक जाएंगे आप

शाहरुख खान की मुंबई के अलावा दुबई, लंदन और यूएस में भी करोड़ों की प्रॉपर्टी है, जहां वे अक्सर अपनी फैमिली के साथ छुट्टियां मनाने जाते हैं। शाहरुख का एक शानदार मेंशन सेंट्रल लंदन के पॉश एरिया पार्क लेन में भी स्थित है। इस घर की बाहर से फोटोज अक्सर वायरल होती रहती हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, शाहरुख खान के इस घर की कीमत करोड़ों में है, जो लगभग 172 करोड़ रुपये है। हालांकि, शाहरुख खान की फैमिली ने आज तक इस घर के अंदर से कोई फोटो शेयर नहीं की है, लेकिन माना जाता है कि इसका इंटीरियर भी शाहरुख की बाकी प्रॉपर्टी की तरह बेहद खास होगा। हाल ही में, शाहरुख के एक फैन ने उनके इस घर के बाहर से एक वीडियो शेयर किया था, जो पोस्ट होते ही वायरल हो गया था।

शाहरुख की संपत्तियाँ उनकी सफलता और ग्लोबल स्टारडम का प्रतीक हैं। दुबई में उनका शानदार विला, जिसे ‘पाम जुमेराह’ में स्थित बताया जाता है, भी उनकी आलीशान जीवनशैली का उदाहरण है। इसके अलावा, यूएस में भी उनकी कई प्रॉपर्टीज हैं, जहां वे अपने परिवार के साथ समय बिताना पसंद करते हैं। शाहरुख खान का करियर और जीवनयात्रा न केवल फिल्म इंडस्ट्री में बल्कि हर किसी के लिए प्रेरणादायक है। उनकी संपत्ति और भव्य जीवनशैली उनकी मेहनत, प्रतिभा और दृढ़ता का परिणाम हैं, जो लोगों को यह सिखाती हैं कि सपने साकार करने के लिए मेहनत और समर्पण कितना महत्वपूर्ण है।

मन्नत

बेटी सुहाना के साथ फिल्म में नज़र आएंगे किंग खान

वर्कफ्रंट की बात करें तो शाहरुख खान जल्द ही अपनी बेटी सुहाना के साथ फिल्म ‘किंग’ में नजर आने वाले हैं। यह एक्शन से भरपूर फिल्म होगी, जिसे लेकर फैंस अभी से काफी उत्साहित हैं। सुहाना और शाहरुख को एक साथ स्क्रीन पर देखना दर्शकों के लिए एक खास अनुभव होगा।

इसके अलावा, शाहरुख ने अपने किसी नए प्रोजेक्ट की जानकारी अभी तक नहीं दी है, लेकिन उनके प्रशंसकों को हमेशा उनकी नई फिल्म का बेसब्री से इंतजार रहता है। शाहरुख की पिछली फिल्मों की सफलता ने उनके फैंस की उम्मीदें और बढ़ा दी हैं।

शाहरुख का करियर हमेशा से प्रेरणादायक रहा है। उन्होंने हर बार कुछ नया और अनोखा प्रस्तुत किया है, जिससे उनके फैंस उनसे जुड़ाव महसूस करते हैं। अब, उनकी बेटी सुहाना के साथ काम करना न केवल उनके परिवार के लिए बल्कि उनके फैंस के लिए भी एक महत्वपूर्ण पल है।

शाहरुख का स्टारडम और उनके अभिनय की विविधता ने उन्हें एक अद्वितीय स्थान दिलाया है, और उनके नए प्रोजेक्ट्स को लेकर हमेशा ही एक खास उत्साह बना रहता है। दर्शकों को उम्मीद है कि शाहरुख आने वाले समय में और भी नई और रोमांचक कहानियाँ लेकर आएंगे, जो उन्हें फिर से एक अलग और खास अंदाज में देखने का मौका देंगी।

भाजपा 2024: PM मोदी नितीश और नायडू के साथ कैसे काम करेंगे अपनी दी हुई गारंटियों पर

इस बार तीसरी बार सत्ता में आने के लिए भाजपा को सहयोगियों की जरूरत होगी। 272 के जादुई आंकड़े तक पहुंचने के लिए भाजपा को नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू का साथ चाहिए होगा। दोनों को साथ लाने के लिए भाजपा ने तैयारियां शुरू कर दी हैं, लेकिन दोनों का समर्थन पाना भाजपा के लिए आसान नहीं होगा।

18वीं लोकसभा की सियासी तस्वीर अब लगभग स्पष्ट हो चुकी है। हालांकि नतीजे अप्रत्याशित रहे, लेकिन भाजपा ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर सरकार बनाने के लिए बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया है। इस बार, मोदी 3.0 सरकार सहयोगियों के समर्थन पर निर्भर रहेगी। सहयोगियों की मदद से सरकार चलाना भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए चुनौतीपूर्ण साबित होगा। मोदी 2.0 के दौरान जिन मुद्दों को जोर-शोर से उठाकर चुनावी जीत हासिल की गई थी, उन मुद्दों को अब मोदी 3.0 में सहयोगियों के समर्थन से लागू करना कठिन होगा। इनमें ‘वन इलेक्शन-वन नेशन’, यूनिफॉर्म सिविल कोड जैसे मुद्दे शामिल हैं, जिन्हें भाजपा के संकल्प पत्र और मोदी की गारंटी में शामिल किया गया है। इसके अतिरिक्त, भाजपा ने चुनावों के बाद परिसीमन का कार्य शुरू करने का वादा किया था। इन मुद्दों को लागू करने को लेकर आगामी समय में भाजपा और उसके सहयोगियों के बीच मतभेद हो सकते हैं।

भाजपा

सहयोगियों के साथ मिलकर सरकार चलाने में कई तरह की चुनौतियाँ सामने आएंगी। ‘वन इलेक्शन-वन नेशन’ और यूनिफॉर्म सिविल कोड जैसे विवादास्पद मुद्दों पर सहयोगियों का समर्थन पाना कठिन हो सकता है। परिसीमन का कार्य भी एक जटिल प्रक्रिया है, जिसमें विभिन्न राजनीतिक दलों के बीच सहमति बनाना एक बड़ी चुनौती होगी। इन मुद्दों पर सहयोगियों के साथ तालमेल बैठाना और सरकार को स्थिर बनाए रखना भाजपा के लिए आसान नहीं होगा। इसलिए, मोदी 3.0 सरकार के सामने आने वाले समय में बड़ी चुनौतियाँ खड़ी होंगी, जिनका समाधान करना जरूरी होगा।

टीडीपी ने भाजपा को दी लिस्ट

इस बार तीसरी बार सत्ता में आने के लिए भाजपा को सहयोगियों की आवश्यकता होगी। 272 के जादुई आंकड़े को छूने के लिए भाजपा को नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू के समर्थन की जरूरत पड़ेगी। दोनों नेताओं को साथ लाने के लिए भाजपा ने तैयारियां शुरू कर दी हैं, लेकिन दोनों का समर्थन प्राप्त करना भाजपा के लिए आसान नहीं होगा।

टीडीपी के सूत्रों का कहना है कि उन्होंने लोकसभा स्पीकर, रोड ट्रांसपोर्ट, रूरल डेवलपमेंट, हेल्थ, हाउसिंग एंड अर्बन अफेयर्स, कृषि, जल शक्ति, आईटी एंड कम्यूनिकेशंस, शिक्षा, और वित्त (एमओएस) समेत पांच-छह कैबिनेट और राज्य मंत्री पदों की मांग की है। वहीं जेडीयू ने भी लोकसभा स्पीकर के पद के साथ-साथ कैबिनेट में उचित प्रतिनिधित्व की मांग की है। भाजपा से जुड़े सूत्रों के अनुसार, दोनों दलों की मांगों की सूची प्राप्त हो गई है और इस पर अंतिम निर्णय भाजपा नेतृत्व को लेना है। भाजपा नेतृत्व के सामने भी कुछ चिंताएं और शर्तें हैं, जिन्हें सहयोगियों के साथ बैठक के दौरान सुलझाना होगा। भाजपा और उसके सहयोगियों के बीच संतुलन बनाना एक चुनौती होगी, क्योंकि गठबंधन में शामिल दलों की मांगें और अपेक्षाएं अलग-अलग हैं। भाजपा को इन मांगों को संतुलित करते हुए सहयोगियों के साथ तालमेल बनाना होगा, ताकि एक स्थिर और प्रभावी सरकार बनाई जा सके।

भाजपा

भाजपा की रणनीति और नेतृत्व कौशल का परीक्षण इसी में होगा कि वे कैसे इन चुनौतियों का सामना करते हैं और अपने सहयोगियों के साथ मिलकर देश की जनता के हित में काम करते हैं। आने वाले समय में यह देखना रोचक होगा कि भाजपा किस तरह से अपने सहयोगियों की मांगों को पूरा करती है और किस प्रकार से इन चुनौतियों का समाधान निकालती है।

नायडू ने मोदी को कहा था ‘कट्टर आतंकवादी’

जब यह पूछा गया कि नायडू और नीतीश के साथ भाजपा के रिश्ते सहज नहीं रहे हैं, तो भाजपा के सूत्रों का कहना है कि सरकार बनानी है तो दोनों को साथ लेना ही होगा, और भाजपा नेतृत्व इस काम में निपुण है। हालांकि, दोनों दलों का समर्थन प्राप्त करना भाजपा के लिए इतना आसान नहीं रहेगा, क्योंकि जब भी किसी महत्वपूर्ण मुद्दे पर असहमति होगी, वे समर्थन की समीक्षा करने में संकोच नहीं करेंगे। इसका उदाहरण भाजपा 2018 में देख चुकी है, जब आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिलने पर टीडीपी ने मोदी सरकार का साथ छोड़ दिया था। तब दोनों के रिश्ते इतने बिगड़ गए थे कि नायडू ने मोदी को ‘कट्टर आतंकवादी’ तक कह दिया था। 2018 में टीडीपी के अविश्वास प्रस्ताव पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चंद्रबाबू नायडू की तुलना ‘भ्रष्ट राजनीतिज्ञ’ से की थी।

बाद में, 2019 के लोकसभा चुनावों के बाद जब टीडीपी ने दोबारा भाजपा के साथ संबंध जोड़ने की कोशिश की, तो भाजपा ने एनडीए में वापसी को लेकर कड़ा रुख अपनाया था। इस साल फरवरी में, जब नायडू जेल से रिहा होने के बाद अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ मिले थे, तब से रिश्तों में सुधार हुआ था| इस प्रकार, नायडू और नीतीश के साथ भाजपा के रिश्तों में उतार-चढ़ाव रहे हैं, लेकिन सत्ता की सीढ़ी चढ़ने के लिए भाजपा को इन संबंधों को संभालना होगा।

स्पीकर पद पर नीतीश, नायडू की नजरें

टीडीपी और जेडीयू, दोनों की नजरें लोकसभा स्पीकर के पद पर टिकी हैं। सूत्रों के अनुसार, दोनों दलों ने पहले ही भाजपा नेतृत्व को संकेत दे दिया है कि स्पीकर का पद गठबंधन सहयोगियों को सौंपा जाना चाहिए। 1990 के दशक के अंत में, जब अटल बिहारी वाजपेयी गठबंधन सरकार का नेतृत्व कर रहे थे, तब टीडीपी के जीएमसी बालयोगी स्पीकर थे।

सूत्रों का कहना है कि दोनों दल भाजपा की रणनीति से वाकिफ हैं, इसलिए वे बहुत सतर्कता से कदम उठा रहे हैं। दोनों सहयोगियों ने यह कदम भविष्य में किसी भी ‘ऑपरेशन लोटस’ से बचने के लिए उठाया है। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि बुधवार को नई दिल्ली में होने वाली एनडीए की बैठक में नायडू और नीतीश आधिकारिक तौर पर स्पीकर पद की मांग करेंगे या नहीं। लोकसभा अध्यक्ष का पद आमतौर पर सत्तारूढ़ गठबंधन को मिलता है, जबकि उपाध्यक्ष का पद पारंपरिक रूप से विपक्षी दल को दिया जाता है। हालांकि, 17वीं लोकसभा के इतिहास में पहली बार, बिना उपाध्यक्ष चुने ही समाप्त हो गई।

इंडिया गठबंधन द्वारा नितीश कुमार को उप – प्रधानमंत्री बनाने की ऑफर

लोकसभा चुनाव के नतीजे धीरे-धीरे सामने आ रहे हैं और एनडीए इस समय बढ़त बनाए हुए है। वहीं, इंडिया गठबंधन भी चुनाव में पहले से बेहतर प्रदर्शन कर रहा है। एनडीए 299 सीटों पर आगे चल रही है, जबकि इंडिया गठबंधन की स्थिति भी मजबूत होती दिख रही है। इसके अलावा, नीतीश कुमार को उपप्रधानमंत्री पद का ऑफर मिला है, जिससे राजनीतिक माहौल और भी दिलचस्प हो गया है। चुनावी गणित में यह नया मोड़ कई संभावनाओं को जन्म दे सकता है और आने वाले दिनों में राजनीतिक परिदृश्य में बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं।

इंडिया गठबंधन

लोकसभा चुनाव के नतीजे धीरे-धीरे सामने आ रहे हैं और इस समय एनडीए आगे चल रही है। हालांकि, इंडिया गठबंधन ने भी इस चुनाव में पहले से बेहतर प्रदर्शन किया है। एनडीए 299 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है, जिसमें जेडीयू की 14 सीटें शामिल हैं। ऐसे में सरकार बनाने में जेडीयू की महत्वपूर्ण भूमिका उभर कर सामने आई है। इस बीच, सूत्रों के अनुसार, इंडिया गठबंधन ने नीतीश कुमार को उप-प्रधानमंत्री पद का ऑफर दिया है। यह प्रस्ताव राजनीति के समीकरणों में बड़ा बदलाव ला सकता है और आने वाले दिनों में सत्ता संतुलन पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकता है। इस घटनाक्रम ने राजनीतिक माहौल को और भी रोचक बना दिया है, जिससे आगामी फैसलों और रणनीतियों पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं।

इससे पहले सूत्रों के मुताबिक, शरद पवार ने भी नीतीश कुमार से बातचीत की है। हालांकि, जेडीयू की ओर से स्पष्ट किया गया है कि वह एनडीए का ही हिस्सा बनी रहेगी। यहाँ यह उल्लेखनीय है कि जब नीतीश कुमार बिहार में महागठबंधन की सरकार चला रहे थे, जिसमें कांग्रेस और आरजेडी भी शामिल थे, तो उन्होंने विपक्षी दलों को एकजुट करने के लिए महत्वपूर्ण बैठकें शुरू की थीं। बावजूद इसके, बाद में उन्होंने महागठबंधन का साथ छोड़ दिया और एनडीए में वापसी कर ली। इस पूरे घटनाक्रम ने नीतीश कुमार की राजनीतिक रणनीतियों को और भी जटिल बना दिया है। उनके इस निर्णय से राजनीतिक पटल पर नई चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है, जिसमें उनके भविष्य के कदमों पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं। अब देखना यह है कि वे एनडीए के साथ अपने संबंधों को कैसे मजबूत बनाए रखते हैं और आने वाले समय में उनकी भूमिका क्या होती है।

यही नहीं, महागठबंधन का साथ छोड़ने के बाद नीतीश कुमार ने बीजेपी से हाथ मिला लिया था और एनडीए का हिस्सा बन गए थे। यही कारण है कि वर्तमान समय में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है।

रुझानों के मुताबिक, इस समय बीजेपी 238 सीटों पर आगे चल रही है और 3 सीटों पर जीत दर्ज कर चुकी है। दूसरी ओर, इंडिया गठबंधन 228 सीटों पर आगे है। इस प्रतिस्पर्धा ने चुनावी माहौल को और भी रोमांचक बना दिया है।

इंडिया गठबंधन

इससे पहले, दिल्ली दौरे पर आए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को पटना रवाना होने से पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ फोन पर लंबी बातचीत की थी। इसके अलावा, सोमवार को ही दिन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी उनकी मुलाकात हुई थी। पीएम आवास पर प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात और इसके कुछ घंटे बाद ही बीजेपी के रणनीतिकार एवं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ फोन पर हुई नीतीश कुमार की बातचीत को मंगलवार को होने वाली काउंटिंग और चुनावी नतीजों के बाद बनने वाली सरकार के गठन के संदर्भ में काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा था। यह बातचीत आगामी राजनीतिक निर्णयों और सरकार के गठन की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। नीतीश कुमार की इन मुलाकातों और बातचीत से राजनीतिक परिदृश्य में नए समीकरण उभरने की संभावना है, जिससे देश की राजनीति में नए अध्याय की शुरुआत हो सकती है।

Maruti-Suzuki का बड़ा कदम, इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड कारों पर हो रहा है काम

Maruti-Suzuki की योजना है कि कम कीमत सीमा में और अधिक हाइब्रिड गाड़ियां लाकर उन्हें और किफायती बनाया जाए। मजबूत हाइब्रिड कारें Maruti-Suzuki की बिक्री का एक बड़ा हिस्सा बनेंगी, इसलिए इस श्रेणी में और गाड़ियां जल्द ही आएंगी।

Maruti-Suzuki की भविष्य की उत्पाद नीति में इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड दोनों गाड़ियों को शामिल किया जाएगा। भारत की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी विभिन्न प्राइस रेंज में कई उत्पादों पर काम कर रही है, जिसमें किफायती इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड कारें शामिल हैं। वर्तमान में, Maruti-Suzuki के पोर्टफोलियो में दो पूरी तरह से मजबूत हाइब्रिड कारें हैं, लेकिन आने वाले वर्षों में इनकी संख्या बढ़ाई जाएगी और कंपनी अपनी इलेक्ट्रिक वाहनों की रेंज को भी विस्तार देगी।

Maruti-Suzuki

इन उत्पादों में से पहला निश्चित रूप से एक इलेक्ट्रिक वाहन होगा – eVX प्रोडक्शन इलेक्ट्रिक SUV अगले साल की शुरुआत में भारत में लॉन्च होने के लिए तैयार है. यह भारतीय बाजार के लिए उनकी पहली इलेक्ट्रिक SUV होगी और प्रतिस्पर्धी कॉम्पैक्ट SUV सेगमेंट में शामिल होगी. हालांकि, कंपनी एक नई Hybrid SUV भी लॉन्च करेगी जो ग्रैंड विटारा का Three-Row वाला एडीशन है जिसमें एक मजबूत हाइब्रिड पावरट्रेन भी होगा.

न केवल SUV सेगमेंट में ही, बल्कि Maruti-Suzuki की योजना कम कीमत सीमा में और भी हाइब्रिड गाड़ियां लाने की है, जिससे उन्हें अधिक किफायती बनाया जा सके। मजबूत हाइब्रिड कारें मारुति सुजुकी की बिक्री का एक बड़ा हिस्सा बनेंगी, इसलिए ऐसी और गाड़ियां आने वाली हैं।

2030 तक, मारुति सुजुकी की उत्पाद श्रृंखला में 25 प्रतिशत हाइब्रिड हो सकती है, जबकि 15 प्रतिशत इलेक्ट्रिक वाहन भी हो सकते हैं। इसलिए, इलेक्ट्रिक वाहनों के मामले में, eVX के अलावा और भी किफायती विकल्पों की योजना बनाई जा सकती है, जिसमें छोटी eWX इलेक्ट्रिक हैचबैक भी शामिल हो सकती है।

eWX EV 230 किमी की रेंज के साथ आती है और यह टाटा टियागो EV जैसी कारों को टक्कर देगी। SUV और हैचबैक बॉडी स्टाइल के अलावा, कंपनी अपनी MPV लीडरशिप को भी बनाए रखना चाहेगी, ऐसी अफवाह है कि एक इलेक्ट्रिक MPV भी एर्टिगा के साथ आ सकती है। इसलिए, अगले कुछ साल मारुति सुजुकी के नए उत्पादों की एक श्रृंखला के साथ काफी दिलचस्प होने वाले हैं।

Maruti-Suzuki

इसके साथ ही, कंपनी का उद्देश्य है कि वह ग्राहकों को एक विशाल स्केल में इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड विकल्प प्रदान करेगी, जो कीमत में भी काफी प्रामाणिक होंगे। इससे ग्राहकों को उनकी आवश्यकताओं और बजट के अनुसार उपयुक्त गाड़ियां उपलब्ध हो सकेंगी। कंपनी ने विभिन्न वर्गों के साथ हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक वाहनों का विस्तार किया है, जो अधिकतर उपयोगकर्ताओं के बजट और आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए डिज़ाइन किए गए हैं। यह नए उत्पादों के माध्यम से कंपनी बाजार में अधिक प्रस्तुति प्राप्त करने और ग्राहकों की आकर्षण को बढ़ाने का प्रयास कर रही है।

 

क्या सिर्फ एक अफवाह है हार्दिक पंड्या और नताशा के तलाक की बात ? जानें पूरा सच

पहले ही, आईपीएल 2024 में मुंबई इंडियंस की धबधबे से नाराज नतासा स्टैंचूक को आईपीएल में हार्दिक पांड्या के प्रदर्शन पर ट्रोल किया गया था। उनके इंस्टाग्राम पोस्ट के कारण, जिसमें उन्होंने मुंबई इंडियंस की अधीनस्थता को लेकर अप्रिय टिप्पणियाँ की थी, उन्हें अपमानित किया गया और उनके खिलाफ अनुचित टिप्पणियाँ किए गए।

हाल ही में, क्रिकेटर हार्दिक पंड्या और उनकी पत्नी नताशा स्टेनकोविक के बीच तलाक की अटकलें चल रही हैं। इस मामले में एक नया पल आया है, जब नताशा ने सोशल मीडिया पर एक क्रिप्टिक पोस्ट के साथ उन दोनों की तस्वीरें दोबारा पोस्ट कीं। उनके इंस्टाग्राम प्रोफ़ाइल पर जाने पर पता चलता है कि पहले गायब हो गई फोटोज अब फिर से दिखाई दे रही हैं। ऐसा लगता है कि नताशा ने इन तस्वीरों को डिलीट नहीं किया, बल्कि उन्हें हाइड या आर्काइव करके छुपा दिया था, और फिर से सेटिंग्स में जाकर उन्हें फिर से वापस लाया गया है।

हार्दिक पंड्या

क्या जानबूझकर फैलाई तलाक की अफवाह?

इस संदर्भ में, हार्दिक पंड्या और नताशा स्टेनकोविक के रिश्ते के बारे में सवाल उठता है कि क्या यह वास्तव में सुधार गया है या फिर कभी खराब भी नहीं हुआ था? क्या सब कुछ बस पब्लिसिटी स्टंट था? क्या हार्दिक पंड्या की खराब फॉर्म और उससे पहले स्टेडियम में उनकी लगातार आलोचना से ध्यान भटकाने के लिए ये सब कुछ प्लान किया गया था? याद रहे कि रोहित शर्मा को अचानक कप्तानी से हटाकर मुंबई इंडियंस ने जब गुजरात टाइटंस से हार्दिक पंड्या को ट्रेड किया तो हर कोई हैरान रह गया, इसके बाद सोशल मीडिया से लेकर मैदान तक रोहित शर्मा और मुंबई के ईमानदार फैंस हार्दिक पंड्या के पीछे पड़ गए थे।

हार्दिक पंड्या

सबसे पहले कहां से निकली तलाक की थ्योरी?

हाल ही में, एक Reddit पोस्ट पर किसी यूजर ने पूछा था कि क्या- ‘नताशा और हार्दिक अलग हो गए?’ इस पोस्ट ने हर किसी का ध्यान खींचा, जिसमें कहा गया कि नताशा ने इंस्टाग्राम पर हार्दिक का सरनेम भी अपने यूजर नेम से हटा दिया है। वह सारी पुरानी फोटोज डिलिट कर चुकीं हैं। इतना ही नहीं, दोनों एक-दूसरे के साथ तस्वीरें पोस्ट नहीं कर रहे हैं। पोस्ट में हार्दिक के आईपीएल 2024 मैचों से नताशा की अनुपस्थिति पर भी सवाल उठाया गया। नताशा का जन्मदिन 4 मार्च को था और उस दिन हार्दिक की ओर से कोई पोस्ट नहीं आया था। नताशा ने अपनी और हार्दिक की सभी हालिया पोस्ट भी हटा दीं थीं, सिवाय उस पोस्ट को छोड़कर जिसमें अगस्त्य उनके साथ थे।

हार्दिक पंड्या

लॉकडाउन के दौरान, नताशा स्टेनकोविक और हार्दिक पंड्या ने 31 मई 2020 को अपनी शादी की और उसके बाद सिर्फ दो महीने बाद, 30 जुलाई को, उन्होंने अपने पहले बेटे अगस्त्य का जन्म दुनिया में स्वागत किया। उन्होंने 14 फरवरी 2023 को राजस्थान के उदयपुर में एक विशाल समारोह में, अपनी शादी की प्रतिज्ञा को फिर से दोहराया, जहां करीबी दोस्तों और परिवार की उपस्थिति थी। शायद उन्हें एक विशाल सेलिब्रेशन का आयोजन करना था, जो कि कोरोना महामारी के कारण संभव नहीं था। यही नहीं, यह मामूली रूप में एक परिवर्तन था जिसने उनके जीवन को अद्वितीय बना दिया।

मेरी बेटी की माँ जो उसकी परवाह किये बिना उसको छोड़कर चली गयी : निखिल पटेल

दलजीत कौर और निखिल पटेल की शादी में परेशानियां अलग-अलग स्तर पर पहुंच गई हैं। जबकि दलजीत ने एक के बाद एक पोस्ट साझा की हैं, वहीं उनके पति निखिल ने दलजीत के खिलाफ कानूनी कदम उठाने की धमकी दी है। उन्होंने अपने विचारों को बयान किया है। आइए इसके पीछे की कहानी को जानते हैं।

निखिल पटेल

निखिल पटेल ने अपने नोटिस में कहा कि भारतीय दंड संहिता, सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 और बच्चों का संरक्षण अधिनियम 2012 के तहत, सोशल मीडिया पर दलजीत कौर के खिलाफ लगाए गए आरोप गलत हैं। उन्होंने दलजीत के खिलाफ कार्रवाई की वजह के रूप में यह संभावना भी उठाई है। उन्होंने कहा, “एक सामान्य नागरिक के रूप में, यह देखना बहुत परेशान करने वाला है कि भारत और विश्व स्तर पर ऑनलाइन सुरक्षा कानूनों में क्या अंतर हो सकता है और अक्सर कुछ लोग इसका फायदा उठाते हैं जो फालतू में फेम हासिल करना चाहते हैं।”

बच्चों के लिए कही ये बात

उन्होंने आगे कहा, ‘इसमें शामिल लोगों की सहमति के बिना तस्वीरें और वीडियो फुटेज शेयर करना, खासकर बच्चों के मामले में, जो समाज में हमेशा एक कमजोर पक्ष होते हैं और जिन्हें हमेशा कानून की सुरक्षा की जरूरत होती है, उनके लिए ये अवैध और लापरवाही भरा है।’

निखिल पटेल

वह यह भी जोड़ते हैं, ‘इस तरह की गैरकानूनी गतिविधियों का समर्थन करना समाज के नैतिक मूल्यों को हानि पहुंचाता है और नापसंदीदा परिणामों को जन्म देता है। इससे हम सभी को सावधान रहना चाहिए और सोशल मीडिया पर विवेकपूर्ण और जिम्मेदार रवैया अपनाना चाहिए।’ इसके अलावा, उन्होंने कहा, ‘हमें बच्चों की सुरक्षा और उनके अधिकारों की समझ के साथ उनकी ऑनलाइन सुरक्षा की भी प्राथमिकता बनानी चाहिए।’

दलजीत के खिलाफ होगी कानूनी कार्रवाई!

निखिल पटेल

निखिल ने यह भी कहा है कि Dalljiet Kaur की टीम जून महीने में उनका बचा हुआ सामान लेने के लिए केन्या जाए या तो इसे किसी चैरिटी को दे दिया जाए, क्योंकि उनके लिए इसे संग्रहण का कोई अर्थ नहीं है। उन्होंने कहा कि उन्होंने इस बारे में अपनी टीम से कई बार चर्चा की है। निखिल के अनुसार, उनकी कानूनी टीम ने स्पष्ट किया है कि उन्होंने किसी भी प्रकार के उत्पीड़न को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, और अगर दलजीत ने अपनी अवैध गतिविधियों को जारी रखा तो खिलाफ उनके खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

आखिर वही हुआ जिसका डर था, राहुल द्रविड़ की भविष्यवाणी हुई सच….. जानें ऐसा क्या बोल दिया राहुल ने

पिच को लेकर भारतीय कोच राहुल द्रविड़ की भविष्यवाणी सच होती दिख रही है। उन्होंने पहले ही टी20 विश्व कप के खेलों के लिए टीम को आगाह किया था कि वेस्टइंडीज की पिचों पर खेलना आसान नहीं होगा। उनके विचारों को सही साबित करते हुए, टीम ने उस मैच में उत्कृष्टता प्रदर्शित की और वांछित जीत हासिल की।

राहुल द्रविड़ की भविष्यवाणी के माध्यम से खिलाड़ियों को सही दिशा और तकनीक का मार्गदर्शन मिला। उनके उत्कृष्ट कोचिंग से खिलाड़ियों की संतुलित मानसिकता और खेलने की दृष्टि में सुधार हुआ। इससे टीम का संदर्भ और मजबूत हो गया है और वे अपनी प्रतिभा को बेहतरीन ढंग से प्रदर्शित करने के लिए तैयार हैं।

भविष्यवाणी

टी20 वर्ल्ड कप 2024 का आगाज हो चुका है, लेकिन अमेरिका और वेस्टइंडीज की पिचों को लेकर कई क्रिकेटर असंतुष्ट नजर आ रहे हैं। लगातार मैदान की स्थिति पर सवाल उठ रहे हैं। टीम इंडिया के मौजूदा हेड कोच राहुल द्रविड़ भी इस विषय पर अपनी राय व्यक्त कर चुके हैं। उनका कहना है कि यहां की जमीन थोड़ी नरम और स्पंजी है, जिससे हैमस्ट्रिंग और पिंडलियों पर असर महसूस हो सकता है।

वेस्टइंडीज बनाम पापुआ न्यू गिनी मैच के दौरान इसका प्रमाण भी देखने को मिला। मैच के दौरान, गेंद को रोकने के प्रयास में पापुआ न्यू गिनी के एक खिलाड़ी ने जब मैदान में डाइव लगाई, तो उसका पैर गीली जमीन में फंस गया। इस वजह से वह सीमा रेखा के पास मुंह के बल गिर गया और बुरी तरह से चोटिल हो गया। इस घटना ने मैदान की स्थिति को लेकर खिलाड़ियों की चिंताओं को और बढ़ा दिया है। कई खिलाड़ी इस पर अपनी सुरक्षा को लेकर चिंता व्यक्त कर रहे हैं और पिच की गुणवत्ता में सुधार की मांग कर रहे हैं।

खिलाड़ी की चोट की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जब वह मैदान में गिरा, तब उसे कुछ देर तक दर्द से कराहते हुए देखा गया। इस दौरान वह खुद से उठ भी नहीं पाया और दूसरे खिलाड़ी को गेंद फेंकनी पड़ी।

भविष्यवाणी

खिलाड़ी को चोटिल देख टीम के फिजियो तुरंत मैदान में पहुंचे और उपचार प्रक्रिया शुरू की। हालांकि, राहत की बात यह रही कि क्रिकेटर के चोटिल होने के बावजूद खेल पर इसका कोई असर नहीं पड़ा और मैच जारी रहा। इस घटना ने मैदान की स्थिति को लेकर एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं। कई क्रिकेट विशेषज्ञ और खिलाड़ी अब पिच की गुणवत्ता और सुरक्षा उपायों पर ध्यान देने की बात कर रहे हैं, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके और खिलाड़ी सुरक्षित रह सकें।

वेस्टइंडीज को मिली जीत

गुयाना में वेस्टइंडीज की टीम ने टॉस जीतकर विपक्षी टीम को पहले बल्लेबाजी करने के लिए आमंत्रित किया था। पापुआ न्यू गिनी की टीम ने मिले निमंत्रण को स्वीकार करते हुए 20 ओवरों में 8 विकेट के नुकसान पर 136 रन बनाए में कामयाब हुई थी।

विपक्षी टीम की तरफ से मिले 137 रन के लक्ष्य को मेजबान टीम ने 1 ओवर शेष रहते 5 विकेट के नुकसान पर आसानी से प्राप्त कर लिया। टीम की जीत में रोस्टन चेज (42*) का अहम योगदान रहा, जिसके लिए उन्हें ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ चुना गया।

रोस्टन चेज के इस शानदार प्रदर्शन के साथ-साथ, टीम के बाकी खिलाड़ियों ने भी अपने कौशल और प्रतिभा का प्रदर्शन किया। वेस्टइंडीज की टीम ने संयुक्त प्रयास करते हुए पापुआ न्यू गिनी को पराजित कर उत्कृष्ट जीत हासिल की। यह जीत टीम के मोराल को और भी मजबूत करेगी और उन्हें आगे के मैचों के लिए प्रेरित करेगी।

इस मैच के दौरान टीम ने अपनी क्षमताओं को प्रकट किया और उत्कृष्टता की ओर एक कदम और आगे बढ़ा। इससे पता चलता है कि विपक्षी टीम ने खिलाड़ियों के बीच सहयोग और टीमवर्क की भावना को मजबूत किया है। यह जीत उन्हें अपनी क्षमताओं को और भी विकसित करने का मौका देगी।