back to top
Home Blog Page 3

टेस्टिंग के दौरान Suzuki Hustler को स्पॉट किया गया, जो पॉवरफुल इंजन और ब्रांडेड फीचर्स से लैस है

Suzuki Hustler :भारतीय बाजार में सुजुकी हसलर को टेस्टिंग के दौरान देखा गया है। इसके लॉन्च के बाद, यह गाड़ी सिट्रोन सी3, हुंडई एक्सटर और टाटा पंच को कड़ी टक्कर दे सकती है। सुजुकी की यह नई कार कई शानदार फीचर्स के साथ आने की उम्मीद है और इसे जल्द ही भारतीय बाजार में लॉन्च किया जा सकता है। आइए जानते हैं इसके बारे में और जानकारी।

मारुति सुजुकी भारतीय बाजार में अपनी नई कार लेकर आने की तैयारी में है, और यह कार कोई और नहीं बल्कि सुजुकी हसलर है। भारत में इस गाड़ी की टेस्टिंग शुरू हो चुकी है और इसे हाल ही में टेस्टिंग के दौरान देखा गया है। टेस्टिंग के दौरान कंपनी ने इस कार के लोगो और हसलर ब्रांडिंग को छिपा रखा था, साथ ही व्हील सेंटर हब कैप को भी हटा दिया गया था। आइए जानते हैं कि यह गाड़ी भारत में कब लॉन्च हो सकती है और किन गाड़ियों को टक्कर देगी।

Suzuki Hustler :भारत में कब हो सकती है लॉन्च?

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सुजुकी हसलर एक टॉलबॉय डिज़ाइन वाली गाड़ी है, जिसकी लंबाई 3,395 मिमी और चौड़ाई 1,475 मिमी है। यदि सुजुकी इसे भारत में लॉन्च करने की योजना बनाती है, तो हसलर का एक लंबा भारतीय संस्करण पेश किया जा सकता है। कुछ ऐसा ही हुंडई ने कोरिया-स्पेक कैस्पर पर आधारित भारत-स्पेक एक्सटर के साथ किया था। जहां तक भारत में इसके लॉन्च की बात है, सुजुकी ने पहले भी अपने कुछ ग्लोबल व्हीकल्स की भारत में टेस्टिंग की है, लेकिन उन्हें यहां लॉन्च नहीं किया गया।

Suzuki Hustler :टेस्टिंग के दौरान दिखी ये खासियत

टेस्टिंग के दौरान देखी गई सुजुकी हसलर को डुअल-टोन इफेक्ट के साथ हल्के सफेद/सिल्वर शेड में फिनिश किया गया था, जिसमें रूफ को गहरे भूरे रंग में रंगा गया था। इस गाड़ी में बड़ा ग्लास एरिया और बॉक्सी सिल्हूट दिया गया है। सुजुकी हसलर में रूफ रेल और बॉडी क्लैडिंग जैसे कई क्रॉसओवर एलिमेंट्स शामिल हैं। इसका बोनट फ्लैट और अप-राइट डिज़ाइन का है, जिससे यह गाड़ी काफी बॉक्सी दिखती है। यह गाड़ी हार्टेक्ट प्लेटफॉर्म पर आधारित हो सकती है।

Suzuki Hustler :भारत में टाटा पंच से होगी टक्कर

अगर सुजुकी हसलर भारतीय मार्केट में लॉन्च होती है, तो इसका सीधा मुकाबला टाटा पंच से हो सकता है। टाटा पंच अपने सेगमेंट में भारतीय बाजार में उपलब्ध सबसे सुरक्षित गाड़ियों में से एक मानी जाती है।

 

प्रेस फोटोग्राफर प्रदीप बांदेकर का निधन, बॉलीवुड के दिग्गजों ने व्यक्त किया शोक

प्रसिद्ध प्रेस फोटोग्राफर प्रदीप बांदेकर का 70 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। उनके इस दुनिया से चले जाने से बॉलीवुड में गहरा शोक छा गया है। उनकी फोटोग्राफी ने कई यादगार पल कैद किए और फिल्म इंडस्ट्री में उनके योगदान को हमेशा सराहा जाएगा। उनके निधन ने न केवल उनके करीबी लोगों को बल्कि पूरे फिल्मी जगत को दुःखी कर दिया है। प्रदीप की कला और उनके काम की कमी को हमेशा महसूस किया जाएगा।

प्रसिद्ध प्रेस फोटोग्राफर प्रदीप बांदेकर ने 70 वर्ष की आयु में इस दुनिया को अलविदा कह दिया है। उनके बेटे प्रथमेश ने एएनआई से बातचीत में उनके निधन की पुष्टि करते हुए बताया कि प्रदीप का रविवार की सुबह निधन हो गया। उनके असामयिक निधन से बॉलीवुड जगत में गहरा शोक व्याप्त है। कई फिल्मी सितारों और हस्तियों ने सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी संवेदनाएं व्यक्त की हैं। प्रदीप बांदेकर ने अपने करियर के दौरान कई दशकों तक बॉलीवुड के महत्वपूर्ण क्षणों को कैमरे में कैद किया था। उनके काम को उद्योग में बेहद सम्मान की दृष्टि से देखा जाता था। उनके निधन से न केवल फिल्मी जगत, बल्कि मीडिया और फोटोग्राफी के क्षेत्र में भी एक अपूरणीय क्षति हुई है। उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा, और उनकी कमी को गहराई से महसूस किया जाएगा।

इन सितारों ने भी जताया दुख

प्रदीप बांदेकर के निधन पर इंडस्ट्री के कई सितारों ने गहरा शोक व्यक्त किया है। अभिनेत्री बिपाशा बसु ने इंस्टाग्राम पर लिखा, “आरआईपी प्रदीप जी। परिवार को शक्ति मिले।” अभिनेता नील नितिन मुकेश ने भी अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं। इंस्टाग्राम स्टोरी पर नील ने लिखा, “प्रदीप जी, आपकी कमी बहुत खलेगी। हमें खूबसूरत पलों को कैद करने और अपनी मुस्कान और सकारात्मकता के साथ हमें पीछे छोड़ने के लिए धन्यवाद।”

इसके अतिरिक्त, कई अन्य फिल्मी हस्तियों ने भी प्रदीप बांदेकर के निधन पर शोक जताया। कई सितारों ने सोशल मीडिया पर अपने संवेदनशील संदेश साझा किए, जिसमें उन्होंने प्रदीप के साथ बिताए गए यादगार क्षणों को याद किया और उनके योगदान को सराहा। उनकी तस्वीरों और उनके काम के प्रति सम्मान व्यक्त करते हुए, सितारों ने यह भी बताया कि कैसे प्रदीप ने उनकी ज़िंदगी और करियर पर गहरा प्रभाव डाला। प्रदीप की निधन की खबर ने फिल्म इंडस्ट्री को गहरे दुख में डाल दिया है, और उनके काम को हमेशा याद रखा जाएगा।

फिल्म उद्योग में शोक की लहर

प्रदीप बांदेकर के निधन की खबर से बॉलीवुड में गहरा शोक छा गया है। उनकी मृत्यु पर कई प्रमुख हस्तियों ने शोक व्यक्त किया है और अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर दुख जाहिर किया है। दिग्गज अभिनेता अजय देवगन ने एक्स पर लिखा, “प्रदीप बांदेकर जी का निधन हमारे लिए एक व्यक्तिगत क्षति है। हमारे परिवार के साथ उनका दशकों पुराना संबंध लेंस से परे था। उनकी कमी हमेशा खलेगी और उन्हें हमेशा याद किया जाएगा। ओम शांति।”

कौन थे प्रदीप बांदेकर

आपको बता दें कि अपने दशकों लंबे करियर में प्रदीप बांदेकर ने कई फिल्मी सितारों के साथ काम किया और अपनी बेहतरीन फोटोग्राफी से सभी को प्रभावित किया। उन्होंने बॉलीवुड के दिग्गजों के साथ न केवल पेशेवर बल्कि व्यक्तिगत संबंध भी बनाए। अजय देवगन से लेकर मनोज बाजपेयी तक, फिल्म इंडस्ट्री की प्रमुख हस्तियों के साथ उनके रिश्ते बेहद अच्छे रहे। उनकी आंखों ने फिल्मों के कई यादगार लम्हों को कैद किया और उनके कैमरे ने बॉलीवुड के इतिहास के अनगिनत पल संजोए। उनके साथ की गई उनकी तस्वीरें और उनकी कड़ी मेहनत ने उन्हें इंडस्ट्री में एक खास स्थान दिलाया। प्रदीप की सहजता, पेशेवरता, और सकारात्मकता ने उन्हें सभी के दिलों में एक विशेष स्थान दिलाया। उनके निधन से इंडस्ट्री में एक अपूरणीय शून्य पैदा हो गया है, और उनकी यादें हमेशा फिल्मी जगत में जीवित रहेंगी।

 

पहले गला घोंटा, फिर रेप …………कोलकाता पुलिस का खुलासा

कोलकाता Doctor Murder: पश्चिम बंगाल के कोलकाता में शुक्रवार (9 अगस्त) की सुबह, आरजी कर मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी बिल्डिंग की चौथी मंजिल पर एक महिला डॉक्टर का अर्धनग्न शव संदिग्ध परिस्थितियों में मिला।

कोलकाता Doctor Murder: पश्चिम बंगाल के कोलकाता में शुक्रवार (9 अगस्त) की सुबह, आरजी कर मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी बिल्डिंग की चौथी मंजिल पर एक महिला डॉक्टर का अर्धनग्न शव संदिग्ध परिस्थितियों में पाया गया। इस दुखद घटना ने पूरे क्षेत्र में सनसनी फैला दी है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से यह खुलासा हुआ है कि डॉक्टर के साथ पहले यौन उत्पीड़न किया गया और फिर उसकी हत्या कर दी गई। पुलिस इस मामले में गहराई से जांच कर रही है, और अब एक और महत्वपूर्ण खुलासा सामने आया है। इस खुलासे ने मामले को और भी जटिल बना दिया है, और पुलिस अब इस दिशा में और साक्ष्य जुटाने में लगी हुई है। प्रारंभिक जांच में, घटनास्थल से कुछ महत्वपूर्ण सुराग मिले हैं, जो इस जघन्य अपराध के पीछे की सच्चाई को उजागर करने में मदद कर सकते हैं। पुलिस ने कहा है कि वे सभी संभावित पहलुओं की जांच कर रहे हैं और दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। इस घटना ने न केवल मेडिकल समुदाय में बल्कि पूरे समाज में भी गहरा आक्रोश पैदा कर दिया है। लोग न्याय की मांग कर रहे हैं, और पुलिस पर दबाव बढ़ रहा है कि वह दोषियों को पकड़कर सख्त से सख्त सजा दिलाए।

इस बीच, कोलकाता पुलिस का दावा है कि डॉक्टर की हत्या के बाद शायद उसके साथ दुष्कर्म किया गया हो। पुलिस ने कहा है कि संभवतः उसकी हत्या पहले गला दबाकर की गई, जब वह सो रही थी, और उसके बाद यौन उत्पीड़न हुआ। घटनास्थल से मिले सबूत भी इसी ओर इशारा कर रहे हैं।

कोलकाता

कोलकाता: रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने उठाई ये मांग

रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा, “हम आज भारी मन से आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज में घटी इस दुखद घटना की गहरी निंदा करते हैं। दूसरे वर्ष के रेजिडेंट डॉक्टर की मौत के साथ जुड़ी भयावह परिस्थितियाँ शायद रेजिडेंट डॉक्टर समुदाय के इतिहास की सबसे बड़ी विडंबना हैं। यह घटना न केवल हमारे पेशे बल्कि मानवता के मूल सिद्धांतों का भी अपमान है।”

उन्होंने आगे कहा, “कल के बयान में, हमने अपना आक्रोश व्यक्त किया था। हम देश भर के सभी रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) और मेडिकल एसोसिएशन से अपील करते हैं कि वे इस अन्याय के खिलाफ हमारी लड़ाई में साथ आएं। आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज के साथियों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए, हम सोमवार, 12 अगस्त से अस्पतालों में वैकल्पिक सेवाओं को राष्ट्रव्यापी रूप से बंद करने की घोषणा करते हैं। यह निर्णय हल्के में नहीं लिया गया है, लेकिन यह आवश्यक है कि हमारी आवाज सुनी जाए और न्याय और सुरक्षा की हमारी मांगें तुरंत पूरी की जाएं।”

कोलकाता: अभिषेक बनर्जी ने कही ये बात

आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में हुई घटना पर तृणमूल कांग्रेस के महासचिव और सांसद अभिषेक बनर्जी ने कहा, “यह घटना बेहद निंदनीय है, और राज्य सरकार इस मामले को गंभीरता से ले रही है। 24 घंटे के भीतर एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। बलात्कारी की कोई पहचान नहीं होती, चाहे वह पुलिसवाला हो, मजदूर हो, या किसी अन्य पेशे से जुड़ा हो। आरोपी एक हत्यारा है। मैंने देखा है कि कई राजनीतिक दल झंडे लेकर सड़कों पर विरोध कर रहे थे, लेकिन हमें इसके बजाय कानून बनाना चाहिए जिससे 7 दिनों के भीतर त्वरित न्याय मिल सके। भाजपा नेताओं को विरोध के बजाय ऐसा विधेयक लाना चाहिए जो बलात्कारियों को 7 दिनों में सजा दिला सके, और विपक्षी दलों जैसे तृणमूल कांग्रेस और कांग्रेस को उस विधेयक का समर्थन करना चाहिए। मुकदमों में 5-6 साल क्यों लगने चाहिए? एक मां और पिता ने अपनी बेटी को खो दिया है, और उसकी पीड़ा वही समझ सकते हैं। राजनीतिक दलों, मीडिया, और न्यायपालिका की सामूहिक जिम्मेदारी होनी चाहिए कि वे इस परिवार को जल्द से जल्द न्याय दिलाएं।”

अभिषेक बनर्जी ने आगे कहा कि यह मामला केवल कानून और व्यवस्था का मुद्दा नहीं है, बल्कि समाज की सामूहिक जिम्मेदारी भी है। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि ऐसे मामलों में त्वरित कार्रवाई और न्याय आवश्यक है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके। उन्होंने सभी राजनीतिक दलों से अपील की कि वे इस गंभीर मुद्दे पर राजनीति से ऊपर उठकर एकजुट हों, ताकि पीड़ित परिवार को न्याय मिल सके और दोषियों को जल्द से जल्द सजा दी जा सके।

हिंडनबर्ग रिसर्च के SEBI पर गंभीर आरोप, अडानी घोटाले से सीधा कनेक्शन

माधबी पुरी बुच: अडानी ग्रुप के बाद अब हिंडनबर्ग ने सीधा सेबी पर निशाना साधा है। हिंडनबर्ग रिसर्च का दावा है कि अडानी घोटाले में इस्तेमाल हुई कुछ ऑफशोर कंपनियों में सेबी चेयरपर्सन की हिस्सेदारी थी|

माधबी पुरी बुच: अडानी ग्रुप को पहले निशाना बनाने वाली हिंडनबर्ग (Hindenburg) ने इस बार सीधे मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) पर आरोप लगाया है। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में कहा गया है कि सेबी चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच (Madhabi Puri Buch) अडानी ग्रुप के साथ मिली हुई हैं, जिसके कारण उन्होंने 18 महीने बीत जाने के बाद भी अडानी ग्रुप (Adani Group) के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है। हिंडनबर्ग रिसर्च ने इस खुलासे की जानकारी सुबह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर साझा की थी।

हिंडनबर्ग ने एक बार फिर अडानी ग्रुप पर निशाना साधा है। हिंडनबर्ग रिसर्च ने कथित गुप्त दस्तावेजों का हवाला देते हुए दावा किया है कि अडानी घोटाले में इस्तेमाल की गई ऑफशोर संस्थाओं में सेबी चेयरपर्सन की हिस्सेदारी थी। हालांकि, हिंडनबर्ग द्वारा लगाए गए इन आरोपों की एबीपी न्यूज (ABP News) पुष्टि नहीं करता है।

हिंडनबर्ग

ऑबसक्योर ऑफशोर फंड्स से किया गया पैसों का हेरफेर 

हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपने आरोपों में कहा है कि व्हिसलब्लोअर दस्तावेज़ों के अनुसार, सेबी की मौजूदा चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच के पति की ऑबसक्योर ऑफशोर फंड्स में हिस्सेदारी है, जिसे अडानी के पैसे की हेराफेरी के लिए उपयोग किया गया है।

माधबी पुरी बुच ने अपने शेयर पति को किए ट्रांसफर 

हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपने आरोपों में कहा है कि अप्रैल 2017 से मार्च 2022 के बीच, माधबी पुरी बुच सेबी की होलटाइम मेंबर और चेयरपर्सन थीं। इस दौरान उनका सिंगापुर स्थित अगोरा पार्टनर्स नामक कंसलटिंग फर्म में 100 फीसदी स्टेक था। 16 मार्च 2022 को सेबी की चेयरपर्सन नियुक्त किए जाने से दो हफ्ते पहले, उन्होंने अपने शेयर्स अपने पति धवल बुच के नाम ट्रांसफर कर दिए थे।

18 महीने पहले दी सारी जानकारी, फिर भी नहीं की कार्रवाई  

हिंडनबर्ग ने अपने कथित खुलासे में कहा है कि अडानी ग्रुप के खिलाफ पिछले साल जारी रिपोर्ट के 18 महीने बीत जाने के बाद भी सेबी ने कोई कार्रवाई नहीं की है। मॉरीशस में अडानी ग्रुप के काले धन नेटवर्क की पूरी जानकारी देने के बावजूद भी कोई कदम नहीं उठाया गया। इसके विपरीत, जून 2024 में सेबी ने हमें ही कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया।हिंडनबर्ग

सेबी चेयरपर्सन के पति धवल बुच को लिया निशाने पर 

हिंडनबर्ग रिसर्च के अनुसार, माधबी पुरी बुच की सेबी में होलटाइम डायरेक्टर के पद पर नियुक्ति के दौरान, उनके पति धवल बुच को 2019 में ब्लैकस्टोन में सीनियर एडवाइजर के रूप में नियुक्त किया गया था। शॉर्ट सेलर ने अपने आरोपों में कहा है कि धवल बुच के LinkedIn प्रोफाइल के मुताबिक, उन्होंने इससे पहले कभी भी रियल एस्टेट या कैपिटल मार्केट से जुड़े किसी फंड में काम नहीं किया था। उनके प्रोफाइल के अनुसार, धवल बुच को प्रोक्योरमेंट और सप्लाई चेन में व्यापक अनुभव है, और उन्होंने यूनिलीवर में चीफ प्रोक्योरमेंट ऑफिसर के तौर पर लंबा समय बिताया है। इस पृष्ठभूमि के बावजूद, उनकी नियुक्ति पर सवाल उठाए जा रहे हैं, खासकर उनके वित्तीय बाजारों में अनुभव की कमी को देखते हुए।

Luxury Cars : मर्सिडीज की ये नयी कारों की ये है स्पीड, जानें कीमतें

मर्सिडीज-बेंज CLE कैब्रियोलेट एक इंपोर्टेड लग्जरी सेडान है, जिसे C-क्लास और E-क्लास कैब्रियोलेट के बीच की श्रेणी में रखा गया है। यह अब बंद हो चुके इन मॉडलों के रिप्लेसमेंट के रूप में काम करेगी।

Mercedes-Benz CLE Cabriolet: मर्सिडीज-बेंज, एक ऐसा नाम है जो लग्जरी कारों की दुनिया में अपनी अलग पहचान रखता है। जब भी लग्जरी कारों (Luxury Cars) की बात होती है, तो सबसे पहले मर्सिडीज-बेंज (Mercedes-Benz) का नाम सामने आता है। इस प्रतिष्ठित ब्रांड ने भारत में अपनी नई लग्जरी सेडान CLE Cabriolet को लॉन्च किया है, जिसकी एक्स-शो-रूम कीमत 1.10 करोड़ रुपये रखी गई है। यह कार न केवल अपने बेहतरीन डिजाइन और आधुनिक फीचर्स के लिए जानी जाएगी, बल्कि यह भारतीय बाजार में लग्जरी सेडान के सेगमेंट में एक नया मानक भी स्थापित करेगी।

मर्सिडीज -Benz CLE Cabriolet: C-क्लास और E-क्लास कैब्रियोलेट की जगह लेगी

Mercedes-Benz CLE Cabriolet एक इंपोर्टेड लग्जरी सेडान है, जिसे C-क्लास और E-क्लास कैब्रियोलेट के बीच की श्रेणी में रखा गया है। यह नई सेडान अब बंद हो चुके इन मॉडलों के रिप्लेसमेंट के रूप में पेश की गई है। CLE Cabriolet न केवल अपनी शानदार डिजाइन और प्रीमियम फीचर्स के लिए जानी जाएगी, बल्कि यह उन लोगों के लिए एक बेहतरीन विकल्प भी साबित होगी जो लग्जरी और परफॉर्मेंस का संगम चाहते हैं।

मर्सिडीज -Benz CLE Cabriolet: C-क्लास सेडान की तुलना में अधिक लंबी है

Mercedes-Benz CLE Cabriolet, C-क्लास सेडान की तुलना में अधिक लंबी है और इसकी डिजाइन में C- और E-क्लास दोनों के स्टाइलिंग के तत्व शामिल हैं। इसमें शार्क-नोज़ इफेक्ट वाली बड़ी ग्रिल, लंबा बोनट, और बूट में फिट होने वाली सॉफ्ट-टॉप फ़ैब्रिक छत है। AMG लाइन में अधिक स्पोर्टी टच जोड़े गए हैं, जैसे बड़े एयर इंटेक्स और नए एलॉय व्हील्स के साथ शानदार बंपर।

CLE Cabriolet में पावर 2.0-लीटर चार-सिलेंडर टर्बो पेट्रोल इंजन से मिलती है, जिसे 48V माइल्ड-हाइब्रिड सिस्टम के साथ जोड़ा गया है। यह इंजन 254 bhp की ताकत और 400 Nm का पीक टॉर्क उत्पन्न करता है। इसे 9-स्पीड टॉर्क कन्वर्टर ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन के साथ जोड़ा गया है, जो सहज ड्राइविंग अनुभव प्रदान करता है। CLE 300 कैब्रियोलेट 6.6 सेकंड में 0-100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ सकती है और इसकी अधिकतम गति 250 किमी प्रति घंटा है। इसके अलावा, यह वाहन डाइनैमिक ड्राइविंग मोड्स और एडेप्टिव सस्पेंशन सिस्टम के साथ आता है, जो राइड क्वालिटी और परफॉर्मेंस को और भी बेहतर बनाता है। शानदार इंटीरियर्स, आधुनिक टेक्नोलॉजी, और आरामदायक ड्राइविंग अनुभव के साथ CLE Cabriolet एक परफेक्ट लग्जरी ड्राइविंग विकल्प है।

 

नीरज चोपड़ा की माँ का रिएक्शन ……. जिसको गोल्ड मिला है वो भी हमारा ही बेटा है

नीरज चोपड़ा : नीरज चोपड़ा ने टोक्यो ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने के बाद पेरिस ओलंपिक में सिल्वर मेडल हासिल किया है, जिससे भारत के लिए एक और गौरवशाली क्षण जुड़ गया है। इस सफलता पर उनकी माता की प्रतिक्रिया भी सामने आई है। उन्होंने कहा कि नीरज की मेहनत और देशवासियों की दुआओं का फल है कि वह लगातार देश का नाम रोशन कर रहा है। माता ने अपने बेटे पर गर्व जताते हुए कहा कि नीरज की सफलता से पूरे देश को प्रेरणा मिलती है, और वह हमेशा नीरज के साथ खड़ी रहेंगी।

नीरज चोपड़ा

नीरज चोपड़ा ने पेरिस ओलंपिक की जैवलिन थ्रो में सिल्वर मेडल जीतकर लगातार दो ओलंपिक पदक हासिल करने वाले पहले भारतीय ट्रैक और फील्ड खिलाड़ी बनने का गौरव प्राप्त किया है। हालांकि, इस प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल पाकिस्तान के अरशद नदीम ने जीतकर ओलंपिक में नया रिकॉर्ड बना लिया। इस परिणाम के बाद नीरज चोपड़ा की माता की भी प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने कहा, “जो गोल्ड मेडल ले गया है, वो भी हमारा ही लड़का है।”

नीरज चोपड़ा की माँ का रिएक्शन

पानीपत में रहने वाली नीरज चोपड़ा की मां, सरोज देवी ने कहा, “हम बेहद खुश हैं, हमारे लिए सिल्वर भी सोने के समान है। जो गोल्ड मेडल जीता है, वह भी हमारा ही बेटा है। उसने मेहनत करके यह उपलब्धि हासिल की है। हर खिलाड़ी का एक दिन होता है। नीरज चोटिल था, इसलिए हम उसके प्रदर्शन से संतुष्ट हैं। जब वह घर लौटेगा, तो मैं उसके लिए उसका पसंदीदा खाना बनाऊंगी।”

सिल्वर मेडल मिलने पर नीरज चोपड़ा के पिता सतीश कुमार का भी बयान सामने आया है। उन्होंने कहा, “हम खिलाड़ी पर प्रेशर नहीं डाल सकते। हर किसी का दिन होता है, और आज पाकिस्तानी एथलीट अरशद नदीम का दिन था, इसलिए वह गोल्ड जीत सके।” उन्होंने आगे कहा, “यह हमारे लिए बहुत खुशी की बात है कि हमने लगातार दूसरे ओलंपिक में जैवलिन में मेडल जीता। हम दूसरे देशों के खिलाड़ियों को कड़ी टक्कर दे रहे हैं, जो गर्व की बात है।”

नीरज चोपड़ा की माँ का रिएक्शन

इस मुकाबले में पाकिस्तान के एथलीट अरशद नदीम ने नया ओलंपिक रिकॉर्ड बनाते हुए दूसरे थ्रो में ही 92.97 मीटर की दूरी हासिल की। उन्होंने अपना छठा और अंतिम थ्रो 91.79 मीटर का फेंका। यह पाकिस्तान का 1992 के बार्सिलोना ओलंपिक के बाद पहला ओलंपिक पदक है। इससे पहले हुए दस मुकाबलों में नीरज चोपड़ा ने हमेशा अरशद नदीम को मात दी थी।

बॉलीवुड के ठुकराने के बाद बांग्लादेश में अपना सितारा चमकाकर बने बांग्लादेशी शाहरुख खान

बॉलीवुड का यह अभिनेता 100 से अधिक फिल्मों में काम कर चुका है, लेकिन वह ज्यादातर सपोर्टिंग रोल में ही नजर आता है। हालांकि, यह अभिनेता पड़ोसी देश बांग्लादेश में कभी सुपरस्टार था। उनकी करियर यात्रा और उनकी पहचान के बारे में जानते हैं।

बॉलीवुड

बांग्लादेश में अपने शुरुआती दिनों में, इस अभिनेता ने मुख्य भूमिकाओं में अभिनय करके एक जबरदस्त फैनबेस बनाया था। उनकी फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर रिकॉर्ड तोड़ सफलता हासिल की और वह बांग्लादेशी सिनेमा का एक चमकता सितारा बन गए। बॉलीवुड में आने के बाद, उन्होंने अपने अभिनय कौशल के दम पर धीरे-धीरे पहचान बनाई, भले ही ज्यादातर समय उन्हें सहायक भूमिकाओं में देखा गया हो। उनकी अभिनय की विविधता और प्रतिभा ने उन्हें भारतीय फिल्म उद्योग में एक सम्मानित स्थान दिलाया। आइए, जानते हैं कौन है यह अभिनेता, जिसने बांग्लादेश से लेकर बॉलीवुड तक अपने अभिनय का जादू बिखेरा है।

बांग्लादेश इन दिनों राजनीतिक संकट से गुजर रहा है, और वहां चल रहा आंदोलन लगातार हिंसक होता जा रहा है। बांग्लादेशी सेना द्वारा सत्ता पर कब्जा करने के बाद, प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इस्तीफा दे दिया और देश छोड़कर भारत आ गई हैं। इस गंभीर स्थिति ने बांग्लादेश के राजनीतिक और सामाजिक ताने-बाने को हिलाकर रख दिया है।

बॉलीवुड

इस घटनाक्रम के बीच, हम आपको बताते हैं उस बॉलीवुड अभिनेता के बारे में, जो कभी बांग्लादेश का सुपरस्टार था। इस अभिनेता को भले ही भारत में मुख्य भूमिकाओं में उतनी पहचान नहीं मिली, लेकिन उन्होंने बांग्लादेशी सिनेमा को कई हिट फिल्में दी हैं और वहां के दर्शकों के दिलों पर राज किया है। उनके अभिनय कौशल और फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर सफलता के झंडे गाड़े और उन्हें बांग्लादेशी सिनेमा का एक महत्वपूर्ण चेहरा बना दिया। बॉलीवुड में आकर, इस अभिनेता ने सहायक भूमिकाओं में काम किया और अपनी विशिष्ट शैली और अभिनय से दर्शकों का ध्यान आकर्षित किया। उनकी फिल्मों में विभिन्न प्रकार के किरदारों को निभाने की क्षमता और उनकी अदाकारी ने उन्हें भारतीय फिल्म उद्योग में भी एक सम्मानित स्थान दिलाया है। इस अभिनेता की कहानी प्रेरणादायक है, जिसने बांग्लादेश से लेकर बॉलीवुड तक अपने अभिनय का जादू बिखेरा है और दोनों ही देशों में अपनी पहचान बनाई है। आइए, जानते हैं कौन है यह अभिनेता, जिसने बांग्लादेशी सिनेमा के इतिहास में अपनी एक अमिट छाप छोड़ी है।

बॉलीवुड एक्टर चंकी पांडे पिछले तीन दशकों से बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री का हिस्सा रहे हैं। हालांकि, उन्हें हीरो के तौर पर नहीं बल्कि सपोर्टिंग एक्टर के रूप में पहचान मिली थी। एक समय ऐसा भी आया जब उन्हें फिल्में मिलनी बंद हो गई थीं। उस समय, चंकी ने बांग्लादेश जाने का फैसला किया, जो सही साबित हुआ। 90 के दशक में चंकी को बांग्लादेश में अद्वितीय शोहरत और स्टारडम हासिल हुआ था।

बॉलीवुड

एक इंटरव्यू में, चंकी पांडे ने खुद अपने बांग्लादेश जाने की वजह बताई थी। “आंखें” जैसी हिट फिल्म देने के बावजूद, एक समय ऐसा था जब वह काम की कमी से परेशान थे। इसी कारण वह बांग्लादेश चले गए, जहां उन्हें जनता का भरपूर प्यार मिला। वहां उन्हें “शाहरुख खान” कहा जाता था।

चंकी पांडे ने पड़ोसी देश बांग्लादेश की कई फिल्मों में काम किया। वह ‘स्वामी केनो आसामी’, ‘बेश कोरेची प्रेम कोरेची’ जैसी कुल 6 बांग्लादेशी फिल्मों में नजर आए। भले ही उन्हें वहां की भाषा नहीं आती थी, लेकिन फिर भी उन्होंने अपार सफलता हासिल की।

 

 

कठुआ: अवैध चल रहे कोचिंग Centres पर कानून का शिकंजा

कठुआ: जिला मुख्यालय समेत हीरानगर, बिलावर, बसोहली, महानपुर, रामकोट इलाकों में तीन दर्जन से अधिक कोचिंग और ट्यूशन सेंटर अवैध रूप से संचालित हो रहे हैं। न तो इन सेंटरों के पास संचालन की अनुमति है और न ही ये किसी नियमों का पालन कर रहे हैं। शिक्षा विभाग की टीम द्वारा की गई जांच में इस बात का खुलासा हुआ है। इन अवैध संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है, ताकि विद्यार्थियों की शिक्षा गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सके और शिक्षा प्रणाली में सुधार लाया जा सके। स्थानीय प्रशासन और शिक्षा विभाग अब इन अवैध सेंटरों पर नजर रख रहे हैं और उचित कदम उठाने की तैयारी कर रहे हैं।

कठुआ

मुख्य शिक्षा अधिकारी कठुआ के नेतृत्व में अब तक जिले में संचालित लगभग दो दर्जन कोचिंग और ट्यूशन सेंटरों की जांच की जा चुकी है। विभाग का कहना है कि इनमें से केवल एक या दो सेंटरों के पास ही वैध अनुमति है और ये नियमों का पालन कर रहे हैं। जांच में यह भी सामने आया है कि आठ केंद्रों ने अनुमति के लिए आवेदन किया था, लेकिन इनकी जांच के दौरान भी नियमों की अनदेखी पाई गई। शिक्षा विभाग का यह दावा गंभीर चिंताओं को उजागर करता है, क्योंकि इन अवैध केंद्रों में बच्चों की शिक्षा और सुरक्षा पर सवाल उठते हैं। इस स्थिति से निपटने के लिए विभाग ने सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है और यह सुनिश्चित करने की दिशा में काम कर रहा है कि सभी शैक्षिक संस्थान कानूनी रूप से संचालित हों और उच्च मानकों का पालन करें।

कठुआ: अवैध चल रहे कोचिंग Centres पर कानून का शिकंजा

सोमवार को शिक्षा विभाग की टीम ने कठुआ शहर की परिधि में चल रहे आठ कोचिंग और ट्यूशन सेंटरों का औचक निरीक्षण किया। इनमें से एक कोचिंग सेंटर पहले ही बंद हो चुका था, जबकि शेष में विद्यार्थियों की उपस्थिति पाई गई। मुख्य शिक्षा अधिकारी मंगत राम शर्मा ने बताया कि इन कोचिंग सेंटरों में निर्धारित नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है। दिल्ली हादसे के बाद नियमों को लेकर बढ़ी सख्ती के बावजूद, इन केंद्रों में से ज्यादातर में केवल एक ही इंट्री और एग्जिट प्वाइंट पाया गया। जिले में चल रहे कई ट्यूशन और कोचिंग सेंटरों में विद्यार्थियों की संख्या कमरे की क्षमता और उपलब्ध जगह से अधिक थी। इसके अलावा, सीसीटीवी निगरानी से लेकर बिजली और पानी की सुविधाओं को भी जांचा गया।

मुख्य शिक्षा अधिकारी ने बताया कि इन कोचिंग और ट्यूशन सेंटरों की व्यापक जांच की जा रही है। इसके लिए जिले भर में विशेष कमेटियां गठित की गई हैं, जो सक्रिय रूप से काम कर रही हैं। इन सेंटरों को निर्देश दिया गया है कि वे जल्द से जल्द अपनी खामियों को दूर करें और पंजीकरण प्राप्त करें। इसके अलावा, इस संबंध में एक विस्तृत रिपोर्ट जिला प्रशासन को भी सौंपी जा रही है। इस कदम का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी शैक्षिक संस्थान नियमानुसार और सुरक्षित तरीके से संचालित हों।

कठुआ

शिक्षा विभाग का यह प्रयास न केवल शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने के लिए है, बल्कि विद्यार्थियों की सुरक्षा और सुविधा को भी ध्यान में रखता है। कमेटियों द्वारा की जा रही जांच में यह भी सुनिश्चित किया जा रहा है कि प्रत्येक केंद्र में आवश्यक बुनियादी सुविधाएं, जैसे सीसीटीवी निगरानी, पर्याप्त बिजली और पानी की आपूर्ति, और आपातकालीन निकासी के उचित उपाय हों। इन नियमों का पालन न करने वाले केंद्रों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि शिक्षा का वातावरण सुरक्षित और अनुकूल हो। इस पहल से उम्मीद है कि कठुआ जिले में शैक्षिक संस्थानों की स्थिति में सुधार होगा और छात्रों को एक बेहतर और सुरक्षित शिक्षा का अनुभव मिलेगा।

Citroen Basalt की भारत में एंट्री, शानदार डिजाइन और लग्जरी इंटीरियर्स से कर रही सबको प्रभावित

कार निर्माता कंपनी सिट्रोएन ने आज अपनी 5वीं कार, बेसाल्ट कूपे एसयूवी, पेश की है। इस कार में कई खास फीचर्स शामिल हैं, जैसे 10.25 इंच की डुअल डिजिटल डिस्प्ले टचस्क्रीन सिस्टम, वायरलेस स्मार्टफोन चार्जिंग पैड, और 6 एयरबैग। कंपनी का दावा है कि यह गाड़ी 18 किमी/लीटर का माइलेज प्रदान करेगी।

Citroen ने अपनी नई Basalt SUV-कूप को भारतीय बाजार में पेश कर दिया है। कंपनी ने Citroen Basalt के कुछ टीजर पहले ही जारी किए थे और इसके एक्सटीरियर का भी खुलासा हो चुका था, लेकिन अब इस SUV-कूप के प्रोडक्शन-रेडी वर्जन का अनावरण किया गया है। इसे कंपनी अगस्त में किसी समय लॉन्च कर सकती है। आइए जानते हैं इसमें क्या खासियतें हैं।

Citroen Basalt

Citroen Basalt एक्सटीरियर

इसका डिजाइन C3 Aircross कॉम्पैक्ट SUV से काफी हद तक मिलता-जुलता है। फ्रंट पर V-आकार के स्प्लिट LED DRLs और स्प्लिट ग्रिल दी गई है, जो इसे एक खास और आधुनिक लुक प्रदान करती है। बम्पर के डिजाइन में भी बदलाव किया गया है, जिससे इसका साइड प्रोफाइल और भी आकर्षक हो गया है। कूप-स्टाइल रूफलाइन और डुअल-टोन फिनिश वाले एलॉय व्हील्स इसे और भी स्टाइलिश बनाते हैं। गाड़ी के पिछले हिस्से में रैपअराउंड LED टेल लाइट्स, ब्लैक्ड-आउट बम्पर और सिल्वर स्किड प्लेट्स शामिल हैं, जो इसके स्पोर्टी लुक को और निखारती हैं।

 

कैसा है इंटीरियर?

बेसाल्ट का केबिन C3 एयरक्रॉस के समान है, लेकिन इसमें कुछ अतिरिक्त लक्ज़री फीचर्स शामिल किए गए हैं। इसमें एक शानदार डैशबोर्ड लेआउट है, जिसमें डुअल डिजिटल डिस्प्ले और एसी वेंट्स के लिए एक सुसंगत डिज़ाइन है। सिट्रोन ने इसे सफेद लेदरेट अपहोल्स्ट्री से सजाया है, जो इसके आंतरिक सौंदर्य को बढ़ाता है। बेसाल्ट की रियर सीट्स को 87 मिमी तक आगे बढ़ाया जा सकता है, जिससे बेहतर अंडरथाई सपोर्ट मिलता है। इसके अलावा, रियर हेडरेस्ट, एक स्वचालित क्लाइमेट कंट्रोल सिस्टम और 6 एयरबैग जैसे सुरक्षा और सुविधा के फीचर्स भी शामिल हैं। इन सभी विशेषताओं के साथ, बेसाल्ट एक आरामदायक और सुरक्षित ड्राइविंग अनुभव प्रदान करता है।

इसके अलावा, इस गाड़ी में 10.25 इंच का टचस्क्रीन सिस्टम, केबिन कम्फर्ट के लिए वायरलेस स्मार्टफोन चार्जिंग पैड, इलेक्ट्रिकली एडजस्टेबल ORVMS, स्टीयरिंग-माउंटेड कंट्रोल, क्रूज़ कंट्रोल और 470 लीटर का लगेज कैरी करने की क्षमता जैसी सुविधाएँ शामिल हैं।

फीचर्स with ग्रेट इंजन

बेसाल्ट को 1.2-लीटर नैचुरली एस्पिरेटेड और 1.2-लीटर टर्बो-पेट्रोल इंजन के विकल्प के साथ पेश किया गया है। 1.2-लीटर नैचुरली एस्पिरेटेड इंजन 82 PS की पावर और 115 Nm का पीक टॉर्क जनरेट करता है और इसे 5-स्पीड गियरबॉक्स के साथ जोड़ा गया है। वहीं, 1.2-लीटर टर्बो-पेट्रोल इंजन 110 PS की पावर और 205 Nm का पीक टॉर्क प्रदान करता है, और इसे 6-स्पीड मैनुअल या 6-स्पीड ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन के साथ उपलब्ध कराया गया है। माइलेज की बात करें तो नैचुरली एस्पिरेटेड पेट्रोल इंजन 18 किमी/लीटर, टर्बो मैनुअल ट्रांसमिशन के साथ 19.5 किमी/लीटर, और टर्बो ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन के साथ 18.7 किमी/लीटर का ईंधन दक्षता प्रदान करता है। इन इंजन विकल्पों के साथ, बेसाल्ट विभिन्न ड्राइविंग जरूरतों और प्राथमिकताओं को पूरा करने के लिए तैयार है।

Citroen Basalt

क्या होगी कीमत?

कंपनी ने अभी तक Citroen Basalt की कीमत का खुलासा नहीं किया है, लेकिन इसकी विशेषताओं और सुविधाओं को देखते हुए उम्मीद जताई जा रही है कि इसकी शुरुआती एक्स-शोरूम कीमत लगभग 10 लाख रुपये हो सकती है। इस मूल्य सीमा में, बेसाल्ट प्रतिस्पर्धात्मक बाजार में एक मजबूत विकल्प बन सकता है, जो ग्राहकों को प्रीमियम लुक और एडवांस्ड फीचर्स के साथ एक बेहतरीन ड्राइविंग अनुभव प्रदान करेगा। अधिक जानकारी के लिए कंपनी की ओर से आधिकारिक घोषणा का इंतजार किया जा रहा है।

 

वायनाड में रेस्क्यू जारी, ज़िन्दगियों को बचाने की जंग बरकरार

वायनाड में भूस्खलन के कारण सैकड़ों लोगों की जानें मलबे में दब चुकी हैं। फिलहाल, बचाव अभियान जारी है और लोगों की खोज की जा रही है|

केरल के वायनाड जिले में भूस्खलन ने भारी तबाही मचाई है। राहत और बचाव कार्य जारी है, और मलबे के नीचे से लोगों को बाहर निकाला जा रहा है। कुछ लोग भाग्यशाली रहे हैं जिन्हें बचाव दल ने जीवित निकाल लिया है, जबकि कुछ अन्य इतने भाग्यशाली नहीं रहे। वायनाड में रेस्क्यू ऑपरेशन का शनिवार (3 अगस्त) को चौथा दिन है। वायनाड के चूरमाला में एनडीआरएफ और सेना के जवान लोगों को बचाने में लगे हुए हैं।

वायनाड

रेस्क्यू टीम एडवांस्ड टेक्निकल उपकरणों और खोजी कुत्तों के माध्यम से जीवित लोगों की खोज कर रही है। इस प्रक्रिया में बड़ी संख्या में लोगों के शव भी बरामद किए जा रहे हैं। केरल में पिछले कुछ वर्षों में यह सबसे भयानक आपदा रही है। केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने एक फेसबुक पोस्ट में बताया कि रडार ने मलबे के नीचे कुछ हरकतें नोटिस की हैं, जो जीवित लोगों के संकेत हैं। आइए जानते हैं कि वायनाड में हुए भूस्खलन के बारे में अब तक क्या अपडेट्स हैं।

वायनाड भूस्खलन में अब तक 358 लोगों की मौत हो चुकी है। 214 लोगों के शव बरामद किए जा चुके हैं, जबकि 187 लोगों को अस्पताल में इलाज के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया है। हालांकि, भूस्खलन के बाद अभी भी लगभग 300 लोग लापता हैं। राहत और बचाव दल पूरी कोशिश कर रहे हैं कि इन लापता लोगों को जल्द से जल्द खोजा जाए और उम्मीद की जा रही है कि ये लोग अभी भी जीवित हों। यह आपदा वायनाड के इतिहास की सबसे गंभीर आपदाओं में से एक है और प्रशासन, सेना तथा एनडीआरएफ की टीमें दिन-रात मेहनत कर रही हैं। इस भयानक स्थिति में पूरे राज्य से लोग एकजुट होकर मदद कर रहे हैं, जिससे बचाव कार्यों में तेजी आई है।

वायनाड में शनिवार को रेस्क्यू ऑपरेशन जारी रहा। लेफ्टिनेंट कर्नल विकास राणा ने बताया, “हमारा आज का प्लान भी कल की तरह ही है। हमने विभिन्न क्षेत्रों को जोन में बांटा है और हमारी टीमें वहां के लिए रवाना हो गई हैं। इन टीमों के साथ खोजी कुत्ते और वैज्ञानिक भी शामिल हैं। स्थानीय लोग भी हमारे रेस्क्यू ऑपरेशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं और हमें हर संभव सहायता प्रदान कर रहे हैं।”

उन्होंने आगे कहा कि रेस्क्यू ऑपरेशन को तेजी से और प्रभावी ढंग से अंजाम देने के लिए हर संभव संसाधन का उपयोग किया जा रहा है। टीम के सदस्य मलबे में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए दिन-रात मेहनत कर रहे हैं। हर व्यक्ति की जान बचाना हमारी प्राथमिकता है और हम उम्मीद करते हैं कि सभी लापता लोग सुरक्षित मिल जाएं। स्थानीय समुदाय का सहयोग और समर्थन हमारे लिए बेहद महत्वपूर्ण है और इस चुनौतीपूर्ण समय में उनकी मदद से हमें काफी राहत मिल रही है।

वायनाड

भूस्खलन के चौथे दिन, पदवेट्टी कुन्नू के पास एक घर से चार लोगों के एक परिवार को सुरक्षित बचाया गया, जिससे सैकड़ों बचावकर्मियों को जीवित बचे लोगों की तलाश में नई उम्मीद मिली है। लगभग 40 रेस्क्यू टीमें खोजी कुत्तों के साथ मिलकर भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों के छह हिस्सों में खोज अभियान चला रही हैं।

वन अधिकारियों ने बचाव अभियान के दौरान एक आदिवासी समुदाय के चार बच्चों और उनके माता-पिता को सुरक्षित बचाया। कलपेट्टा रेंज के वन अधिकारी के हशीस के नेतृत्व में टीम जंगल के अंदर तक पहुंची और इस परिवार को बाहर निकाला। एक अधिकारी ने बताया कि रडार पर हमें संकेत मिले कि कोई व्यक्ति सांस ले रहा है, जिसके बाद हमने उन्हें जाकर सुरक्षित बचाया।

आईएमडी ने शनिवार के लिए वायनाड का मौसम अपडेट जारी किया है। विभाग ने बताया है कि वायनाड में बादल छाए रहेंगे और रुक-रुक कर बारिश भी होगी। भारी बारिश के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन में बाधाएं आई थीं, लेकिन बारिश रुकने के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन को तेज कर दिया गया है।

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन और प्रथम महिला जिल बाइडेन ने बचावकर्मियों की बहादुरी की सराहना की और संवेदना व्यक्त की। व्हाइट हाउस ने कहा, “हम उन परिवारों के साथ शोक मना रहे हैं, जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया है, और इस कठिन समय में हम भारत के लोगों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हैं।”

केंद्र सरकार ने केरल के वायनाड के 13 गांवों सहित पश्चिमी घाट के 56,800 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील क्षेत्र (ईएसए) घोषित करने के लिए एक ड्राफ्ट नोटिफिकेशन जारी किया है। यह नोटिफिकेशन वायनाड में भूस्खलन के कारण 300 से अधिक लोगों की जान जाने के एक दिन बाद जारी किया गया है।

मेप्पडी में 17 राहत शिविरों में 707 परिवारों के 2,597 लोग रह रहे हैं। जिले भर में कुल 91 शिविरों में लगभग 10,000 लोगों ने शरण ली है। वर्तमान में लोगों को बचाने पर मुख्य ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। सेना द्वारा 190 फुट लंबे ‘बेली ब्रिज’ का निर्माण पूरा होने के बाद खोज अभियान में तेजी आई है।