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किस काम से महज 14 साल की उम्र में रणबीर कपूर ने की 250 रुपये की पहली कमाई

रणबीर कपूर ने 1996 में अपने चाचा राजीव कपूर की फिल्म ‘प्रेम ग्रंथ’ में सहायता की थी, जिसके लिए उन्हें 250 रुपए मिले थे।

कपूर फैमिली के चश्मों चिराग, रणबीर कपूर का बॉलीवुड डेब्यू तो आप सभी जानते हैं। उन्होंने 2007 में संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘सावरिया’ से बॉलीवुड में कदम रखा था, जिसमें उनके साथ सोनम कपूर भी नजर आई थीं। फिल्म के गाने जितने मशहूर थे, उतना ही प्रसिद्ध रणबीर का टॉवल सीन है, जिसे आज भी लोग कॉपी करते हैं। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि रणबीर ने बॉलीवुड में काम की शुरुआत 2007 में नहीं, बल्कि 1996 में की थी। उस समय उनकी उम्र केवल 14 साल थी, जब उन्होंने अपने चाचा राजीव कपूर की फिल्म ‘प्रेम ग्रंथ’ में सहायता की थी। इसके लिए उन्हें केवल 250 रुपए का चेक मिला था। रणबीर के इस शुरुआती अनुभव ने उनके करियर की नींव रखी और आगे चलकर उन्हें एक सफल अभिनेता बनाया।

रणबीर कपूर

मैशेबल इंडिया को दिए एक इंटरव्यू में, रणबीर कपूर ने एक दिल छू लेने वाले किस्से का जिक्र किया था। उन्होंने बताया कि 1996 में फिल्म ‘प्रेम ग्रंथ’ के सेट पर अपने चाचा राजीव कपूर की सहायता करते हुए उन्हें 250 रुपये का पहला वेतन मिला था। रणबीर ने कहा कि वह बहुत खुश थे और उन्होंने वह रकम अपनी मम्मी और दिग्गज अदाकारा नीतू सिंह के कदमों में रख दी थी। यह घटना उनके जीवन का एक महत्वपूर्ण क्षण था, जो उन्होंने अपनी माँ के प्रति अपने सम्मान और प्यार को दर्शाने के लिए किया। इस छोटे से वाकये ने उनके और उनकी माँ के रिश्ते को और भी मजबूत बना दिया। रणबीर के इस भावुक किस्से ने उनके प्रशंसकों के दिलों को छू लिया और उनके परिवार के साथ उनके गहरे संबंध को उजागर किया।

रणबीर कपूर

रणबीर कपूर ने एक इंटरव्यू में खुलासा किया कि उन्होंने एक आज्ञाकारी बेटे की तरह विनम्रतापूर्वक अपनी मां नीतू कपूर के चरणों में अपना पहला चेक रख दिया। उन्होंने बताया कि उनकी मां का इमोशनल रिएक्शन बेहद अनमोल था। रणबीर ने कहा, “मेरा पहला वेतन 250 रुपये था, जो मुझे ‘प्रेम ग्रंथ’ में सहायता करते हुए मिला था। एक अच्छे बेटे की तरह, मैं अपनी मां के कमरे में गया और वह चेक उनके चरणों में रख दिया। उन्होंने इसे देखा और फूट-फूट कर रोने लगीं। यह उन क्लासिक, फिल्मी पलों में से एक था, जिसे मैं हमेशा संजो कर रखूंगा।”

यह वाकया रणबीर के लिए बहुत ही भावुक और महत्वपूर्ण था। इस किस्से ने न केवल उनकी माँ के प्रति उनके गहरे सम्मान को उजागर किया, बल्कि उनके और नीतू जी के बीच के मजबूत और संवेदनशील संबंध को भी दिखाया। रणबीर का यह अनुभव उनके जीवन की उन यादों में से एक है, जो उन्हें हमेशा प्रेरित करता रहेगा और जिसे वह जीवन भर संजो कर रखेंगे। इस भावुक पल ने उनके प्रशंसकों के दिलों को भी छू लिया और उनके प्रति सम्मान और बढ़ा दिया|

रणबीर कपूर

गौरतलब है कि रणबीर कपूर आज बॉलीवुड के सबसे अधिक पारिश्रमिक पाने वाले अभिनेताओं में से एक हैं। उन्होंने ‘ब्रह्मास्त्र पार्ट वन’, ‘तू झूठी मैं मक्कार’, ‘ये जवानी है दीवानी’ और ‘ए दिल है मुश्किल’ जैसी हिट फिल्मों में काम किया है। साल 2023 में, उन्होंने ब्लॉकबस्टर फिल्म ‘एनिमल’ दी, जो बड़ी सफलता साबित हुई। वर्तमान में उनकी आगामी फिल्म ‘रामायण’ की चर्चा हर तरफ हो रही है।

 

क्या बॉलीवुड एक्ट्रेस से करेंगे क्रिकेटर कुलदीप यादव शादी? जानें कौन है वो?

बीसीसीआई द्वारा मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में सम्मानित किए जाने से पहले, भारतीय खिलाड़ियों ने मुंबई के मरीन ड्राइव पर एक खुली बस परेड में हिस्सा लिया था। टी-20 वर्ल्ड कप में 10 विकेट लेने वाले कुलदीप यादव का कानपुर पहुंचने पर सैकड़ों प्रशंसकों ने विभिन्न स्थानों पर गर्मजोशी से स्वागत किया।

कुलदीप यादव

कानपुर: वर्ल्ड कप जीतकर स्वदेश लौटी भारतीय टीम के स्टार स्पिनर कुलदीप यादव ने अपनी निजी जिंदगी के कई पहलुओं पर खुलकर बात की। अपने गृहनगर कानपुर पहुंचे कुलदीप यादव का स्वागत करने के लिए बड़ी संख्या में फैंस उमड़ पड़े। प्रशंसकों ने कुलदीप के सम्मान में शानदार आतिशबाजी, ढोल-नगाड़े और म्यूजिक का आयोजन किया था, जिससे माहौल उत्सवमय हो गया। इस दौरान मीडिया से बातचीत में ‘चाइनामैन’ ने अपनी शादी की योजना के बारे में खुलासा किया। उन्होंने स्पष्ट रूप से बताया कि उनकी शादी किसी बॉलीवुड एक्ट्रेस से नहीं होगी, जिससे उनके फैंस के बीच और भी जिज्ञासा बढ़ गई।

कुलदीप यादव

कब और किससे शादी कर रहे कुलदीप?

कानपुर: कुलदीप यादव ने एनडीटीवी से खास बातचीत में अपनी शादी को लेकर बड़ी बात कही। उन्होंने कहा, ‘आपको जल्द ही खुशखबरी मिलेगी, लेकिन मेरी जीवनसंगिनी कोई अभिनेत्री नहीं होगी। मेरे लिए यह महत्वपूर्ण है कि वह मेरी और मेरे परिवार की देखभाल कर सके।’ टी-20 विश्व कप जीतने पर अपनी खुशी जाहिर करते हुए कुलदीप यादव ने कहा, ‘हम बेहद खुश हैं। हमने लंबे समय से इस पल का इंतजार किया था। अपने प्रशंसकों को यहां देखकर दिल बहुत प्रसन्न है। विश्व कप जीतकर लाना हमारे लिए नहीं बल्कि पूरे भारत के लिए गर्व की बात है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर भी बहुत अच्छा लगा, उन्होंने हमें प्रोत्साहित किया और हमारी मेहनत की सराहना की।’ कुलदीप की ये बातें उनके प्रशंसकों के बीच और भी उत्साह और जिज्ञासा का विषय बन गई हैं।

मुंबई में ओपन बस परेड

दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद, भारतीय क्रिकेट टीम मुंबई के लिए रवाना हो गई। मुंबई में, मेन इन ब्लूज ने मरीन ड्राइव से लेकर प्रतिष्ठित वानखेड़े स्टेडियम तक एक भव्य खुली बस विजय परेड निकाली। जोशीले प्रशंसकों की जय-जयकार, मंत्रोच्चार और तालियों की गूंज के बीच टीम वानखेड़े स्टेडियम पहुंची, जहां भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के पदाधिकारियों ने उन्हें 125 करोड़ रुपये की पुरस्कार राशि से सम्मानित किया। खचाखच भरे स्टेडियम में खिलाड़ियों ने अपनी जीत और टी-20 विश्व कप में उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के बारे में बात की और जमकर डांस किया। इस आयोजन के दौरान, खिलाड़ियों को देशभक्ति से ओतप्रोत ‘वंदे मातरम’ की धुन पर विजयी परिक्रमा करते हुए भी देखा गया। यह क्षण न केवल खिलाड़ियों बल्कि उपस्थित सभी दर्शकों के लिए बेहद गर्व और खुशी का था। भारतीय टीम की इस शानदार जीत ने पूरे देश में उत्सव का माहौल बना दिया।

कुलदीप यादव

वर्ल्ड कप में 10 विकेट

टूर्नामेंट के लीग राउंड में कुलदीप यादव को प्लेइंग इलेवन में शामिल नहीं किया गया था, लेकिन सुपर-8 राउंड से फाइनल तक वह लगातार टीम का हिस्सा बने रहे। इस दौरान उन्होंने पांच मैचों में 10 विकेट हासिल किए। फाइनल में साउथ अफ्रीका को हराने के बाद, भारतीय टीम बारबाडोस में भयंकर समुद्री चक्रवात बेरिल में फंस गई। एयरपोर्ट बंद कर दिए गए थे, जिसके बाद बीसीसीआई के सचिव जय शाह ने विशेष चार्टर की व्यवस्था की और भारतीय टीम रवाना हुई। टीम चार जुलाई की सुबह छह बजे दिल्ली पहुंची। इस फ्लाइट में क्रिकेटरों और उनके परिवार के अलावा बोर्ड के अधिकारी, सपोर्ट स्टाफ और कुछ भारतीय पत्रकार भी शामिल थे।

 

चीन में BYD का बोलबाला और कम हुई Tesla की मांग

चीन में Tesla की ईवी वाहनों की बिक्री में लगातार गिरावट आ रही है, जबकि BYD ने दूसरी तिमाही में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में 21% की वृद्धि दर्ज की है। यह चीनी कंपनी के अपने घरेलू मार्केट में बिक्री में वृद्धि का संकेत देता है, इससे स्पष्ट होता है कि चीन में लोग अब टेस्ला के वाहनों को कम पसंद कर रहे हैं। इसका मुख्य कारण है कि BYD ईवी को अधिक कीमती नहीं बना रही है और उसे किफायती दामों में लॉन्च कर रही है।

Tesla

चाइनीज ऑटोमोबाइल निर्माता BYD ने अपनी दूसरी तिमाही में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में 21% की वृद्धि दर्ज की है। इस बढ़ती बिक्री के बाद, कंपनी ने Tesla के साथ बिक्री में अंतर को कम कर दिया है। अप्रैल से जून तक, BYD ने कुल 426,039 इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री की है, जो इसके घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजार में उपलब्ध हैं।

अप्रैल से जून तिमाही के लिए Tesla की अनुमानित वाहन वितरण में लगभग 12,000 वाहन की कमी होने की अनुमानित है। रिपोर्ट्स के अनुसार, टेस्ला ने मंगलवार को इस तिमाही में वाहन डिलीवरी में 6% की गिरावट दर्ज की है।

Tesla

Tesla की मांग में क्यों हुई कमी

चीन में Tesla की बिक्री में पिछले कुछ समय से गिरावट आ रही है। इस परिस्थिति में, बाजार देखने वाले अनुमान लगा रहे हैं कि आगामी दिनों में EV बिक्री में BYD का उच्च रहेगा। बार्कलेज ने टेस्ला के लिए दूसरी तिमाही में डिलीवरी में 11% की गिरावट का अनुमान दिया है, जो अब तक की सबसे बड़ी है। टेस्ला ने कई वर्षों तक तेजी से वृद्धि की थी, लेकिन अब ऐसी गिरावट का सामना कर रही है। जनवरी में एक चेतावनी दी गई थी कि 2024 में डिलीवरी में कमी हो सकती है, क्योंकि कीमतों में कटौती से बढ़त में वृद्धि कम हो रही है। ईवी निर्माता ने अपने पुराने मॉडलों की कमजोर मांग को पूरा करने के लिए मार्च से शंघाई प्लांट में अपनी सबसे अधिक बिकने वाली मॉडल वाई इलेक्ट्रिक कार के उत्पादन में दोहरी अंकों की कटौती की है।

Tesla

BYD की डिमांड में स्थिरता

चीनी कंपनी BYD, जो Tesla के साथ प्रतिस्पर्धा कर रही है, ने अपनी EV बिक्री में स्थिर वृद्धि को बनाए रखा है। इसके बदले में, Nio जैसे EV उत्पादक ने पिछली तिमाही में शानदार वृद्धि दर्ज की है। दूसरी तिमाही में NIO ने अपनी वाहन डिलीवरी को दोगुनी से अधिक बढ़ाकर 57,300 यूनिट की स्थिति पाई है। चीन पैसेंजर कार एसोसिएशन (CPCA) के महासचिव कुई डोंगशू ने बताया कि कीमतों में कटौती के कारण, EV और हाइब्रिड वाहनों की मांग में वृद्धि देखी गई है, जिसने हाल के महीनों में चीनी EV निर्माताओं की मजबूत बिक्री को प्रेरित किया है।

Tesla

Sale में हुई कमी

Tesla ने अपनी बिक्री में चीन में पहली बार दो तिमाहियों में गिरावट देखी है। इस रिपोर्ट से यह स्पष्ट होता है कि अमेरिकी वाहन निर्माता कंपनी का चीन में पहले के मुकाबले रुतबा कम हो गया है। इसके अलावा, चीन में कंपनियां अब किफायती इलेक्ट्रिक वाहनों के लॉन्च पर ज्यादा ध्यान दे रही हैं, जिसके कारण उनका फोकस बड़े पैमाने पर बदल गया है।

जीत के बाद टीम इंडिया ने मनाया जश्न, ढोलक की ताल और अलग अलग अंदाज़ में नज़र आये सभी खिलाड़ी

टीम इंडिया का जश्न, रोहित शर्मा की अगुवाई में भारतीय टीम ने शनिवार को आईसीसी ट्रॉफी के लिए 11 साल का लंबा इंतजार खत्म करते हुए देश को अपना दूसरा टी-20 विश्व खिताब दिलाया। इस ऐतिहासिक जीत के बाद पूरे देश में जश्न का माहौल है। रोहित शर्मा और उनकी टीम के इस शानदार प्रदर्शन ने देशवासियों को गर्व का अनुभव कराया है। स्टेडियम में उपस्थित दर्शकों ने भी इस विजय का जोरदार उत्सव मनाया, और सोशल मीडिया पर बधाइयों का तांता लग गया। इस महत्वपूर्ण जीत ने भारतीय क्रिकेट के इतिहास में एक और सुनहरा अध्याय जोड़ दिया है।

टीम इंडिया

टी-20 वर्ल्ड कप जीतने के बाद भारतीय टीम दिल्ली पहुंच चुकी है, जहां फैन्स ने खिलाड़ियों का जोरदार स्वागत किया है। आज भारतीय खिलाड़ी प्रधानमंत्री से मुलाकात करेंगे। पीएम से मुलाकात के बाद, वे मुंबई के लिए रवाना होंगे, जहां विक्ट्री परेड निकाली जाएगी। इसके बाद बीसीसीआई सभी खिलाड़ियों को पुरस्कार वितरित करेगा।

बीसीसीआई ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा किया है जिसमें सभी खिलाड़ी फ्लाइट के अंदर मस्ती करते हुए नजर आ रहे हैं। वीडियो में रोहित शर्मा और ऋषभ पंत की जमकर मस्ती दिख रही है, जबकि विराट कोहली ट्रॉफी को देखकर भावुक हो रहे हैं। फैन्स इस वीडियो पर लगातार कमेंट कर रहे हैं। वीडियो में सभी खिलाड़ियों की प्रतिक्रियाएं भी दिखाई गई हैं।

टीम इंडिया

बता दें कि रोहित शर्मा की अगुवाई में भारतीय टीम ने शनिवार को आईसीसी ट्रॉफी के लिए 11 साल के लंबे इंतजार को खत्म करते हुए देश को अपना दूसरा टी-20 विश्व खिताब दिलाया। इस ऐतिहासिक जीत के बाद भारतीय टीम एयर इंडिया की विशेष चार्टर फ्लाइट AIC24WC – एयर इंडिया चैंपियंस 24 वर्ल्ड कप – से यात्रा कर रही थी। फ्लाइट बुधवार को स्थानीय समयानुसार सुबह 4:50 बजे ब्रिजटाउन, बारबाडोस से रवाना हुई और 16 घंटे की लंबी यात्रा के बाद गुरुवार को सुबह 6 बजे (IST) दिल्ली पहुंची।

फ्लाइट में भारतीय टीम के सभी खिलाड़ी, सहयोगी स्टाफ, खिलाड़ियों के परिवार के सदस्य और कुछ बोर्ड अधिकारी शामिल थे। यात्रा करने वाले मीडिया दल के सदस्य भी इस विशेष फ्लाइट में सवार थे। दिल्ली पहुंचने पर भारतीय टीम का भव्य स्वागत किया गया, और अब खिलाड़ी प्रधानमंत्री से मुलाकात करने के बाद मुंबई के लिए रवाना होंगे, जहां उनके सम्मान में एक विक्ट्री परेड निकाली जाएगी। बीसीसीआई द्वारा खिलाड़ियों को पुरस्कार वितरित किए जाएंगे, और इस पूरे सफर को सोशल मीडिया पर बड़े उत्साह के साथ साझा किया जा रहा है।

टीम इंडिया

दिल्ली पहुंचने पर हुआ जश्न

दिल्ली पहुंचने पर भारतीय टीम के खिलाड़ियों ने अपनी ऐतिहासिक जीत का जमकर जश्न मनाया। रोहित शर्मा के साथ-साथ कई खिलाड़ियों ने ढोल की धुन पर नृत्य किया। विराट कोहली से लेकर रोहित शर्मा तक, सभी ने ढोल की थाप पर दिल खोलकर डांस किया और अपनी शानदार सफलता का जश्न मनाया। खिलाड़ियों की इस खुशी में उनके समर्थकों और फैन्स ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।

जश्न का यह माहौल देखकर दिल्ली एयरपोर्ट पर भीड़ जमा हो गई और हर कोई इस खास पल का हिस्सा बनने के लिए उत्साहित था। खिलाड़ियों की खुशियों में चार चांद लगाने के लिए ढोल-नगाड़ों का विशेष इंतजाम किया गया था। एयरपोर्ट से बाहर निकलते ही खिलाड़ी जश्न में डूब गए और पूरे माहौल को उत्सवमय बना दिया।

टीम इंडिया

यह जश्न देश भर में उनके फैन्स के दिलों में भी उमंग और खुशी भरने वाला था। सोशल मीडिया पर भी इस जश्न की तस्वीरें और वीडियो वायरल हो गए, जिसमें सभी खिलाड़ी मस्ती में डूबे हुए नजर आ रहे थे। भारतीय टीम की इस जीत ने पूरे देश को गर्व और उत्साह से भर दिया है|

 

कंगना रनौत को थप्पड़ जड़ने वाली CISF जवान को कर्नाटक भेजा गया

सूत्रों के अनुसार, कौर को निलंबित कर दिया गया है और अनुशासनात्मक जांच पूरी होने तक उन्हें कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु स्थित 10वीं रिजर्व बटालियन में तैनात किया गया है। जांच के दौरान, उन्हें अपने वर्तमान पद से हटा दिया गया है और उन्हें नए कार्यक्षेत्र में स्थानांतरित कर दिया गया है। यह कदम उनकी गतिविधियों की पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।

पिछले महीने चंडीगढ़ हवाई अड्डे पर अभिनेत्री और भाजपा सांसद कंगना रनौत को कथित रूप से थप्पड़ मारने वाली सीआईएसएफ कांस्टेबल कुलविंदर कौर को अनुशासनात्मक जांच पूरी होने तक बेंगलुरु की एक इकाई में स्थानांतरित कर दिया गया है। आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी। कौर को निलंबित कर दिया गया है और जांच पूरी होने तक उन्हें कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु स्थित 10वीं रिजर्व बटालियन में तैनात किया गया है। इस कदम का उद्देश्य उनकी गतिविधियों की पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करना है। घटना के बाद, इस मामले ने काफी विवाद खड़ा कर दिया था और सीआईएसएफ ने तत्काल कार्रवाई करते हुए कौर के खिलाफ जांच शुरू कर दी थी।

कंगना रनौत

छह जून को जब नवनिर्वाचित सांसद कंगना रनौत दिल्ली जा रही थीं, तब यह घटना घटी। उनके साथ हुई इस घटना के तुरंत बाद, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) ने कांस्टेबल कुलविंदर कौर को निलंबित कर दिया था। सीआईएसएफ की शिकायत के आधार पर कौर के खिलाफ एक प्राथमिकी भी दर्ज की गई थी।

इस घटना ने काफी विवाद खड़ा कर दिया था और सीआईएसएफ ने तुरंत कार्रवाई करते हुए कौर के खिलाफ अनुशासनात्मक जांच शुरू की थी। जांच जारी रहने तक कौर को कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु स्थित 10वीं रिजर्व बटालियन में स्थानांतरित कर दिया गया है। इस कदम का उद्देश्य उनकी गतिविधियों की पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करना है। कौर के निलंबन और उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी ने इस मामले को और गंभीर बना दिया है, और जांच के नतीजों का बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है।

सूत्रों के अनुसार, वरिष्ठ कमांडेंट स्तर के एक अधिकारी इस घटना की जांच कर रहे हैं। कांस्टेबल, उस दिन हवाई अड्डे पर मौजूद उनके सहयोगियों, पाली प्रभारी और कुछ एयरलाइन अधिकारियों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि जांच में कुछ वक्त लगेगा, जिसके बाद उपयुक्त निर्णय लिया जाएगा। कौर पंजाब के कपूरथला जिले की रहने वाली हैं और उन्होंने 2009 में सीआईएसएफ में शामिल हुई थीं। वह 2021 से चंडीगढ़ हवाई अड्डे पर सीआईएसएफ के विमानन सुरक्षा समूह में अपनी सेवाएं दे रही हैं।

कंगना रनौत

इस घटना ने कौर के करियर पर गंभीर असर डाला है, और जांच पूरी होने तक उन्हें बेंगलुरु में तैनात किया गया है। कौर के खिलाफ उठाए गए इस कदम से सीआईएसएफ का उद्देश्य है कि मामले की पारदर्शिता और निष्पक्षता बनी रहे और सही समय पर उचित कार्रवाई की जा सके। अधिकारियों का कहना है कि जांच के नतीजे आने के बाद ही कोई अंतिम निर्णय लिया जाएगा।

सीआईएसएफ में रहते हुए, अब तक कुलविंदर कौर के खिलाफ कोई सतर्कता जांच नहीं हुई है और न ही उन्हें कोई सजा मिली है। उनके पति भी चंडीगढ़ हवाई अड्डे पर तैनात थे। कहा जा रहा है कि कौर, देश में हुए किसान आंदोलन पर कंगना रनौत के रुख को लेकर उनसे नाराज थीं।

कंगना रनौत (38) हिमाचल प्रदेश की मंडी सीट से लोकसभा सदस्य निर्वाचित हुई हैं। यह घटना तब घटी जब कंगना दिल्ली जा रही थीं। सीआईएसएफ ने कौर को निलंबित कर दिया और उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई। कौर को अनुशासनात्मक जांच पूरी होने तक बेंगलुरु में 10वीं रिजर्व बटालियन में तैनात किया गया है। इस मामले की जांच वरिष्ठ कमांडेंट स्तर के अधिकारी कर रहे हैं, जिसमें कांस्टेबल, उनके सहयोगियों, पाली प्रभारी और एयरलाइन अधिकारियों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं। जांच के बाद ही उचित निर्णय लिया जाएगा।

16 साल की लड़की को ज़िंदा करने के चक्कर में घरवालों से कथित तौर पर छीनी बॉडी के मामले में पहुंचा दिया जेल, जानें भोले बाबा के कांड

‘भोले बाबा’ को उनकी जादुई शक्तियों के कथित दावों के कारण 2000 में आगरा में गिरफ्तार किया गया था। उन पर आरोप था कि उन्होंने एक 16 वर्षीय लड़की के शव को उसके परिवार से जबरन छीन लिया था, यह दावा करते हुए कि वह उसे वापस जीवित कर देंगे। बाद में यह मामला बंद कर दिया गया था।

नारायण साकर विश्व हरि, जिन्हें ‘भोले बाबा’ के नाम से जाना जाता है, उनके अनुयायी उन्हें एक देवता की तरह पूजते हैं। उनका मानना है कि ‘भोले बाबा’ एक डॉक्टर हैं जो इलाज करते हैं, और एक भूत भगाने वाले हैं जो बुरी आत्माओं से छुटकारा दिलाते हैं। अनुयायियों का विश्वास है कि ‘भोले बाबा’ जादुई शक्तियों वाले भगवान हैं, जो उनकी इच्छाओं को पूरा कर सकते हैं।

स्थानीय धर्मगुरु ‘भोले बाबा’ ने हाल ही में हाथरस में एक सत्संग को संबोधित किया था, जहाँ मंगलवार को भगदड़ मच गई थी। इस घटना में बुधवार तक मरने वालों की संख्या 121 तक पहुंच गई थी। वास्तव में, उनके जादुई शक्तियों के कथित दावों के कारण 2000 में उन्हें आगरा में गिरफ्तार भी किया गया था। उस समय उन पर आरोप था कि उन्होंने एक 16 वर्षीय लड़की के शव को उसके परिवार से जबरन छीन लिया था, यह दावा करते हुए कि वह उसे वापस जीवित कर देंगे। बाद में यह मामला बंद कर दिया गया था। इस घटना ने उनके दावों और उनकी शक्तियों पर एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया था।

‘इंडियन एक्सप्रेस’ की एक रिपोर्ट के अनुसार, ‘भोले बाबा’ पर आरोप है कि उन्होंने एक 16 वर्षीय लड़की के शव को उसके परिवार से जबरन छीन लिया था, यह दावा करते हुए कि वह उसे पुनः जीवित कर देंगे। हालांकि, बाद में यह मामला बंद कर दिया गया था। 1990 के दशक में उत्तर प्रदेश पुलिस में कांस्टेबल के रूप में कार्यरत सूरज पाल ने कासगंज से अपनी नौकरी छोड़कर स्वयंभू धार्मिक उपदेशक बनने का निर्णय लिया। अब, दो दशकों से अधिक के समय में, उन्होंने काफी बड़ी संख्या में अनुयायियों को आकर्षित कर लिया है।

उनके अनुयायियों में अधिकांश कम आय वाले दलित परिवारों से हैं, जिनमें पुरुष मजदूर, राजमिस्त्री, खेतिहर मजदूर, सफाई कर्मचारी, बढ़ई और कालीन बेचने वाले शामिल हैं। यह अनुयायी उनकी बढ़ती लोकप्रियता के गवाह हैं और उनकी कथित जादुई शक्तियों और धार्मिक उपदेशों में अटूट विश्वास रखते हैं। ‘भोले बाबा’ ने अपने अनुयायियों के बीच एक अद्वितीय स्थान बना लिया है, और उनकी कथित शक्तियों के बारे में चर्चाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। उनके सत्संगों में हजारों की संख्या में लोग शामिल होते हैं, जो उनकी बातों और उपदेशों से प्रेरित होकर उनके अनुयायी बनते जा रहे हैं।

भोले बाबा

‘भोले बाबा’ दलित परिवार से हैं

कई लोगों ने बताया कि उन्हें ‘भोले बाबा’ की ओर आकर्षित करने वाली बात यह थी कि वे भी दलित परिवार से थे और कोई प्रसाद भी नहीं मांगते थे। उर्मिला देवी, जो अपनी बहन तारामती के साथ सत्संग में आई थीं, ने कहा कि बाबा कुछ भी नहीं लेते या मांगते हैं। अपने सत्संग में वे हमें झूठ न बोलने और मांस, मछली, अंडा और शराब न खाने की सलाह देते थे। विधवा तारामती भी इस भगदड़ में घायलों में शामिल हैं। दोनों बहनें मथुरा की रहने वाली हैं।

ज्यादातर महिला भक्त 40-70 वर्ष की

यह चौथी बार था जब तारामती ‘भोले बाबा’ के सत्संग में भाग ले रही थीं, और इस बार उन्होंने अपनी बहन उर्मिला देवी को भी शामिल होने के लिए कहा था। दोनों बहनों की तरह, भोले बाबा के ज्यादातर महिला भक्त 40-70 वर्ष की आयु वर्ग की हैं। तारामती ने अस्पताल के बिस्तर से बताया कि जब सत्संग खत्म हो रहा था, तब भोले बाबा ने कहा, ‘आज प्रलय आएगी,’ और फिर सचमुच प्रलय आ गई। भगदड़ मच गई और कई लोग घायल हो गए।

तारामती ने कहा कि यह घटना उनके लिए बहुत ही भयावह थी। उन्होंने बताया कि सत्संग में शामिल होने का मुख्य कारण भोले बाबा का दलित समुदाय से होना और उनका कोई प्रसाद या दान न मांगना था। भोले बाबा अपने अनुयायियों को सदैव सच्चाई का पालन करने, और मांस, मछली, अंडा तथा शराब से दूर रहने की सलाह देते थे। इस हादसे के बावजूद, बाबा के अनुयायियों की आस्था और विश्वास में कोई कमी नहीं आई है, और वे मानते हैं कि बाबा का मार्गदर्शन और उनकी शिक्षाएं उन्हें सही दिशा में ले जाएंगी।

 

भरी संसद में अखिलेश यादव ने EVM के बारे में कसम खाकर कहा हटाकर छोड़ेंगे

संसद सत्र 2024: लोकसभा में अपने भाषण के दौरान सपाध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक बार फिर EVM को लेकर सवाल उठाए हैं। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि वे इसे हटाकर ही मानेंगे।

अखिलेश यादव: लोकसभा में अपने भाषण के दौरान समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बीजेपी सरकार पर कड़ा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि अब लोगों का विश्वास हर बात को जुमला बनाने वालों से उठ गया है। उन्होंने यह भी कहा कि यह सरकार बहुमत के आधार पर नहीं, बल्कि सहयोग से चल रही है।

अपने भाषण में अखिलेश यादव ने ईवीएम का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा, ‘ईवीएम पर कल भी भरोसा नहीं था, आज भी भरोसा नहीं है और भविष्य में भी नहीं रहेगा। जब तक ईवीएम को हटाकर पारंपरिक बैलेट पेपर प्रणाली लागू नहीं की जाती, तब तक चुनावों की निष्पक्षता पर सवाल उठते रहेंगे।’

हटाकर रहेंगे ईवीएम

ईवीएम पर सवाल उठाते हुए अखिलेश यादव ने कहा, ‘हमें कल भी ईवीएम पर भरोसा नहीं था, और आज भी भरोसा नहीं है। अगर मैं 80 सीटें भी जीत जाऊं, तो भी इस पर भरोसा नहीं करूंगा। हम ईवीएम से जीतकर भी इसे हटाने का प्रयास करेंगे। जब तक ईवीएम नहीं हटेगी, हम समाजवादी लोग इसी मुद्दे पर अडिग रहेंगे। उन्होंने आगे कहा कि ईवीएम के चलते चुनावों की पारदर्शिता और निष्पक्षता पर हमेशा सवाल उठते रहेंगे, इसलिए इसे हटाना अत्यंत आवश्यक है। समाजवादी पार्टी का लक्ष्य है कि चुनाव प्रक्रिया को पूरी तरह से पारदर्शी और विश्वसनीय बनाया जाए, ताकि जनता का विश्वास लोकतंत्र पर बना रहे।

‘यह इंडिया की सकारात्मक जीत है’

अखिलेश यादव ने अपने संदेश में कहा कि 4 जून 2024 का दिन देश में सांप्रदायिक राजनीति के अंत का प्रतीक है और सामुदायिक राजनीति की नई शुरुआत का दिन है। इस चुनाव में सांप्रदायिक राजनीति को हमेशा के लिए हार का सामना करना पड़ा है।

PM मोदी पर भी साधा निशाना

पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए अखिलेश यादव ने कहा, ‘प्रधानमंत्री ने बड़े पैमाने पर गांवों को गोद लिया था, लेकिन किसी भी गांव की तस्वीर नहीं बदली। जिस गांव को उन्होंने गोद लिया, वह आज भी वैसा ही है।’ इससे पहले उन्होंने बीजेपी पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘पहली बार ऐसा लग रहा है कि एक हारी हुई सरकार सत्ता में है। जनता का कहना है कि यह सरकार टिकने वाली नहीं है, यह गिरने वाली सरकार है।’

अखिलेश यादव ने बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा, ‘ऊपर से कोई तार जुड़ा नहीं है, नीचे कोई आधार नहीं है, अधर में लटकी हुई यह सरकार वास्तव में कोई सरकार नहीं है। यह सरकार बिना किसी ठोस आधार के हवा में अटकी हुई है, और यह जनता के विश्वास पर खरी नहीं उतर रही है। समाजवादी पार्टी हमेशा जनता के साथ खड़ी रहेगी और एक स्थिर और मजबूत सरकार की दिशा में कार्य करेगी।’

 

10 लाख कीमत के साथ 6 Airbags वाली 5 कारें हैं बहुत फायदेमंद

भारतीय कार बाजार में अब कई बेहतरीन फीचर्स के साथ कारें पेश की जा रही हैं, और कंपनियां सुरक्षा पर भी विशेष ध्यान दे रही हैं। 10 लाख रुपये से कम कीमत वाले हैचबैक सेगमेंट में ऐसी कौन सी पांच कारें हैं जो सेफ्टी के लिए छह एयरबैग्स के साथ आती हैं? आइए इनके बारे में जानते हैं।

भारत में वाहन निर्माता अब फीचर्स के साथ-साथ कारों को सुरक्षित बनाने पर भी जोर दे रहे हैं। पहले महंगी कारों में ही अधिक एयरबैग्स दिए जाते थे, लेकिन अब कम कीमत वाली कारों में भी छह एयरबैग्स की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। यह बदलाव सुरक्षा के प्रति बढ़ती जागरूकता और उपभोक्ताओं की मांग के कारण आया है।

10 लाख रुपये से कम कीमत वाली हैचबैक कारों में से कौन सी पांच कारें हैं जो छह एयरबैग्स (Affordable Cars With 6 Airbags) के साथ आती हैं? आइए, इस खबर में हम आपको इन कारों के बारे में विस्तार से बताते हैं, ताकि आप अपनी सुरक्षा और बजट को ध्यान में रखते हुए सही कार का चुनाव कर सकें।

10 लाख

Toyota Glanza

प्रीमियम हैचबैक सेगमेंट में टोयोटा की ग्लैंजा एक प्रमुख विकल्प है। इस कार में छह एयरबैग्स की सुविधा उपलब्ध है, जो इसे एक सुरक्षित विकल्प बनाती है। भारतीय बाजार में इसकी एक्स-शोरूम कीमत 6.86 लाख रुपये है। ग्लैंजा में सुरक्षा के साथ-साथ कई आधुनिक फीचर्स भी दिए गए हैं, जो इसे एक आकर्षक विकल्प बनाते हैं। इसके स्टाइलिश डिज़ाइन और उत्कृष्ट परफॉर्मेंस के कारण यह कार ग्राहकों के बीच काफी लोकप्रिय है।

10 लाख

Hyundai i10

साउथ कोरियाई वाहन निर्माता हुंडई की ओर से आई-10 ग्रैंड नियोस छह एयरबैग के साथ आती है. यह छह एयरबैग के साथ आने वाली कारों में से सबसे सस्‍ती कार है. कंपनी की ओर से इस कार में स्‍टैंडर्ड तौर पर ये फीचर को दिया जाता है.इसकी शुरूआत एक्‍स शोरूम कीमत 5.92 लाख रुपया है|

10 लाख

Maruti Swift

मारुति, भारत की प्रमुख वाहन निर्माता, ने हैचबैक सेगमेंट में स्विफ्ट को लॉन्च किया है। इस नई जनरेशन कार में कंपनी ने स्टैंडर्ड रूप से छह एयरबैग प्रदान किए हैं, जो उपयुक्त सुरक्षा स्तर को दर्शाते हैं। इसकी एक्स-शोरूम कीमत 6.49 लाख रुपये से शुरू होती है, और यह वाहन उन ग्राहकों के लिए आकर्षक है जो सुरक्षा और स्टाइल को प्राथमिकता देते हैं।

10 लाख

Tata Altroz Racer

टाटा ने हाल ही में अल्ट्रोज रेसर को भारतीय बाजार में लॉन्च किया है, जिसमें कंपनी ने स्टैंडर्ड रूप से छह एयरबैग्स शामिल किए हैं। यह आधुनिक फीचर्स के साथ आती है और इसकी एक्स-शोरूम कीमत 9.49 लाख रुपये से शुरू होती है। इस नई कार के लॉन्च से टाटा ने भारतीय वाहन बाजार में अपनी प्रतिष्ठा को मजबूत करने का प्रयास किया है।

10 लाख

Hyundai i20

हुंडई ने प्रीमियम हैचबैक सेगमेंट में आई-20 को भारतीय बाजार में उपलब्ध कराया है। यह हुंडई की दूसरी कार है जिसमें स्टैंडर्ड रूप से छह एयरबैग्स शामिल हैं। इसकी एक्स-शोरूम कीमत 7.04 लाख रुपये से शुरू होती है, और यह एक उत्कृष्ट विकल्प है जो सुरक्षा और स्टाइल को संजोता है। हुंडई ने इस नई जनरेशन कार के माध्यम से अपनी प्रगति और तकनीकी क्षमता का प्रदर्शन किया है, जो भारतीय ग्राहकों के बीच में बहुत पसंद की जा रही है।

 

साउथ अफ्रीका के प्लेयर क्विटंन डीकॉक को उदास देखकर नहीं रह पाए पंत, इस तरह किया मूड सेट

दक्षिण अफ्रीका को एक बेहद रोमांचक मुकाबले में सात रन से हराकर, सितारों से सजी भारतीय टीम ने टी20 विश्व कप का खिताब जीत लिया। इसके साथ ही, आईसीसी खिताब के लिए भारत का 11 साल का लंबा इंतजार समाप्त हो गया। विराट कोहली की शानदार बल्लेबाजी और रोहित शर्मा की ‘कूल’ कप्तानी के बदौलत भारतीय टीम ने पिछले साल का अधूरा सपना पूरा किया। इस जीत के बाद भारतीय क्रिकेट प्रेमियों की आंखें खुशी से छलक उठीं। हार्दिक पंड्या, रोहित शर्मा, विराट कोहली समेत भारतीय टीम के कई खिलाड़ी भावुक हो गए। रोहित शर्मा की पत्नी रितिका भी रो पड़ीं।

क्विटंन डीकॉक
Cricket – South Africa v Australia – Second T20 – St George’s Park, Port Elizabeth, South Africa – February 23, 2020 South Africa’s Quinton de Kock leaves the field after losing his wicket Action Images via Reuters/Rogan Ward/File Photo

दूसरी ओर, दक्षिण अफ्रीका के ड्रेसिंग रूम में माहौल गमगीन था। उसी समय, भारतीय टीम के एक स्टार क्रिकेटर ने ऐसा काम किया कि आपका दिल भी भर आएगा।

दरअसल, हार से दुखी दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाज क्विंटन डीकॉक अपनी बेटी के साथ स्टेडियम के मैदान में बैठे थे। उसी समय भारतीय टीम के विकेटकीपर ऋषभ पंत धीरे से उनके पास पहुंचे। पंत ने क्विंटन को गले लगाया और उन्हें सांत्वना दी। पंत का यह अंदाज क्रिकेट फैंस को काफी पसंद आया और सोशल मीडिया पर उनकी तारीफ की जाने लगी।

क्विटंन डीकॉक

फाइनल में, भले ही ऋषभ पंत बल्ले से कोई खास प्रदर्शन नहीं कर सके, लेकिन मैच के बाद उन्होंने अपने इस मानवीय व्यवहार से सबका दिल जीत लिया। जब पूरी भारतीय टीम जीत का जश्न मना रही थी, तब पंत ने क्विंटन डीकॉक को सांत्वना देने का समय निकाला। यह भी माना जा रहा है कि यह क्विंटन डीकॉक का अंतिम विश्व कप था, और उनकी भावनाओं का सम्मान करते हुए पंत का यह कदम सचमुच सराहनीय था।

पंत की इस भावना ने यह दिखाया कि खेल में प्रतिस्पर्धा के साथ-साथ मानवीयता और सम्मान भी उतने ही महत्वपूर्ण हैं। उनके इस कदम ने खेल की वास्तविक भावना को जीवित रखा और दर्शाया कि असली विजेता वही होता है जो न केवल खेल को, बल्कि खेल भावना को भी सम्मान देता है। भारतीय क्रिकेट फैंस के लिए यह लम्हा बेहद भावुक और यादगार बन गया।

क्विटंन डीकॉक ने बनाए थे 39 रन

क्विंटन डीकॉक ने 31 गेंदों पर 39 रन बनाए थे, जिसमें उन्होंने 4 चौके और 1 छक्का भी जड़ा। अर्शदीप सिंह की गेंद पर डीकॉक कुलदीप यादव के हाथों कैच आउट हुए। मैच के दौरान एक समय ऐसा भी आया जब दक्षिण अफ्रीका जीत की ओर बढ़ती नजर आ रही थी, लेकिन हार्दिक पंड्या की शानदार गेंदबाजी और सूर्यकुमार यादव के अविश्वसनीय कैच ने खेल का रुख बदल दिया।

हार्दिक पंड्या की धारदार गेंदबाजी ने दक्षिण अफ्रीका के बल्लेबाजों को दबाव में ला दिया, जबकि सूर्यकुमार यादव के द्वारा लपका गया कैच मैच का निर्णायक मोड़ साबित हुआ। भारतीय टीम ने नाटकीय ढंग से मैच में वापसी की और अंततः इस रोमांचक मुकाबले में जीत दर्ज की।

क्विटंन डीकॉक

इस जीत ने भारतीय क्रिकेट प्रेमियों के लिए एक यादगार पल बना दिया, जबकि दक्षिण अफ्रीका के ड्रेसिंग रूम में निराशा का माहौल था। भारतीय टीम की इस जीत में जहां खिलाड़ियों के प्रदर्शन का अहम योगदान था, वहीं ऋषभ पंत द्वारा क्विंटन डीकॉक को सांत्वना देने का मानवीय पहलू भी क्रिकेट प्रेमियों के दिलों को छू गया।

यह मैच न केवल खेल के रोमांच को दर्शाता है, बल्कि खेल भावना और खिलाड़ियों के बीच के मानवीय संबंधों को भी उजागर करता है। भारतीय टीम की इस जीत ने देशभर में खुशी की लहर दौड़ा दी और खिलाड़ियों की टीम भावना और संघर्ष की प्रशंसा की गई।