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कांग्रेस ने स्पीकर बिरला के खिलाफ प्रतियोगी दिया, आखिर क्यों नहीं की वोटिंग की मांग

18वीं लोकसभा में स्पीकर के चुनाव के लिए विपक्ष ने एनडीए उम्मीदवार ओम बिरला के खिलाफ अपना उम्मीदवार तो उतारा, लेकिन मत विभाजन की मांग नहीं की।

बुधवार सुबह ओम बिरला को ध्वनिमत से स्पीकर चुना गया, यानी बिना वोटिंग के चुनाव संपन्न हुआ। ऐसे में सवाल उठता है कि यदि विपक्ष को मत विभाजन की मांग नहीं करनी थी, तो फिर उन्होंने उम्मीदवार क्यों खड़ा किया?

भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में ऐसा केवल तीन बार हुआ है जब स्पीकर पद के लिए मतदान हुए हैं। आमतौर पर, इस पद के लिए हमेशा पक्ष और विपक्ष के बीच सहमति बन जाती थी। अतीत में 1952, 1967 और 1976 में स्पीकर पद के लिए मतदान हुए थे। इसके अलावा, स्पीकर का चुनाव आमतौर पर ध्वनिमत के जरिए ही संपन्न होता रहा है।

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यह भी देखा गया है कि स्पीकर के चुनाव में विपक्ष का उम्मीदवार खड़ा करने का उद्देश्य प्रतीकात्मक होता है, जिससे वे अपनी असहमति और विचारधारा को स्पष्ट कर सकें। इस बार भी, विपक्ष ने अपने उम्मीदवार को खड़ा करके यह संदेश देने की कोशिश की कि वे सत्ता पक्ष के किसी भी निर्णय को बिना सवाल किए स्वीकार नहीं करेंगे। लेकिन अंत में, मत विभाजन की मांग न करके उन्होंने अपनी राजनीतिक रणनीति को अलग तरीके से प्रस्तुत किया।

ऐसे मामलों में, विपक्ष का उम्मीदवार खड़ा करना एक लोकतांत्रिक प्रक्रिया का हिस्सा है, जिससे वे अपनी उपस्थिति और भूमिका को मजबूती से प्रस्तुत कर सकें, भले ही अंतिम परिणाम ध्वनिमत के माध्यम से तय हो।

क्या स्पीकर के चुनाव में उम्मीदवार खड़ा करना विपक्ष की रणनीति का हिस्सा था? ऐसा कर विपक्ष ने सरकार को क्या संदेश देने की कोशिश की?

कांग्रेस

स्पीकर के चुनाव में उम्मीदवार खड़ा करना विपक्ष की रणनीति का हिस्सा माना जा सकता है। ऐसा करके विपक्ष ने सरकार को यह संदेश देने की कोशिश की है कि वे सत्ता पक्ष के हर निर्णय को चुनौती देने और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में अपनी सक्रिय भागीदारी निभाने के लिए तैयार हैं।

इस कदम से विपक्ष ने यह भी दिखाया है कि वे सत्ता पक्ष के किसी भी निर्णय को बिना सवाल किए स्वीकार नहीं करेंगे और अपनी असहमति और विचारधारा को मजबूती से प्रस्तुत करेंगे। इससे यह स्पष्ट होता है कि विपक्ष लोकतांत्रिक परंपराओं और प्रक्रियाओं का सम्मान करते हुए, अपनी भूमिका को निभाने के लिए तत्पर है।

इसके अलावा, उम्मीदवार खड़ा करने का उद्देश्य यह भी हो सकता है कि विपक्ष जनता और अपने समर्थकों को यह संदेश देना चाहता है कि वे हमेशा उनके हितों के लिए संघर्षरत हैं। विपक्ष द्वारा इस कदम के माध्यम से सत्ता पक्ष को यह संकेत भी दिया गया है कि वे किसी भी तरह के मनमाने फैसलों को चुनौती देने के लिए तैयार हैं, और इस प्रकार वे लोकतंत्र की मजबूती और पारदर्शिता को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

अंततः, इस रणनीति के माध्यम से विपक्ष ने अपनी उपस्थिति और भूमिका को प्रखर तरीके से प्रस्तुत किया है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि वे किसी भी मुद्दे पर बिना अपनी आवाज उठाए नहीं बैठेंगे, चाहे वह स्पीकर का चुनाव ही क्यों न हो|

इस चुनाव में इंडिया ब्लॉक ने कांग्रेस से अपने अनुभवी सांसद कोडिकुन्निल सुरेश को स्पीकर पद के लिए उम्मीदवार घोषित किया था।

जब एनडीए की सहयोगी पार्टी जेडीयू के नेता और केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने स्पीकर के चुनाव में वोटिंग की स्थिति पूछी, तो संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बताया कि विपक्ष ने इसे मांगने की कोशिश नहीं की।

UP में बरसात की दस्तक, 6 डिग्री तक कम हुआ तापमान….. कल भारी बारिश

उत्तर प्रदेश अब हीटवेव के कहर से मुक्त हो गया है। उत्तर प्रदेश में हीटवेव का अलर्ट अब समाप्त कर दिया गया है। यह जानकारी लखनऊ मौसम केंद्र ने दी है। मॉनसून के आगमन के साथ ही पूरे राज्य में तापमान में 6 डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई है। वर्तमान में, उत्तर प्रदेश का अधिकतम तापमान 34 से 36 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 23 से 29 डिग्री सेल्सियस के बीच बना हुआ है।

पिछले 24 घंटों के दौरान कहां कितनी बारिश हुई, इसका विवरण इस प्रकार है: बरेली में सर्वाधिक 72.2 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई, जबकि शाहजहांपुर में 22 मिलीमीटर, आगरा में 26 मिलीमीटर, मेरठ में 4 मिलीमीटर, और कानपुर देहात और कानपुर शहर में 12 से 33 मिलीमीटर तक बारिश रिकॉर्ड की गई है। लखनऊ मौसम केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक मोहम्मद दानिश के अनुसार, आज भी उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में अच्छी बारिश होने की संभावना है और कल तेज बारिश होने के आसार हैं। आगामी दिनों में तापमान में और भी गिरावट की संभावना है, जिससे मौसम और सुहाना हो जाएगा।

बरसात

इन स्थानों पर आज हो सकती है बारिश

लखनऊ मौसम केंद्र की ओर से प्राप्त जानकारी के अनुसार, आज से लखनऊ, बाराबंकी, हरदोई, कानपुर शहर, कानपुर देहात, लखीमपुर खीरी, गोरखपुर, बलिया, चुर्क, बहराइच, फतेहपुर, बांदा, सुल्तानपुर, फैजाबाद, फुरसतगंज, गाजीपुर, फतेहगढ़ और बस्ती में बादलों की आवाजाही बनी रहेगी। इन जिलों में अधिकतम तापमान 35 से 36 डिग्री सेल्सियस के बीच रह सकता है, जबकि न्यूनतम तापमान 28 से 29 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने का अनुमान है।

इन सभी जिलों में आज बारिश होने की संभावना जताई गई है, जिससे मौसम में ठंडक और ताजगी का अनुभव होगा। बारिश के साथ-साथ हल्की हवाओं के चलने की भी संभावना है, जो उमस भरे मौसम से राहत प्रदान करेगी। मौसम केंद्र के अनुसार, आगामी दिनों में भी बारिश की यह गतिविधि जारी रह सकती है, जिससे किसानों और आम जनता दोनों को लाभ होगा। इसके चलते जलस्तर में भी सुधार होने की उम्मीद है, जिससे जल संकट की समस्या से निपटने में मदद मिलेगी।

बरसात

यहाँ छाएंगे बादल

वाराणसी, प्रयागराज, झांसी और बुलंदशहर में आज बादलों की मौजूदगी बनी रहेगी। यहां का अधिकतम तापमान 34 से 37 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने का अनुमान है, जबकि न्यूनतम तापमान 26 से 29 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने की संभावना है।

इन जिलों में बादलों के साथ हल्की बारिश होने की भी उम्मीद है, जिससे मौसम में कुछ ठंडक आ सकती है। इस बारिश से किसानों को अपनी फसलों के लिए पानी मिलेगा और साथ ही आम जनता को भी गर्मी से राहत मिलेगी। मौसम विभाग के अनुसार, अगले कुछ दिनों में भी ऐसे ही मौसम की संभावना है, जिससे तापमान में और गिरावट हो सकती है।

बादलों और बारिश की संभावना के चलते इन जिलों में लोगों को सलाह दी जाती है कि वे अपने बाहरी कार्यों को योजना के अनुसार प्रबंधित करें और मौसम की ताजगी का आनंद उठाएं। इसके अलावा, इस मौसम में ट्रैफिक और जलभराव की समस्या से निपटने के लिए स्थानीय प्रशासन द्वारा उचित कदम उठाने की भी उम्मीद है।

इन जिलों में तेज बारिश हो सकती है

उरई, हमीरपुर, बरेली, शाहजहांपुर, नजीबाबाद, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, मेरठ, इटावा, आजमगढ़, नोएडा, गाजियाबाद, हापुड़, सहारनपुर, बाराबंकी, कन्नौज और हरदोई में आज तापमान 35 से 36 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने का अनुमान है। इन जिलों में न्यूनतम तापमान 28 से 29 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने की संभावना है।

इन सभी जिलों में आज बादलों की आवाजाही बनी रहेगी, जिससे मौसम में नमी और ठंडक का अनुभव होगा। मौसम विभाग के अनुसार, इन क्षेत्रों में हल्की बारिश के भी आसार हैं, जो गर्मी से राहत दिलाने में मदद करेगी। बादलों और संभावित बारिश के चलते इन जिलों में तापमान में थोड़ी गिरावट दर्ज की जा सकती है।

बरसात

इस प्रकार के मौसम से किसानों को अपनी फसलों के लिए आवश्यक पानी मिलेगा और आम जनता को भी गर्मी से राहत मिलेगी। मौसम विभाग ने यह भी बताया है कि अगले कुछ दिनों तक बादलों और बारिश की यह स्थिति बनी रह सकती है, जिससे मौसम और भी सुहाना हो जाएगा। स्थानीय प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे मौसम की स्थिति को ध्यान में रखते हुए अपनी दिनचर्या को व्यवस्थित करें और अनावश्यक बाहरी गतिविधियों से बचें।

इस मौसम में जलभराव और ट्रैफिक जाम जैसी समस्याओं से निपटने के लिए प्रशासन की तैयारियां भी जारी हैं, ताकि जनता को किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।

 

मनीष सिसोदिया बेक़सूर नहीं हैं …………CBI की दलील पर केजरीवाल का जवाब

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की शराब नीति घोटाले में रिमांड लेने की कोशिश कर रही सीबीआई ने राउज एवेन्यू कोर्ट में कई दलीलें पेश की हैं। सीबीआई का दावा है कि अरविंद केजरीवाल ने इस मामले में सारी जिम्मेदारी मनीष सिसोदिया पर डाल दी है और कहा है कि निजीकरण का विचार मनीष सिसोदिया का ही था।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, जो दिल्ली आबकारी नीति घोटाले में फंसे हुए हैं, ने राउज एवेन्यू कोर्ट में सीबीआई केस के दौरान चल रही जिरह के दौरान जांच एजेंसी की एक दलील का स्वयं विरोध किया है। केजरीवाल ने सीबीआई की जांच और आरोपों को बेबुनियाद और राजनीति से प्रेरित बताते हुए अपनी स्थिति को स्पष्ट किया। उन्होंने अदालत में जोर देकर कहा कि उनके खिलाफ लगाए गए सभी आरोप निराधार हैं और उनका उद्देश्य केवल उनकी और उनकी सरकार की छवि को धूमिल करना है। उन्होंने न्याय के लिए अदालत पर भरोसा जताते हुए अपने निर्दोष होने का दावा किया।

केजरीवाल

बुधवार को सीबीआई ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को कोर्ट में ही गिरफ्तार कर लिया। इस दौरान, सीबीआई ने केजरीवाल की पांच दिन की रिमांड की मांग करते हुए दावा किया कि अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली शराब घोटाले में सारी जिम्मेदारी मनीष सिसोदिया पर डाल दी है। सीबीआई ने अदालत को बताया कि केजरीवाल ने अपने बयान में कहा है कि शराब नीति से संबंधित सभी निर्णय और निजीकरण का विचार सिसोदिया का ही था।

सीबीआई का यह भी कहना है कि मामले की गहन जांच के लिए केजरीवाल को रिमांड पर लेना आवश्यक है ताकि सच्चाई का पता लगाया जा सके और दोषियों को कानून के कठघरे में खड़ा किया जा सके। केजरीवाल की गिरफ्तारी ने दिल्ली की राजनीति में भूचाल ला दिया है, और उनके समर्थक इसे राजनीतिक साजिश करार दे रहे हैं। वहीं, विरोधी दल इस कदम का स्वागत कर रहे हैं और निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं।

‘वह सारा दारोमदार सिसोदिया पर डाल रहे हैं’

सीबीआई के वकील ने कोर्ट में कहा कि हमें अरविंद केजरीवाल से हिरासत में पूछताछ की जरूरत है। उन्होंने आरोप लगाया कि केजरीवाल यह भी नहीं पहचान रहे हैं कि विजय नायर उनके अधीन काम कर रहे थे। केजरीवाल का दावा है कि नायर आतिशी और सौरभ भारद्वाज के अधीन काम कर रहे थे और वह पूरी जिम्मेदारी मनीष सिसोदिया पर डाल रहे हैं।

सीबीआई ने यह भी तर्क दिया कि केजरीवाल को दस्तावेजों का सामना करना होगा और जांच में सहयोग करना होगा। वकील ने कहा कि मामले की सच्चाई का पता लगाने के लिए केजरीवाल से हिरासत में गहन पूछताछ करना आवश्यक है, जिससे सभी पहलुओं की विस्तृत जांच हो सके। सीबीआई का मानना है कि केजरीवाल से सीधे पूछताछ करके ही वे इस घोटाले के मूल कारणों और दोषियों का पता लगा सकते हैं। इस बीच, केजरीवाल की गिरफ्तारी और सीबीआई की रिमांड की मांग ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है, और विभिन्न दलों के बीच तीखी बयानबाजी हो रही है।

केजरीवाल ने कोर्ट में दी ये सफाई

सीबीआई के इस दावे को लेकर अरविंद केजरीवाल ने खुद कोर्ट में अपना पक्ष रखा। केजरीवाल ने कहा कि सीबीआई सूत्रों के माध्यम से मीडिया में यह खबर फैलाई जा रही है कि उन्होंने सारा दोष मनीष सिसोदिया पर मढ़ दिया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि उन्होंने ऐसा कोई बयान नहीं दिया है जिसमें कहा गया हो कि मनीष सिसोदिया दोषी हैं या इस मामले का कोई अन्य व्यक्ति दोषी है।

केजरीवाल

केजरीवाल ने कहा कि उन्हें गलत तरीके से फंसाया जा रहा है और यह पूरी कार्रवाई राजनीति से प्रेरित है। उन्होंने कोर्ट में जोर देकर कहा कि उनकी और उनकी सरकार की छवि को धूमिल करने के लिए इस तरह की झूठी बातें फैलाई जा रही हैं। केजरीवाल ने अदालत से निष्पक्ष जांच की मांग की और भरोसा जताया कि सच्चाई जल्द ही सामने आएगी। उनके इस बयान के बाद मामले की गंभीरता और भी बढ़ गई है और राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का दौर जारी है।

मैंने पहले ही कहा था कि मनीष सिसोदिया निर्दोष हैं, और आप भी निर्दोष हैं, मैं निर्देश हूं। हमारा पूरा प्लान यह है कि हमें मीडिया में बदनाम किया जाए। हमें यह डॉक्यूमेंट करना चाहिए कि सीबीआइ सूत्रों से इन सभी बातों को मीडिया में नहीं फैलाया जाए।

केजरीवाल ने आगे कहा कि उनका आइडिया है कि अखबारों की पहली पेज पर हेडलाइन हो कि केजरीवाल ने मनीष सिसोदिया को अपने गलत फैसले का शिकार बनाया।

 

जय भीम, जय फिलिस्तीन के नारों के साथ असदुद्दीन ओवैसी की शपथ, लोकसभा में होने लगा हंगामा

हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने लोकसभा में शपथ ग्रहण के दौरान ‘जय फिलिस्तीन’ का नारा लगाया। इस बयान के बाद बीजेपी सांसदों ने सदन में जोरदार विरोध और हंगामा किया। ओवैसी के इस नारे को लेकर विभिन्न राजनीतिक दलों और आम जनता के बीच भी बहस छिड़ गई है। बीजेपी सांसदों ने इस मुद्दे पर कड़ा ऐतराज जताते हुए इसे अस्वीकार्य करार दिया, जबकि ओवैसी ने अपने बयान का बचाव किया। इस घटना ने संसद में विवाद की स्थिति उत्पन्न कर दी और सोशल मीडिया पर भी इसकी व्यापक चर्चा हो रही है।

असदुद्दीन ओवैसी

नई दिल्ली: लोकसभा में नवनिर्वाचित सांसदों का शपथ ग्रहण समारोह जारी है। इस बीच हैदराबाद से सांसद और AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के शपथ ग्रहण को लेकर एक नया विवाद खड़ा हो गया है। दरअसल, ओवैसी ने सांसद पद की शपथ लेते समय ‘जय भीम’, ‘जय तेलंगाना’ और अंत में ‘जय फिलिस्तीन’ के नारे लगाए। ओवैसी के ‘जय फिलिस्तीन’ कहने के बाद सदन में बीजेपी सांसदों ने जोरदार हंगामा शुरू कर दिया।

जय फिलिस्तीन का लगाया नारा

लोकसभा के सदस्य रूप के लिए शपथ लेने के लिए प्रोटम स्पीकर ने अससुद्दीन ओवैसी को बुलाया। ओवैसी ने शपथ से पहले बिस्मिल्लाह पढ़ा। इसके बाद उन्हें उर्दू में शपथ ली। शपथ लेने के बाद जाते- जाते उन्होंने ‘जय भीम, जय मीम, जय तेलंगाना और जय फिलिस्तीन’ का नारा लगाया। इसके अलावा उन्होंने ‘अल्लाह हू अकबर’ का नारा भी लगाया।

असदुद्दीन ओवैसी

ओवैसी के ‘जय फिलिस्तीन’ नारे का बीजेपी ने कड़ा विरोध किया है। केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा, “आज AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने संसद में ‘जय फिलिस्तीन’ का नारा लगाया है, जो बिल्कुल गलत है। यह सदन के नियमों के खिलाफ है। ये लोग भारत में रहते हुए भारत माता की जय नहीं बोलते… लोगों को समझना चाहिए कि ये देश में रहकर असंवैधानिक कार्य करते हैं।”

रेड्डी ने आगे कहा कि संसद एक पवित्र स्थान है, जहां केवल भारत की अखंडता और संप्रभुता का सम्मान किया जाना चाहिए। उन्होंने ओवैसी के बयान को भड़काऊ और विभाजनकारी करार देते हुए कहा कि इससे देश की एकता और सामाजिक सद्भावना को नुकसान पहुंच सकता है। बीजेपी नेताओं ने मांग की कि ओवैसी के इस बयान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए और सदन की गरिमा को बनाए रखने के लिए कड़े कदम उठाए जाएं।

हैदराबाद से पांचवी बार बने हैं सांसद

AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी हैदराबाद से पांचवीं बार सांसद बनकर लोकसभा पहुंचे हैं। उन्होंने बीजेपी की माधवी लता को 3,38,087 वोटों के बड़े अंतर से हराया। इससे पहले, 2019 के चुनाव में ओवैसी ने 58.95% वोट शेयर के साथ जीत दर्ज की थी। ओवैसी हैदराबाद से लगातार 5वीं बार सांसद बने हैं।

असदुद्दीन ओवैसी ने पहली बार 2004 में हैदराबाद लोकसभा सीट से चुनाव जीतकर संसद में कदम रखा था। तब से उन्होंने अपनी लोकप्रियता और प्रभाव को लगातार बनाए रखा है, जिससे उन्हें हर चुनाव में बड़ी जीत हासिल होती रही है। ओवैसी का यह विजय अभियान उनकी मजबूत राजनीतिक पकड़ और हैदराबाद के मतदाताओं में उनकी गहरी पैठ का प्रमाण है। उनकी जीत से AIMIM पार्टी को भी राष्ट्रीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण स्थान मिला है।

 

अफगानिस्तान की जीत के बाद भावुक हो गए कप्तान राशिद खान

राशिद खान ने एक सवाल के जवाब में बताया कि इस फॉर्मेट में हमारी गेंदबाजी विशेष रूप से मजबूत है। उन्होंने कहा, “हमारे पास स्तरीय और तेज गेंदबाज हैं।” इसके अलावा, वे यह भी जोड़े कि इस क्रिकेट फॉर्मेट में उनकी टीम को गेंदबाजी में बड़ी स्थिति है और उनके खिलाड़ी इसमें अच्छे प्रदर्शन कर रहे हैं।

अफगानिस्तान

जारी T20 विश्व कप 2024 में अफगानिस्तान ने क्रिकेट जगत को चौंका दिया है जब उन्होंने इतिहास रचते हुए पूर्व चैंपियन ऑस्ट्रेलिया को हराकर और मंगलवार को बांग्लादेश से जीत कर सेमीफाइनल में अपनी जगह बना ली है। इससे पूरे क्रिकेट जगत में चौंका उठा है। विंडीज में चल रहे विश्व कप में एक नया उत्साह पैदा हुआ है। एक ओर भारत, इंग्लैंड, और दक्षिण अफ्रीका ने सेमीफाइनल में प्रवेश किया, जबकि चौथी टीम अफगानिस्तान रही। अगर अफगानिस्तान यहां से बाहर भी होता है, तो उनके खिलाड़ी गर्व से अपने देश लौटेंगे। कप्तान राशिद खान ने बांग्लादेश को हराने के बाद भावुक भीतर दिखाए और अपने दिल की बातें कहीं।

अफगानिस्तान

अफगानिस्तान के कप्तान ने बताया कि उनके लिए विश्व कप के सेमीफाइनल में पहुंचना एक सपने की तरह था। इस उपलब्धि के पीछे मुख्य वजह उनकी टूर्नामेंट की शुरुआत का तरीका रहा। उन्होंने बताया कि न्यूजीलैंड को हराकर उनमें भरोसा पैदा हुआ। उन्हें अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए शब्द नहीं मिल रहे थे। उन्होंने ब्रायन लारा की भविष्यवाणी का उल्लेख करते हुए कहा कि वह सही साबित हुए थे। राशिद ने बताया कि उनकी टीम 15-20 रन पीछे थी लेकिन उन्होंने मनोदशा में रहकर बांग्लादेश की बल्लेबाजी के खिलाफ प्लान बनाया। उन्होंने स्पष्ट किया कि वे जानते थे कि विपक्ष को 12 ओवर के आसपास लक्ष्य हासिल करना होगा और उनके बल्लेबाज बड़े शॉट खेल सकते हैं। इस बात से उन्होंने अपने फायदे का उल्लेख किया। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें अपने प्लान को स्पष्ट करने की आवश्यकता थी और वे अपनी प्रयासरत्ता में कामयाब रहे।

अफगानिस्तान

राशिद ने एक सवाल के जवाब में बताया कि इस फॉर्मेट में हमारी गेंदबाजी बहुत ही मजबूत है, हमारे पास स्तरीय और तेज गेंदबाज हैं। उन्होंने इस बात को बयान करते हुए कहा कि ये गेंदबाज टूर्नामेंट में हमारी शानदार शुरुआत के लिए बहुत महत्वपूर्ण रहे हैं और हमारे लिए राह को आसान बना दिया। उन्होंने बताया कि बांग्लादेश के खिलाफ मैच के दौरान बारिश का सामना करना पड़ा, लेकिन हमने मानसिक रूप से मैदान पर ध्यान केंद्रित रहकर अपना खेल खेला। उन्हें पता था कि हमें दस विकेट लेने हैं और सेमीफाइनल तक पहुंचने के लिए इसी रास्ते को अपनाना होगा। राशिद ने खुशी जताई कि उनकी टीम ने इस मिशन में सफलता प्राप्त की है।

कौन होगा लोकसभा स्पीकर? ओम बिरला के सामने उतरे के सुरेश

स्पीकर और डिप्टी स्पीकर पद के चुनाव को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच सहमति नहीं बन पाई, जिसके चलते ओम बिरला के सामने…

मंगलवार को लोकसभा स्पीकर के चुनाव को लेकर राजनीतिक गलियारों में काफी सस्पेंस और ड्रामा देखने को मिला। अंततः मामला चुनाव तक पहुंच गया है। एनडीए ने ओम बिरला को लोकसभा स्पीकर पद के लिए उम्मीदवार बनाया है। वहीं, लोकसभा उपाध्यक्ष पद की मांग पूरी न होने पर विपक्ष ने कांग्रेस सांसद के सुरेश को उम्मीदवार के रूप में उतारा है। लोकसभा अध्यक्ष चुनाव से जुड़ी हर ताजा जानकारी और अपडेट्स आप यहां पढ़ सकते हैं। इस चुनाव को लेकर दोनों पक्षों के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिल रहा है, और यह देखना दिलचस्प होगा कि अंततः किसकी जीत होती है।

खरगे हमारे वरिष्ठ नेता, कल से अब तक 3 बार बातचीत कर चुका हूं- राजनाथ सिंह

राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि मल्लिकार्जुन खरगे से बात करने के बावजूद राजनाथ सिंह ने उन्हें फोन नहीं किया, जिससे हमारे नेता का अपमान हुआ। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए राजनाथ सिंह ने कहा, “खरगे हमारे वरिष्ठ नेता हैं। मैंने कल से अब तक उनसे तीन बार फोन पर बातचीत की है।” राजनाथ सिंह ने जोर देकर कहा कि वे वरिष्ठ नेताओं का पूरा सम्मान करते हैं और उनके साथ संवाद बनाए रखने के लिए तत्पर रहते हैं। यह भी स्पष्ट किया कि किसी प्रकार की गलतफहमी नहीं होनी चाहिए और वे सदैव वरिष्ठ नेताओं के संपर्क में रहते हैं।

मुंबई में शरद पवार का बड़ा बयान

शरद पवार ने भी लोकसभा स्पीकर के चुनाव पर बयान दिया है। उन्होंने इंडिया अलायंस को सुझाव देते हुए कहा है, “लोकसभा स्पीकर का चुनाव निर्विरोध हो, ऐसा मेरा सुझाव है।” इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि डिप्टी स्पीकर का पद विपक्ष को मिलना चाहिए। पवार का मानना है कि इस कदम से सदन में बेहतर समन्वय और सहयोग की भावना बनी रहेगी, जो लोकतंत्र के लिए लाभकारी होगा। उन्होंने यह भी जोर देकर कहा कि सत्ता और विपक्ष को मिलकर काम करना चाहिए ताकि देश के सामने मौजूद चुनौतियों का समाधान प्रभावी ढंग से किया जा सके।

विपक्ष शर्तों के साथ दबाव बना रहा था- ललन सिंह

ललन सिंह ने कहा कि विपक्ष उपाध्यक्ष पद को लेकर आश्वासन चाहता था, लेकिन सत्ता पक्ष ने कहा कि वह इस मुद्दे पर बाद में विचार करेंगे और पहले अध्यक्ष पद पर समर्थन देने की बात की। इसके लिए विपक्ष तैयार नहीं हुआ। उन्होंने कहा, “विपक्ष अपनी शर्तों के आधार पर दबाव बनाना चाहता था।” ललन सिंह ने यह भी स्पष्ट किया कि विपक्षी दलों का मानना है कि सत्ता पक्ष को अपने वादों पर पहले अमल करना चाहिए। इस असहमति के चलते दोनों पक्षों के बीच तनाव बढ़ गया और यह मामला सुलझ नहीं पाया। विपक्ष के मुताबिक, सत्ता पक्ष की यह मांग अस्वीकार्य है और उन्होंने इस पर कड़ा रुख अपनाया है।

मनोज झा बोले- हमने सरकार के सामने अपनी मांग रख दी है

आरजेडी नेता और सांसद मनोज झा ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा कि लोकसभा के डिप्टी स्पीकर का पद विपक्ष को मिलना चाहिए। उन्होंने कहा, “हमने सरकार के सामने अपनी मांग स्पष्ट रूप से रख दी है।” मनोज झा ने जोर देकर कहा कि लोकतंत्र की स्वस्थ परंपरा और संतुलन बनाए रखने के लिए यह जरूरी है कि विपक्ष को भी महत्वपूर्ण पदों पर प्रतिनिधित्व मिले। उन्होंने यह भी कहा कि यह मांग न सिर्फ विपक्ष की है, बल्कि यह देश की लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मजबूत बनाने के लिए आवश्यक है। विपक्ष अपनी इस मांग पर अडिग है और उम्मीद करता है कि सरकार इसे गंभीरता से लेगी।

विपक्ष से नहीं बन पाई सहमति, अध्यक्ष पद के लिए उतारेंगे उम्मीदवार

सुना जा रहा है कि लोकसभा के स्पीकर और डिप्टी स्पीकर पदों के चुनाव को लेकर विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच में सहमति नहीं हुई। इसलिए, अब तक यह लगभग स्पष्ट है कि विपक्ष भी अपने उम्मीदवार को अध्यक्ष पद के लिए चुनाव में उतारने की योजना बना रहा है। सुनने में आया है कि विपक्षी दलों के मंत्री और कांग्रेस सांसद सुरेश का नाम इस कार्यक्रम के लिए सबसे अग्रसर हो रहा है।

शत्रुघ्न सिन्हा की बेटी की बिहार में एंट्री बैन लगा डाले पोस्टर्स

सोनाक्षी सिन्हा और जहीर इकबाल की शादी: शत्रुघ्न सिन्हा की बेटी और अभिनेत्री सोनाक्षी सिन्हा ने जहीर इकबाल से शादी कर ली है। इस शादी को लेकर देशभर से विभिन्न प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। इसके बाद हिंदू शिव भवानी सेना ने पटना में पोस्टर लगाकर विरोध जताया है। पोस्टर में लिखा गया है, “शत्रुघ्न सिन्हा की बेटी को बिहार में घुसने नहीं देंगे।”

पटना: बिहारी बाबू के नाम से मशहूर शत्रुघ्न सिन्हा की बेटी और अभिनेत्री सोनाक्षी सिन्हा ने अभिनेता जहीर इकबाल से शादी कर ली है। इस शादी के बाद बिहार की हिंदू शिव भवानी सेना ने कड़ा विरोध जताया है। हिंदू शिव भवानी सेना ने पटना में पोस्टर लगाकर इस विवाह को लव जिहाद करार दिया है। उन्होंने कहा है कि शत्रुघ्न सिन्हा की बेटी को बिहार में प्रवेश करने नहीं देंगे। सेना ने यह भी चेतावनी दी है कि अगर सोनाक्षी सिन्हा बिहार आईं तो उनका विरोध किया जाएगा। इस विरोध के बाद शहर में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है और प्रशासन ने शांति बनाए रखने की अपील की है।

शत्रुघ्न सिन्हा

पटना में लगे पोस्टरों में शत्रुघ्न सिन्हा, सोनाक्षी सिन्हा और जहीर इकबाल की तस्वीरें दिखाई दे रही हैं। इन पोस्टरों में लिखा गया है, “सोनाक्षी सिन्हा और जहीर इकबाल की शादी लव जिहाद को बढ़ावा देती है। पूरे देश को इस्लामीकरण करने की कोशिश हो रही है। शत्रुघ्न सिन्हा जी, अपने इस फैसले पर पुनर्विचार करें, नहीं तो अपने बेटों लव और कुश के नाम तुरंत बदल दें। इससे हिंदू धर्म का अपमान हो रहा है। हिंदू शिव भवानी सेना सोनाक्षी सिन्हा को बिहार में घुसने नहीं देगी।”

इसके साथ ही, पोस्टरों में यह भी लिखा गया है कि यदि शत्रुघ्न सिन्हा इस विवाह को रद्द नहीं करते हैं, तो उनके पूरे परिवार का बिहार में विरोध किया जाएगा। सेना ने चेतावनी दी है कि यह शादी न केवल हिन्दू धर्म का अपमान है, बल्कि यह लव जिहाद को भी प्रोत्साहित करती है, जो कि अस्वीकार्य है। शहर में इस मुद्दे को लेकर तनाव बढ़ गया है और प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है। प्रशासन ने जनता से शांति बनाए रखने की अपील की है और आश्वासन दिया है कि कानून और व्यवस्था की स्थिति को बिगड़ने नहीं दिया जाएगा।

जहीर इकबाल और अभिनेत्री सोनाक्षी सिन्हा रविवार को परिवार और करीबी मित्रों की उपस्थिति में विवाह बंधन में बंध गए। सोनाक्षी (37) और जहीर (35) ने अपने परिवारों और निकटतम मित्रों की मौजूदगी में बांद्रा स्थित अपने अपार्टमेंट में शादी की। इस खुशी के मौके पर नवविवाहित जोड़े ने अपने प्रशंसकों को ‘इंस्टाग्राम’ पर एक पोस्ट के जरिए इस शुभ समाचार की जानकारी दी। उन्होंने अपने पोस्ट में इस खास दिन की तस्वीरें भी साझा की, जिसमें दोनों बेहद खुश नजर आ रहे थे। शादी के बाद, सोशल मीडिया पर शुभकामनाओं और बधाइयों की बाढ़ आ गई।

जहीर इकबाल और अभिनेत्री सोनाक्षी सिन्हा ने रविवार को परिवार और करीबी मित्रों की उपस्थिति में एक विवाह समारोह में शामिल होकर एक-दूसरे से विवाह बंधन में बंध लिया। सोनाक्षी (37) और जहीर (35) ने अपने परिवारों और निकटतम मित्रों की मौजूदगी में बांद्रा स्थित अपने अपार्टमेंट में इस खास अवसर पर शादी की। उन्होंने इस खुशी की खबर ‘इंस्टाग्राम’ पर एक पोस्ट के माध्यम से अपने प्रशंसकों के साथ साझा की। उन्होंने अपनी पोस्ट में विवाहीत जोड़े की तस्वीरें भी साझा की, जिसमें दोनों का खुशी से उल्लास दिख रहा था। इस खास अवसर के बाद, सोशल मीडिया पर उन्हें शुभकामनाएं और बधाइयाँ बहुत सम्मान प्राप्त हुईं।

शत्रुघ्न सिन्हा

युगल ने अपनी पोस्ट में लिखा, ‘आज से सात साल पहले, 23.06.2017 को हम दोनों ने एक-दूसरे की आंखों में प्यार को उसके खूबसूरत रूप में देखा और बस तय कर लिया था कि हम साथ रहेंगे। इस प्यार ने हमारे लिए बहुत सारी मुश्किलें पार की हैं और आज यह हमें इस क्षण तक पहुँचाया है। हमारे परिवारों और ईश्वर के आशीर्वाद का साथ मिला है, जिसके कारण हम यहां तक आए हैं। अब हम पति-पत्नी बन चुके हैं।’

नेटफ्लिक्स सीरीज ‘हीरामंडी’ में सोनाक्षी की सह-कलाकार अदिति राव हैदरी अपने मंगेतर अभिनेता सिद्धार्थ के साथ एक समारोह में मौजूद थीं। सोनाक्षी और जहीर के विवाह समारोह में हुमा कुरैशी भी शामिल थीं।

 

 

शिक्षा मंत्री की शपथ पे नीट……. नीट ………….का शोर

सदन के पहले दिन सत्ता पक्ष के सदस्यों ने शपथ लेना शुरू किया। इसी दौरान जब केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान सांसद के रूप में शपथ लेने के लिए उठे, तो विपक्षी गठबंधन ‘इंडी’ के सदस्यों ने नीट परीक्षा को लेकर मजाक उड़ाते हुए नारेबाजी शुरू कर दी।

18वीं लोकसभा का पहला सत्र सोमवार को शुरू हुआ। इसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और कैबिनेट मंत्रियों के बाद राज्य मंत्रियों ने सदन की सदस्यता की शपथ ली। हालांकि, संसद में उस समय अचानक से हंगामा मच गया, जब शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान सदन की शपथ लेने के लिए उठे। विपक्षी नेताओं ने इस दौरान जोरदार नारेबाजी की और नीट परीक्षा में धांधली का मुद्दा उठाया। हंगामे के कारण सदन में कुछ देर के लिए अव्यवस्था फैल गई, जिससे शपथ ग्रहण की प्रक्रिया बाधित हुई।

शिक्षा मंत्री

नीट-नीट के नारे लगे

सदन के पहले दिन सत्ता पक्ष के सदस्यों ने शपथ लेना शुरू किया। इसी दौरान जब केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान सांसद के रूप में शपथ लेने के लिए उठे, तो विपक्षी गठबंधन ‘इंडी’ के सदस्यों ने नीट परीक्षा को लेकर मजाक बनाते हुए नारेबाजी शुरू कर दी। शिक्षा मंत्री जब शपथ लेने के लिए मंच पर पहुंचे, तो संसद में ‘नीट-नीट’ के नारे गूंजने लगे। इसके बावजूद, धर्मेंद्र प्रधान ने अपना भाषण पूरा किया और विधिवत शपथ ग्रहण की। इस घटना से सदन में थोड़ी देर के लिए हलचल मच गई, लेकिन शपथ ग्रहण की प्रक्रिया फिर से सुचारू रूप से जारी रही।

केंद्र पर हमला बोला

राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट-यूजी) में बढ़ी हुई मार्किंग और पेपर लीक के आरोपों को लेकर देशभर में आक्रोश फैल गया है। इसी संदर्भ में विपक्षी नेताओं ने लोकसभा में शिक्षा मंत्री के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। इससे पहले, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर नीट-यूजी 2024 परीक्षा में हुई अनियमितताओं को लेकर तीखा हमला बोला और छात्रों से वादा किया कि उनकी पार्टी संसद में इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाएगी।

बताते चलें कि लोकसभा का पहला सत्र हंगामेदार रहने की संभावना है, क्योंकि विपक्ष विभिन्न मुद्दों पर भाजपा नीत एनडीए सरकार को घेरने की तैयारी में है। इनमें विशेष रूप से अध्यक्ष के चुनाव, नीट-यूजी और यूजीसी-नेट में पेपर लीक के आरोप शामिल हैं। विपक्ष का मानना है कि इन मुद्दों पर सरकार को कठघरे में खड़ा करना जरूरी है, ताकि छात्रों के हितों की रक्षा की जा सके और परीक्षा प्रणाली में पारदर्शिता बनी रहे।

आपातकाल की घोषणा किए बिना इसी तरह का कर रहे काम

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सोमवार को केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए सवाल किया कि आपातकाल के मुद्दे को उठाकर वह कब तक शासन करने की योजना बना रही है। खरगे लोकसभा के 18वें सत्र की शुरुआत से पहले मीडियाकर्मियों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हालिया टिप्पणियों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री इसे 100 बार दोहरा सकते हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि आपातकाल की घोषणा किए बिना ही सरकार उसी ढंग से कार्य कर रही है।”

खरगे ने आगे कहा, “प्रधानमंत्री मोदी और उनकी सरकार पुरानी बातों को उखाड़कर, आपातकाल का भय दिखाकर वर्तमान के महत्वपूर्ण मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है। जब देश में बेरोजगारी, महंगाई और किसानों की समस्याएं जैसे गंभीर मुद्दे हैं, तो ऐसे में पुरानी घटनाओं का सहारा लेकर कब तक शासन किया जा सकता है? सरकार को इन मुद्दों का समाधान करना चाहिए और लोकतांत्रिक ढंग से काम करना चाहिए, न कि डर और भय के माहौल में शासन करना चाहिए।”

रस्सी जल गई, बल नहीं गया

इसके अलावा, सोशल मीडिया मंच एक्स पर भी खरगे ने मोदी सरकार को आड़े हाथ लिया। उन्होंने लिखा, “प्रधानमंत्री मोदी जी ने अपने रूढ़िवादी शब्द आज जरूरत से ज्यादा बोले। इसे कहते हैं, रस्सी जल गई, बल नहीं गया। देश को आशा थी कि मोदी जी महत्वपूर्ण मुद्दों पर कुछ बोलेंगे।”

खरगे ने आगे कहा, “नीट और अन्य भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक के बारे में युवाओं के प्रति कुछ सहानुभूति दिखाने की अपेक्षा थी, लेकिन उन्होंने अपनी सरकार की धांधली और भ्रष्टाचार के बारे में कोई जिम्मेदारी नहीं ली। हाल ही में हुई पश्चिम बंगाल की रेल दुर्घटना पर भी मोदी जी मौन साधे रहे। मणिपुर पिछले 13 महीनों से हिंसा की चपेट में है, पर मोदी जी न तो वहां गए और न ही उन्होंने आज के अपने भाषण में ताज़ा हिंसा के बारे में कोई चिंता व्यक्त की है।”

खरगे ने यह भी कहा, “प्रधानमंत्री को देश के युवाओं, किसानों और मजदूरों की समस्याओं पर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए। सरकार को अपनी विफलताओं को स्वीकार करके उनकी समाधान के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए। सिर्फ पुराने मुद्दों को उठाकर और भाषणबाजी से देश का भला नहीं हो सकता। देश को आज सही नेतृत्व और संवेदनशील सरकार की जरूरत है, जो जनता की वास्तविक समस्याओं का समाधान कर सके।”

शिक्षा मंत्री

इन मुद्दों पर क्यों हैं चुप?

खरगे ने आगे कहा, “असम और पूर्वोत्तर में बाढ़ हो, कमरतोड़ महंगाई हो, रुपया का गिरना हो, एग्जिट पोल-स्टॉक मार्केट घोटाला हो, या फिर अगली जनगणना का लंबित रहना हो; मोदी सरकार ने इन सभी मुद्दों पर चुप्पी साध रखी है। जातिगत जनगणना पर भी मोदी जी ने कोई बात नहीं की। आप 50 साल पुराने आपातकाल की याद दिला रहे हैं, लेकिन पिछले 10 साल के अघोषित आपातकाल को भूल गए, जिसका जनता ने अंत कर दिया।”

उन्होंने कहा, “लोगों ने मोदी जी के खिलाफ जनमत दिया है। इसके बावजूद अगर वे प्रधानमंत्री बने हुए हैं, तो उन्हें काम करना चाहिए। जनता को नारे नहीं, बल्कि वास्तविक समाधान चाहिए। विपक्ष और इंडिया जनबंधन संसद में बहस चाहता है। हम जनता की आवाज सदन, सड़क और हर मंच पर उठाते रहेंगे। हम संविधान की रक्षा करेंगे। लोकतंत्र ज़िंदाबाद!”

अनुराग कश्यप ने बताया कि ‘रोज 2 लाख रुपये का चार्ज करता था एक्टर का पर्सनल शेफ’, उन्होंने स्टार्स के खर्चों के बारे में खुलासा किया

अनुराग कश्यप ने अपनी फिल्मों से फिल्म इंडस्ट्री में अपनी अलग पहचान बना ली है। उन्होंने पहले डायरेक्शन की जिम्मेदारी निभाई और अब उन्हें एक्टिंग में भी आगे बढ़ने का मौका मिल रहा है। अनुराग कश्यप वेब सीरीज “बैड कॉप” में एक्टिंग करेंगे। उन्होंने एक इंटरव्यू में स्टार्स की बढ़ती फीस के बारे में भी बात की और एक एक्टर के महंगे शेफ के बारे में विचारों को बयां किया।

HIGHLIGHTS

  1. स्टार्स बढ़ा देते हैं शूटिंग का खर्च
  2. महंगे शेफ ने उड़ाए अनुराग के होश
  3. हेल्दी फूड के नाम पर चिड़िया का खाना

नई दिल्ली के एंटरटेनमेंट डेस्क से जानकारी मिलती है कि स्टार्स की बढ़ती फीस के मुद्दे पर कई फिल्ममेकर्स ने अपनी राय रखी है। अनुराग कश्यप ने हाल ही में इस चिंता को उजागर किया था। उन्होंने इस मुद्दे पर फिर से बात की है। उन्होंने एक एक्टर के पर्सनल शेफ के बारे में भी बताया, जो रोज 2 लाख रुपये का चार्ज करता था और हेल्दी फूड के नाम पर अनुभवी चिड़िया का खाना सर्व करता था।

अनुराग कश्यप बॉलीवुड के उन डायरेक्टर्स में गिने जाते हैं, जो अपनी बात बेबाकी से रखते हैं। कुछ दिनों पहले स्टार्स की बढ़ती फीस के मुद्दे पर उन्होंने आमिर खान, सलमान खान और शाह रुख खान की तारीफ की थी। वहीं, अब उन्होंने फिजूलखर्ची करने वाले स्टार्स को लताड़ लगाई है।

अनुराग कश्यप

रोज का दो लाख चार्ज करता था शेफ

अनुराग कश्यप ने हालिया इंटरव्यू में बिना किसी का नाम लिए एक एक्टर के बारे में बताया। जेनिस सिकेरिया के साथ बात करते हुए डायरेक्टर ने कहा, “कोई हैं जिनका शेफ है, जो हर दिन एक अजीब सा हेल्दी खाना बनाने के लिए 2 लाख रुपये चार्ज करता है। उन्हें देखकर लगता है कि ये खाना है? ये तो चिड़िया का खाना है।”

शेफ के आगे मजबूर था एक्टर

अनुराग कश्यप ने अपने हाथों से इशारा करते हुए बताया कि खाने की मात्रा कितनी कम होती थी। उन्होंने आगे कहा, “इतना छोटा सा आता था।” अनुराग ने यह भी बताया कि एक्टर ऐसा इसलिए करते थे क्योंकि उन्हें हेल्थ प्रॉब्लम थी और उन्हें एक खास तरह का खाना चाहिए होता था। उन्होंने यह भी बताया कि एक्टर ने उनसे कहा, “मैं सिर्फ यही खाता हूं। मुझे बहुत सारी एलर्जीज हैं।”

स्टार्स फालतू में बढ़ाते हैं खर्च

ये पहली बार नहीं है जब अनुराग कश्यप ने एक्टर्स की मनमानी मांगों पर पलटवार किया है। उन्होंने अपने एक अन्य इंटरव्यू में एक्टर्स के नखरों के बारे में बताया था। इंडियन एक्सप्रेस के साथ बातचीत में अनुराग कश्यप ने यह भी बताया था कि आउटडोर शूट पर एक स्टार ने शूटिंग लोकेशन से कई किलोमीटर दूर से हैमबर्गर मंगाया था। उनका कहना है कि इस तरह से शूटिंग के दौरान अनावश्यक खर्चे बढ़ते हैं, जिससे पूरी टीम पर असर पड़ता है।

NEET पेपर लीक: पटना ही नहीं, सिकंदर ने रांची में भी किया था पेपर लीक, 10 करोड़ की साजिश का हुआ खुलासा

NEET पेपर लीक 2024: नीट पेपर लीक मामले में हर दिन नए खुलासे हो रहे हैं। अब जो जानकारी सामने आई है, उसके अनुसार पटना के अलावा रांची के केंद्रों पर परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों को भी नीट परीक्षा के प्रश्नपत्र मिले थे। सूत्रों के मुताबिक, रांची में परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों के पास प्रश्नपत्र एक रात पहले ही पहुंच गए थे।

HIGHLIGHTS

  1. रांची के एक होटल में अभ्यर्थियों के साथ अवधेश ने की थी डील, जहां से केंद्रीय एजेंसी को मिली थी सूचना
  2. सिकंदर की कार में जिनके एडमिट कार्ड मिले थे, केवल उन अभ्यर्थियों की पहचान कर पाई एजेंसी
  3. नीट पेपर लीक के माध्यम से 10 करोड़ रुपये के वारे-न्यारे की थी साजिश

NEET

नीट यूजी (राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा, अंडर ग्रेजुएट) पेपर लीक कांड में बिहार पुलिस (Bihar Police) की जांच गिरफ्तार आरोपियों और अभ्यर्थियों के आसपास ही केंद्रित है, लेकिन इस गिरोह का नेटवर्क पूरे देश में फैला हुआ है।

सूत्रों के अनुसार, पटना के अलावा रांची (झारखंड) के केंद्रों पर परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों तक भी प्रश्नपत्र एक रात पहले ही पहुंचा दिए गए थे। बताया जा रहा है कि रांची के कांके इलाके में रिंग रोड पर एक से तीन मई तक कई अभ्यर्थियों और उनके अभिभावकों के साथ गिरोह के सदस्यों की बैठकें हुईं। इन बैठकों में पेपर लीक की योजना बनाई गई और प्रश्नपत्रों को कैसे वितरित किया जाए, इस पर चर्चा की गई।

गिरफ्तार अभ्यर्थी अभिषेक के पिता अवधेश कुमार भी उन बैठकों में शामिल थे। बताया जा रहा है कि दानापुर नगर परिषद के निलंबित कनीय अभियंता सिकंदर कुमार यादवेंदु भी उस होटल में आते-जाते थे। इसी होटल से रांची स्थित एक केंद्रीय एजेंसी को नीट पेपर लीक की जानकारी मिली और इसमें सिकंदर का नाम सामने आया।

सिकंदर की झारखंड में पंजीकृत कार का नंबर भी उसी होटल से मिला था। इसके बाद केंद्रीय एजेंसी ने पटना पुलिस के साथ जानकारी साझा की, जिससे सिकंदर को गिरफ्तार किया जा सका।

हालांकि, बिहार पुलिस केवल उन अभ्यर्थियों की पहचान कर पाई, जिनके एडमिट कार्ड सिकंदर के पास मिले थे। केंद्रीय एजेंसी को भी रांची के ठिकानों और पैसे के बल पर प्रश्नपत्र खरीदने वाले अन्य अभ्यर्थियों का पता नहीं चल सका। इस गिरोह का नेटवर्क इतना विस्तृत और संगठित था कि अब तक कई अहम जानकारीयों का खुलासा नहीं हो पाया है, जिससे जांच एजेंसियों के सामने बड़ी चुनौतियां आ रही हैं।

NEET

अवधेश की तलाश में थी केंद्रीय एजेंसी

सूत्रों के अनुसार, वह होटल किसी विजय नामक व्यक्ति का है। केंद्रीय एजेंसी अवधेश की तलाश में थी, लेकिन वह अपने बेटे को परीक्षा दिलाने के लिए पटना चले गए थे।

वहीं, सिकंदर का एक अन्य करीबी व्यक्ति केंद्रीय एजेंसी की घेराबंदी से पहले ही फरार हो गया था। केंद्रीय एजेंसी के कुछ अधिकारी यात्री बनकर उस होटल में पहुंचे थे|

उन्होंने रजिस्टर पर सरसरी निगाह डाली, लेकिन किसी कमरे में संदिग्ध व्यक्ति के ठहरे होने की जानकारी नहीं मिली। इसके बाद, दो एजेंसी कर्मियों ने एक कमरा बुक किया और वेटर से बातचीत शुरू कर दी। बातचीत के दौरान उन्हें सिकंदर की कार का नंबर पता चला और यह भी जानकारी मिली कि सभी संदिग्ध लोग पटना गए हुए हैं। इस तरह एजेंसी ने सिकंदर और अन्य संदिग्धों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी हासिल की।

केंद्रीय एजेंसी के पास तुरंत कोई साक्ष्य नहीं था, जिससे सिकंदर, अवधेश और अन्य लोगों को हिरासत में लिया जा सकता था और उनके खिलाफ पूछताछ की जा सकती थी।

अनुज नामक व्यक्ति वसूल रहा था रुपये

सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय एजेंसी को अनुज नामक एक युवक के बारे में भी जानकारी मिली थी, जो सिकंदर की तरह पटना में धीरज के साथ रुपयों की हेराफेरी करता था।

कहा जा रहा था कि रांची में लगभग 25 अभ्यर्थियों को एक केंद्र पर प्रश्नपत्र दिलवाया गया था। प्रत्येक अभ्यर्थी से यहां भी 40-40 लाख रुपये की वसूली की गई थी। एक 10 करोड़ रुपये से अधिक के वारे-न्यारे की साजिश भी थी।

रांची के अभ्यर्थियों से ली गई अग्रिम राशि, मूल शैक्षणिक प्रमाणपत्र और पोस्टडेटेड चेक आदि अनुज के पास ही सुरक्षित हैं। संभव है कि पहचान उजागर नहीं होने के कारण अभ्यर्थियों से पूरी रकम वसूल ली गई होगी।