भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के एक मुख्य नेता अतुल अंजान, जो कैंसर से लड़ रहे थे, उनका निधन लखनऊ के एक अस्पताल में हो गया। उन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्र संघ अध्यक्ष के रूप में अपना प्रारंभिक राजनीतिक सफ़र किया और उनका नाम भारतीय वामपंथी राजनीति में प्रसिद्ध था।
लखनऊ में शुक्रवार को भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के प्रमुख नेता अतुल अंजान का निधन हो गया। कुछ दिनों से बीमार चल रहे अतुल अंजान ने लखनऊ के एक अस्पताल में अंतिम सांस ली। वे बीते एक महीने से लखनऊ के गोमतीनगर स्थित मेयो अस्पताल में कैंसर से जूझ रहे थे। लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्रसंघ अध्यक्ष के रूप में अपना राजनीतिक सफर शुरू करने वाले अतुल अंजान भारतीय वामपंथी राजनीति में एक प्रमुख नाम थे।
किसानों और मजदूरों के संघर्ष से, जिन्होंने उनके लिए उठाई आवाज़, हर दल और सभी क्षेत्रों के लोगों के दिलों में उनके प्रति विशेष सम्मान था। तेज-तर्रार छात्र नेता के रूप में अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत करने वाले अतुल अंजान ने अपनी भाषण कला के जरिए यूपी की राजनीति में एक अलग मुकाम हासिल किया था। जानकारी के मुताबिक, उन्हें एडवांस स्टेज का कैंसर था, जिसका उन्होंने लखनऊ के अस्पताल में इलाज किया था।
अतुल अंजान ने अपनी 20 साल की उम्र में सबसे पहले छात्र राजनीति में कदम रखा था। उन्होंने नैशनल कॉलेज स्टूडेंट यूनियन के अध्यक्ष का पद ग्रहण किया और इसके बाद लखनऊ विश्वविद्यालय में चार बार छात्र संघ अध्यक्ष का चुनाव जीता। अतुल यूपी के पुलिस-पीएसी विद्रोह के प्रमुख नेताओं में से एक थे और उन्हें आधा दर्जन भाषाओं की जानकारी थी। उनके राजनीतिक करियर में वे चार साल की जेल भी काटे। अतुल अंजान के पिता एपी सिंह ने हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन की कार्यक्रमों में भाग लिया था।