अरविन्द केजरीवाल की गिरफ़्तारी के बाद अब राघव चड्डा चर्चा में

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अरविन्द केजरीवाल की गिरफ़्तारी

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ईडी की हिरासत में हैं। उन्हें 21 मार्च को ईडी ने गिरफ़्तार किया था। उनकी गिरफ़्तारी दिल्ली की आबकारी नीति में कथित घोटाले से जुड़े केस के संदर्भ में हुई है। गिरफ़्तारी के बाद, आम आदमी पार्टी के समर्थक और कार्यकर्ता सड़कों पर आए हैं। इसके साथ ही, पार्टी से जुड़े नेता भी मीडिया के सामने हर छोटी-बड़ी बात रखने के लिए सक्रिय हैं। इनमें आतिशी, सौरभ भार्द्वाज, संदीप पाठक, गोपाल राय सहित अन्य नेता शामिल हैं। अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल भी सामने हाजिर हैं। इन सभी के बीच, पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा पूरे घटनाक्रम में अधिक अग्रसर नहीं दिख रहे हैं।

अरविन्द केजरीवाल की गिरफ़्तारी

मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि राघव चड्ढा लंदन में आँखों की सर्जरी के लिए हैं। इस समय कोई आधिकारिक जानकारी उपलब्ध नहीं है।

आम आदमी पार्टी के प्रमुख चेहरों में से एक माने जाने वाले राघव चड्ढा के बारे में सोशल मीडिया पर कई प्रश्न उठाए जा रहे हैं। लोग पूछ रहे हैं कि लोकसभा चुनाव के नज़दीक होने के बावजूद और पार्टी के संयोजक की गिरफ़्तारी के मौक़े पर राघव चड्ढा कहाँ हैं।

राघव चड्ढा लंदन में हैं!

अरविंद केजरीवाल की गिरफ़्तारी के दिन के अगले दिन, अंग्रेज़ी अख़बार टाइम्स ऑफ़ इंडिया ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी, जिसमें कहा गया था कि राघव चड्ढा लंदन में आठ मार्च से हैं।

राघव चड्ढा ने नौ मार्च को लंदन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स के लंदन इंडियन फ़ोरम में भाषण भी दिया था। इस बारे में जानकारी राघव चड्ढा ने ख़ुद ट्वीट करके दी थी।

अरविन्द केजरीवाल की गिरफ़्तारी

राघव चड्ढा ने इसके बाद किए ट्वीट में बताया कि उन्होंने अपनी पत्नी और अभिनेत्री परिणीति चोपड़ा के साथ 20 मार्च को ब्रिटेन की संसद में साप्ताहिक होने वाले ‘प्राइम मिनिस्टर क्वेश्चन्स’ का हिस्सा बनाया। प्राइम मिनिस्टर क्वेश्चन्स के दौरान ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक विपक्षी सांसदों के सवालों के जवाब देते हैं।

इसके बाद पार्टी सूत्रों के हवाले से समाचार एजेंसी पीटीआई ने बताया कि राघव चड्ढा लंदन में आंखों की सर्जरी करवाएंगे।

इस बीच ब्रिटेन की लेबर पार्टी की सांसद प्रीत कौर गिल ने राघव चड्ढा के साथ हुई मुलाक़ात की एक तस्वीर ट्वीट की, जिसके बाद भारतीय जनता पार्टी ने राघव चड्ढा पर हमलावर रुख़ अपनाया।

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने राघव चड्ढा का नाम लिए बगैर कहा, “ये किस तरह की सरकार (पंजाब में) है? राज्य के एक सांसद ऐसे लोगों के साथ खड़े हैं जो भारत के ख़िलाफ़ बोलते हैं और आतंकवाद का समर्थन करते हैं.”

प्रीत कौर गिल खालिस्तान के समर्थन में बोलती आई हैं, जिसकी वजह से वह भारत सरकार के निशाने पर भी रही हैं.

बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने राघव चड्ढा की प्रीत गिल के साथ तस्वीर को शेयर करते हुए सवाल किया, “भारत में चुनावों का एलान हो गया है लेकिन अरविंद केजरीवाल की आंखों का तारा माने जाने वाले राघव चड्ढा लंदन में हैं. क्यों? चड्ढा प्रीत गिल से संपर्क में क्यों हैं?”

उन्होंने ये भी कहा कि “राघव चड्ढा आंखों की सर्जरी दिल्ली के अस्पताल में क्यों नहीं करवा रहे.”

अरविन्द केजरीवाल की गिरफ़्तारी

राघव चड्ढा को लेकर क्या कहा जा रहा है?

अरविंद केजरीवाल की गिरफ़्तारी के अगले दिन वरिष्ठ अधिवक्ता और कांग्रेस के पूर्व नेता कपिल सिब्बल ने प्रतिक्रिया दी. उन्होंने इस दौरान ये भी कहा कि गिरफ़्तार होने वालों में अब अगला नंबर राघव चड्ढा का है.

कपिल सिब्बल ने कहा, “के कविता और अरविंद केजरीवाल को गिरफ़्तार किया गया. अब अगले राघव चड्ढा होंगे. इसके बाद और लोगों को गिरफ़्तार किया जाएगा जो इस देश के चुनाव में मुख्य खिलाड़ी हैं.”

कुछ सोशल मीडिया यूज़र्स ये कह रहे हैं कि पार्टी पर संकट के इस समय में राघव चड्ढा दूरी बरत रहे हैं. कुछ यूज़र उनके बीजेपी जाने की अटकलें भी लगा रहे हैं.

सोशल मीडिया साइट एक्स पर एक यूज़र ने पूछा कि जब चुनाव सिर पर हैं और आम आदमी पार्टी के नेता जेल में हैं, तब राघव चड्ढा कहां हैं?

वहीं एक अन्य यूज़र ने पूछा, “इतना सब कुछ होने के बीच राघव चड्ढा कहां हैं? अगर आने वाले सप्ताहों में वह बीजेपी में शामिल हो जाएं, तो मुझे कोई हैरानी नहीं होगी.”

एक यूज़र ने पूछा, “राघव चड्ढा कहां है? वो मौक़े से लापता हैं. क्या उन्हें ‘आप’ ने बाहर का रास्ता दिखा दिया है?”

एक्स पर खुद को आम आदमी पार्टी की ख़ास बताने वाली एक यूज़र लिखती हैं, “राघव जी किधर हो, दिल्ली आओ सड़कों पर उतरो, पार्टी को सबसे ज़्यादा आपकी ज़रूरत है.”

अरविंद केजरीवाल के सबसे क़रीबी लोगों में से एक माने जाने वाले राघव चड्ढा की इस पूरे मुद्दे से दूरी बनाए जाने को पंजाब यूनिवर्सिटी के राजनीतिक विज्ञान विभाग के प्रोफ़ेसर डॉक्टर आशुतोष कुमार भी सामान्य नहीं मानते।

अरविन्द केजरीवाल की गिरफ़्तारी

वह कहते हैं, “राघव चड्ढा की भगवंत मान से कई मुद्दों पर असहमति की ख़बरें आती रही हैं। अगर राघव को उनसे तकलीफ़ है तो भी अरविंद केजरीवाल के साथ हर समय दिखने वाले चड्ढा अब अपने नेता की गिरफ़्तारी के बाद भी कहीं नहीं हैं। ये अजीब बात है।”

राघव चड्ढा के बीजेपी में जाने की अटकलों को भी वह ग़लत नहीं मानते।

प्रोफ़ेसर आशुतोष कहते हैं, “ऐसा बिल्कुल संभव है। बीजेपी के पास पंजाब में कोई प्रभावशाली नेता नहीं है। राघव चड्ढा युवा हैं, अपनी बातों को वे न सिर्फ़ सही तरह से गढ़ते हैं बल्कि उनकी लोगों के बीच एक अच्छी पहुंच भी है। बीजेपी वैसे भी ऐसे नेताओं की तलाश में है। बीजेपी का फ़ोकस 2027 का पंजाब विधानसभा चुनाव है। उस पर से राघव चड्ढा खत्री समुदाय से आते हैं जो प्रभावशाली माने जाते हैं और शहरी वोटर हैं। बीजेपी का मतदाता भी इसी वर्ग का है। राघव बीजेपी के लिए बहुत फ़ायदेमंद साबित हो सकते हैं।”

राघव चड्ढा सोशल मीडिया पर सक्रिय हैं

राघव चड्ढा अभी दिल्ली में नहीं हैं, लेकिन बीते गुरुवार रात, जब अरविंद केजरीवाल के घर पर ईडी पहुंची, उस समय से ही राघव चड्ढा सोशल मीडिया पर सक्रिय रहे हैं।

केजरीवाल की गिरफ़्तारी के बाद, राघव चड्ढा ने ट्वीट किया, “भारत में अभी तक घोषित आपातकाल है। अरविंद केजरीवाल दूसरे ऐसे सीएम हैं जिन्हें चुनाव से पहले ही गिरफ़्तार किया गया है। हम किस दिशा में बढ़ रहे हैं? भारत में एजेंसियों का इतना बेजा इस्तेमाल कभी नहीं देखा गया है।”

राघव चड्ढा ने अगले दिन एक वीडियो संदेश जारी किया, जिसमें उन्होंने अरविंद केजरीवाल सरकार की उपलब्धियों का जिक्र किया और कहा, “बहुत दिनों से इस चर्चा में था कि अरविंद केजरीवाल को साजिश के तहत गिरफ़्तार किया जाएगा, और आज वह सत्य हो गया।”

प्रोफ़ेसर आशुतोष कुमार, हालांकि, राघव चड्ढा के सोशल मीडिया पर दिखाई गई सक्रियता को अधिक महत्व नहीं देते हैं।

उन्होंने हाल ही में कांग्रेस से बीजेपी में शामिल होने वाले लुधियाना के सांसद रवीन सिंह बिट्टू का उदाहरण दिया और बताया, “रवनीत सिंह बिट्टू भी सोशल मीडिया पर हर दिन कांग्रेस के समर्थन में पोस्ट लिखते थे, लेकिन एक दिन अचानक वह बीजेपी में चले गए। इसलिए सोशल मीडिया पर कोई क्या लिखता है, उसका ज़्यादा महत्व नहीं है।”

राघव चड्ढा की आम आदमी पार्टी में भूमिका

अरविन्द केजरीवाल की गिरफ़्तारी

सन् 2013 में जब अन्ना हजारे का भ्रष्टाचार विरोध आंदोलन अपने अंतिम चरण में था, उस समय राघव चड्ढा को अरविंद केजरीवाल से मिला।

पेशेवर चार्टर्ड एकाउंटेंट के रूप में राघव चड्ढा लंदन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स से शिक्षा प्राप्त करने के बाद भारत लौटे।

एक डेली ओ की रिपोर्ट के अनुसार, राघव चड्ढा को पार्टी में पहला कार्य दिल्ली जनलोकपाल बिल के ड्राफ्ट को तैयार करने वाले वकील राहुल मेहरा का सहायक बनाया गया था। इस जिम्मेदारी को उन्हें अरविंद केजरीवाल ने सौंपा था।

राघव चड्ढा ने पार्टी में अधिक युवा प्रवक्ता के रूप में उपाधि हासिल की और कुछ ही समय में उन्हें टेलीविज़न पर आम आदमी पार्टी का चेहरा बना दिया गया।

आम आदमी पार्टी की वेबसाइट के अनुसार, राघव साल 2013 में पार्टी की घोषणापत्र तैयार करने वाली टीम के सदस्य थे। कुछ समय के लिए, उन्हें पार्टी के कोषाध्यक्ष भी नियुक्त किया गया था।

एक दशक पहले, वालंटियर के रूप में अरविंद केजरीवाल की टीम में शामिल होने के बाद, राघव चड्ढा अब उनके सबसे विश्वसनीय रणनीतिकारों में गिने जाते हैं।

2019 में, राघव चड्ढा ने दक्षिणी दिल्ली से संसदीय चुनाव लड़ा, लेकिन वे असफल रहे। इसके बाद, 2020 में वे दिल्ली की राजेंद्र नगर सीट से जीत दर्ज की।

अरविन्द केजरीवाल की गिरफ़्तारी

मार्च 2022 में, राघव चड्ढा को और चार लोगों को आम आदमी पार्टी ने पंजाब से राज्यसभा के लिए नामित किया। उस समय, राघव चड्ढा 33 साल के थे और वे सबसे युवा सांसद बने।

माना जाता है कि 2022 में पंजाब में हुई आम आदमी पार्टी की बड़ी जीत में राघव चड्ढा का महत्वपूर्ण योगदान था। पंजाब की सफलता के बाद, पार्टी ने उन्हें 2022 के अंत में गुजरात विधानसभा चुनाव की भी जिम्मेदारी दी और सह प्रभारी बनाया।

 

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