भारत में इस साल हीटवेव लंबे समय तक चलेगी, अप्रैल से जून के बीच देश के 85% क्षेत्रों में तपेगा

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हीटवेव

भारत में इस साल हीटवेव के कारण लोगों को अधिक गर्मी का अनुभव हो रहा है। हीटवेव के कारण लोगों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। जलवायु परिवर्तन के कारण दुनिया भर में हीटवेव के दिनों में बढ़ोतरी देखी जा रही है। इसके कारण आने वाले दिनों में लोगों को लंबे समय तक भारी गर्मी का सामना करना पड़ सकता है।

हीटवेव

HIGHLIGHTS

  1. इस साल भारत में पड़ेगी भीषण गर्मी
  2. हीटवेव के कारण लोगों को होगी परेशानी
  3. 200 से अधिक राज्यों ने की तैयारी
  4. देश का 85% हिस्सा होगा हीटवेव की चपेट में

आगामी दिनों में आपको भारी गर्मी का सामना करना पड़ सकता है। मौसम विभाग के अनुसार, 2024 के गर्मियों के मौसम (अप्रैल से जून) के दौरान, देश के अधिकांश क्षेत्रों में अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक होने की संभावना है। इसके साथ ही न्यूनतम तापमान भी सामान्य से अधिक रहेगा।

अप्रैल महीने में दक्षिणी भारत के अधिकांश हिस्सों, मध्य भारत, पूर्वी भारत, और उत्तर-पश्चिमी भारत के मैदानी क्षेत्रों में हीटवेव की संभावना है।

हाल ही में विज्ञान एडवांस जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, जलवायु परिवर्तन के कारण दुनिया भर में हीटवेव के दिनों में वृद्धि हुई है। आगामी दिनों में लोगों को अधिक समय तक भीषण गर्मी का सामना करना पड़ सकता है।

2016 के बाद से बढ़ी हीटवेव

रिपोर्ट के अनुसार, 1979 से 1983 तक, पूरी दुनिया में हीट वेव की लहरें औसतन आठ दिनों तक चलती थीं, लेकिन 2016 से 2020 तक यह अवधि 12 दिनों तक बढ़ गई है।

भारतीय मौसम विभाग ने सोमवार को अप्रैल से जून तक देश के 85% क्षेत्र में हीटवेव के कई चरणों की संभावना जताई है। इससे तापमान सामान्य से 5 डिग्री से अधिक बढ़ सकता है। 2023 में यह आंकड़ा 60% तक था। अगले हफ्ते से ही तापमान 2 से 5 डिग्री तक वृद्धि कर सकता है।

राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा, और आंध्र प्रदेश में सबसे अधिक लू का असर देखने को मिलेगा। इस दौरान, लू का दौर भी 20 दिन तक चल सकता है। सामान्यत: इन महीनों में 4 से 8 दिन तक लू का असर रहता है, लेकिन इस बार 23 राज्यों में 10 से 20 दिनों का लू का दौर देखने को मिलेगा। पहले सबसे लंबा लू का दौर 31 मई से 20 जून 2023 को था, जब पूर्वी उत्तर प्रदेश, ओडिशा, और झारखंड में 21 दिन तक लू चली थी।

200 से अधिक शहरों ने बनाया एक्शन प्लान

इस बार का पूर्वानुमान कई मॉडलों के विश्लेषण पर आधारित है। यह भी संभावना है कि कोई एक लू दौर पिछले रिकॉर्ड को तोड़ दे। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की हीटवेव गाइडलाइन के अनुसार, 23 राज्यों और 200 से अधिक शहरों ने पहले से ही एक्शन प्लान तैयार कर लिया है।

मौसम विभाग के अनुसार, 2024 के गर्मियों के मौसम (अप्रैल से जून) के दौरान, देश के अधिकांश क्षेत्रों में अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक रहने की संभावना है। इसके साथ ही, न्यूनतम तापमान भी सामान्य से अधिक रहेगा।

अप्रैल माह में दक्षिणी प्रायद्वीप के अधिकांश हिस्सों, मध्य भारत, पूर्वी भारत और उत्तर-पश्चिमी भारत के मैदानी इलाकों में हीटवेव की संभावना जताई गई है।

हाल ही में साइंस एडवांस जर्नल में प्रकाशित एक शोध के अनुसार, जलवायु परिवर्तन के कारण दुनिया भर में हीट वेव के दिनों में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इससे आने वाले दिनों में लोगों को ज्यादा दिनों तक भीषण गर्मी का सामना करना पड़ सकता है।

रिपोर्ट के अनुसार, 1979 से 1983 तक, पूरी दुनिया में हीट वेव की लहरें औसतन आठ दिनों तक चलती थीं, लेकिन 2016 से 2020 तक यह 12 दिनों तक बढ़ गई हैं।

मध्य, पश्चिमी प्रायद्वीपीय भारत में भी पड़ेगी हीटवेव का बुरा असर

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के डायरेक्टर जनरल, मृत्युंजय महापात्रा, ने बताया कि देश के अधिकांश क्षेत्रों में अगले कुछ दिनों तक अधिक तापमान की संभावना है। विशेष रूप से मध्य और पश्चिमी भारत में इसका असर ज्यादा हो सकता है। उन्होंने कहा कि पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र, पूर्वोत्तर राज्यों, और उत्तरी ओडिशा के कुछ हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य से कम हो सकता है।

महापात्रा ने बताया कि इस अवधि में मैदानी इलाकों के बहुत से क्षेत्रों में सामान्य से अधिक उच्च तापमान की संभावना है। देश के विभिन्न हिस्सों में, आमतौर पर, 4 से 8 दिनों की बजाय 10 से 20 दिनों तक लू का असर रह सकता है।

IMD के डायरेक्टर जनरल ने कहा कि गुजरात, मध्य महाराष्ट्र, उत्तरी कर्नाटक, राजस्थान, मध्य प्रदेश, ओडिशा, उत्तरी छत्तीसगढ़, और आंध्र प्रदेश में गर्मियों का अधिक प्रभाव हो सकता है।

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अप्रैल में, देश के अधिकांश क्षेत्रों में सामान्य से अधिक तापमान की संभावना है, खासकर मध्य और दक्षिण भारत में। पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र और पूर्वोत्तर राज्यों के कुछ हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य से कम हो सकता है।

इस बार होगी कम बारिश?

मौसम विभाग के अनुसार, अप्रैल 2024 में भारत के बड़े हिस्से में औसत से अधिक बारिश की संभावना है। उत्तर-पश्चिम भारत के अधिकांश क्षेत्रों, मध्य भारत के कई हिस्सों, उत्तरी प्रायद्वीपीय भारत, और पूर्व और उत्तर-पूर्व भारत के कुछ हिस्सों में बारिश की मात्रा सामान्य से अधिक होने की संभावना है। वहीं, पूर्वी और पश्चिमी तटों, पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत के कुछ हिस्सों, और पश्चिम मध्य भारत में बारिश की मात्रा सामान्य से कम होने की आशंका है।

कमजोर पड़ रहा अल नीनो

मौसम विभाग के अनुसार, अप्रैल 2024 में भारत के बड़े हिस्से में औसत से अधिक बारिश की संभावना है। उत्तर-पश्चिम भारत के अधिकांश क्षेत्रों, मध्य भारत के कई हिस्सों, उत्तरी प्रायद्वीपीय भारत, और पूर्व और उत्तर-पूर्व भारत के कुछ हिस्सों में बारिश की मात्रा सामान्य से अधिक होने की संभावना है। वहीं, पूर्वी और पश्चिमी तटों, पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत के कुछ हिस्सों, और पश्चिम मध्य भारत में बारिश की मात्रा सामान्य से कम होने की आशंका है।

भोपाल सहित 40 से ज्यादा जिले में होगी भयंकर गर्मी

मध्य प्रदेश में इस बार अप्रैल और मई महीनों में भारी गर्मी की संभावना है। ग्वालियर, चंबल, विंध्य, बुंदेलखंड, निमाड़, भोपाल संभाग, और मालवा के क्षेत्रों को छोड़कर, इन इलाकों में तेज गर्मी की प्रत्याशा है। ये क्षेत्र 40 से अधिक जिलों में पिछले सभी तापमान रिकॉर्ड को तोड़ सकते हैं। अप्रैल और मई महीने में, कई जगहों पर पारा 47 से 48 डिग्री तक भी पहुंच सकता है।

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कहां-कहां चलेगी लू

अप्रैल में पश्चिमी हिमालय क्षेत्र और उत्तर-पूर्वी राज्यों के कुछ हिस्सों में सामान्य से कम तापमान की संभावना है। मध्य भारत के कई इलाकों, उत्तरी मैदानी इलाकों, और दक्षिण भारत के आसपास के क्षेत्रों में अप्रैल में सामान्य से अधिक गर्मी के दिन होने की संभावना है। महापात्रा ने बताया कि इन क्षेत्रों में आमतौर पर दो से आठ दिनों तक लू चलने की संभावना है, जो कि एक से तीन दिनों की तुलना में अधिक हो सकती है।

 

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